Friday, October 30, 2020

नवसारी जिले में सिक्युरिटी और मजूरों के शोषण करने वाले ठेकेदारों को सरकारी सेवालय योजना ..! नवसारी कृषि युनिवर्सिटी ने किया पहल..! श्रम आयुक्त अधिकारी जांच करने के लिए मुहूर्त के मैदान में भटके ..?

नवसारी जिले में सिक्युरिटी और मजूरों के शोषण करने वाले ठेकेदारों को सरकारी सेवालय योजना ..! नवसारी कृषि युनिवर्सिटी ने किया पहल..! श्रम आयुक्त अधिकारी जांच करने के लिए मुहूर्त के मैदान में भटके ..?

                                                     आज कोरोना महामारी में भारत देश आर्थिक तंगी से गुजर रहा है। सरकार रात दिन नई नई योजनाएं बना रही है। भारत जैसे विशालकाय देश के प्रधानमंत्री आज कोरोना संकट से उबरने के लिए हाथ जोड़कर अपील कर रहे हैं। आज भुखमरी के बादल मड़रा रहे हैं। गरीबो के पालनहार उद्योग पतियो की हालत बद से बदतर हो चुकी है। आज गरीबो के रोजगार का पतन हो चुका है। सभी क्षेत्रों में त्राहिमाम की खबरें चर्चित हैं। प्रधानमंत्री द्वारा महिलाओं के खाते में पाच सौ रूपये योजना में महिलाओं की एक एक किलोमीटर की लाइन भुखमरी की आगाज का नजारा दिखा चुकी हैं। मंहगाई अपने चरमसीमा पर बैठकर न उतरने की कसम खा चुकी हैं। कोरोना जैसी महामारी प्रतिदिन नया नया रूप लेकर प्रगट हो रही है। पूरे बिश्व में अभी तक इस बीमारी की दवा खोजने के लिए सभी एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं। दूसरी तरफ गरीब नागरिकों का  चंद ठेकेदार शोषण करने में सभी हद पार कर चुके हैं। नवसारी जिले में वैसे तो सरकार नागरिकों मजदूरों के शोषण की रोकथाम के लिए वर्षो से पूरी फौज तैनात करके रखा है। और इन सभी को सरकार सभी सुविधाओं के साथ राजशी ठाट बाट भी मुहैया करवाती है। राजाशाही वेतन और सुविधाओं में ए भूल चुके हैं कि यह इन्हे जागीर अथवा हक म़े मिली नही है। वर्षों तक ऐसो आराम करते हुए  सरकार के अधिकारी भूल चुके हैं कि ए मालिक नही हैं। सूत्रों के हवाले से मिल रही खबरो के अनुसार देश की सर्वश्रेष्ठ कृषि युनिवर्सिटी गुजरात के नवसारी जिले में मफतलाल जैसे दानवीर की धरोहर है। भारत कृषि प्रधान देश है। किसानों के विकास के लिए इसे भारत और गुजरात सरकार के विशिष्ट योगदान से नवसारी कृषि युनिवर्सिटी आज विश्व विख्यात है। परंतु  सिक्योरिटी में कार्यरत गरीब भाईयो का शोषण यहाँ भी दिल खोलकर किया जाता है। नागरिकों के हितलक्षी, भ्रष्टाचार विरुद्ध कानून को नवसारी कृषि युनिवर्सिटी भी मानने में ज्यादातर कार्यालय के अधिकारी गुनाह समझते हैं। 21वी सदी जिसे भारत डिजिटल होने के कगार पर है। यहां अधिकतर अधिकारी अभी भी प्राचीन परंपराओं के पूजक हैं। लघुतम मासिक वेतनमान अधिनियम 1948 जिसे भारत की आजादी के बाद बनाया गया है। आज 72 वर्षो के बाद भी यहाँ पहुंच नही पाया हो ऐसा मानना भी ठीक नही होगा। परंतु चाहे सरकार के जांच अधिकारी हों अथवा नवसारी के किसी भी कार्यालय के अधिकारी सत्य को स्वीकार करने में अपनी बेइज्जती समझते हैं। नवसारी जिले में लगभग सभी होस्पिटल हो या दक्षिण गुजरात वीज