गुजरात के नवसारी जिले मे प्रधान डाकघर मे सूत्रों के हवाले से और नागरिकों के द्वारा मिली फरियाद पर जाच करने पर पता चला कि आज भी नवसारी के हेड पोस्ट प्रधान डाकघर मे सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 जैसे भ्रष्टाचार विरोधी कानून केंद्र सरकार लागू नहीं करवा पाई। पर्यावरण मानव अधिकार संस्था के प्रदेश अध्यक्ष और लोकरक्षक के सम्पादक डा.मिश्रा के द्वारा इस कार्यालय के मुख्य अधिकारी से मुलाकात की। यहाँ हो रहे भ्रष्टाचार के जवाब मे अधिकारीयो ने एक दूसरे की जवाबदेही को बताकर पल्ला झाड़ लिया। नवसारी जिले को यहां अभी तक जिला नही माना जाता। पोस्ट बोक्स की सुविधा सिर्फ नागरिकों को गुमराह करने के लिये ही बनाया गया है। बाहर से बंध रहता है। एक भी चावी से नही खुलता । कचरे की पेटी की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है। मुख्य अधिकारी श्री यहां टाइम पास करने आते है। ज्यादातर कर्मचारी अधिकारी गुन्डागिर्दी और मौज मस्ती करते पाये गये। कर्मचारी युनिफोर्म रहना शरमजनक समझते है। सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 यहां लकवा ग्रस्त पाया गया। एक बोर्ड लगाने मे अधिकारी संकोच मे डूबते पाये गये। प्रधान डाकघर मे हालत बद से बदतर पाई गई।
नवसारी जिले के मुख्य डाकघर के अधिकारी यो को प्रादेशिक भाषा गुजराती और राष्ट्रीय भाषा हिन्दी भी नहीं आती। वह जवाब अंग्रेजो की अंग्रेजी मे दे सकते है। जो कानूनन गलत ही शही अपराध भी है। आज भी इस अंग्रेजो की भाषा को जानने वालों की संख्या अगुलियों पर गिना जा सकती है। ऐसे अधिकारी गुजरात के विकास मे बाधा स्वरूप है। यहां पत्रो का जवाब गुजराती मे ही देना चाहिए। हालांकि अंग्रेजी भाषा भी पूरी नहीं आती।
प्रधान डाकघर नवसारी की हालत जब इस प्रकार है फिर इसके आधीन के डाकघरों की हालत को शब्दों मे बयान करना मुश्किल है।इस समाचार को जब आप पढ रहे है फिर आपसे भी निवेदन है कि यदि आप किसी पद पर है तब इस विषय पर अपनी प्रतिक्रिया अवश्य दे।और हो सके तो मदद भी करें। इस समाचार को गंभीरता से लेकर यहां के प्रधान डाकघर के मुख्य अधिकारी श्री तत्काल प्रभाव से नवसारी जिले मे भ्रष्टाचार मुक्त डाकघर और सरकार के सभी नियमों का पालन करवाने की कार्यवाई करेंगे। जिसकी आज अत्यंत जरूरत और नागरिको की मांग है।
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