कंपनी, सरकारी कचेरी हो या सभी नगरपालिकाएं, मील हो या सामान्य छोटी बड़ी फैक्टरी, सुरक्षा विभाग हो या शिक्षा विभाग, होटल हो या सोसायटी यहाँ कोन्ट्राक पर करने वाले मजूरों सिक्युरिटी गार्डो ,कोम्युटर ओपरेटरो, सफाई कर्मियों को सरकार के नियमानुसार सामान्य वेतन भी नही दिया जाता। सभी प्रकार की सुविधाओं से महेफूज रखा गया है। जानकारो की माने तो यह सभी खेल सरकारी अधिकारियों की देख रेख में खेला जाता है। गरीबो का शोषण ए सरकारी अधिकारी और कोन्ट्राकटर एक महोत्सव की तरह मनाते हैं। और शोषण को यह शिकार समझते हैं। गरीबो की गरीबी इन सबके लिए जैसे एक त्योहार है। यदि ऐसा न होता तो नवसारी जिले के श्रम आयुक्त कचेरी  के अधिकारी वर्षो तक सिर्फ तारीख पर तारीख न देते। लिखित फरियाद देने के बाद भी जांच करने की जगह तारीख देते अधिकारियों को आज समझना जरूरी है कि यदि ए जिस दिन कोन्ट्राकटर खुद सुधर जायेंगे उसी दिन ऐसी कचेरी और अधिकारी की जरूरत खत्म हो जायेगी। 
 परंतु अभी भी सत्य को माननेवालो से धरती खाली नही हुई है। आज भी ऐसे अधिकारी है जो सत्य को हर हाल में मानते हैं। और नवसारी कृषि विश्व विद्यालय के सिक्योरिटी से संबंधित अधिकारी जो खरेखर चौधरी परंपरा को साबित कर दिखाया है । सिक्योरिटी के तमाम गार्डो के कर्मचारी राज्य बीमा निगम इएसआई सी के  कटे हुए वेतन को जिसका उन्हे  गत तीन वर्षो से मरहूम रखा गया था । सभी को कायदेसर सुविधाएं ही नही दिलवाया उनके कटे हुए वेतन को भी दिलवाकर एक मिशाल कायम की है। और जब कि नवसारी श्रम आयुक्त कार्यालय के जांबाज अधिकारी मैदान में उतरने के लिए अभी मुहूर्त के लिए पंचाग बदलने का इंतजार कर रहे हैं । चल रही खबरो के अनुसार संवत बदलने का इंतजार भी एक ईमानदारी दर्शाती है। जानकर ऐसा मानते हैं कि यहाँ सरकारी अधिकारियों का इन सबसे एक अलग परसनल कोन्ट्राक चलता है। इसीलिए यह बापुदर्शन से मूर्छित अधिकारी कभी तारीख कभी समय कभी ज्यादातर काम,कभी यह कभी वह करके अपने कोन्ट्राक का समय पूरा करते हैं। अब कहना गलत नही होगा कि वर्षो से नवसारी कृषि युनिवर्सिटी के सिक्योरिटी गार्डो को उनके काम करने के हिसाब यानी १२ घंटे का वेतन भी जो अब तक कायदेसर  नही मिल रहा था वह अभी तक क्यों नहीं मिला ? यदि कायदे में लिखे अक्षरो की माने तो इसकी जवाबदेही सिक्योरिटी एजेंसी और नवसारी कृषि युनिवर्सिटी के सर्वोच्च अधिकारी और नवसारी श्रम आयुक्त कचेरी के अधिकारी की हैं। नवसारी श्रम आयुक्त कचेरी के अधिकारियों की प्राथमिक जवाबदेही थी कि नवसारी में किस संस्था में सरकार के नियमानुसार वेतन और सुविधा दी जाती है ? नवसारी सबसे कम जनसंख्या और संस्था उद्योग होने के बावजूद यहाँ के वेतनभोगी अधिकारी अभी तक जांच न किये हों और इन्हे पता ही न हो । यह समझना ठीक नही है। जानकारो की माने फिर इसमें दाल में काला ही नही पूरी दाल ही सफेद है। यहाँ दूध बेचने की जगह तबेला ही बेच दिया गया है। अभी तक सिक्योरिटी के गार्डो तक पता नही है कि वेतन इन्हे जो 12 घंटे का मिल रहा है वह कायदेसर नही है। वेतन बैंक एकाउंट में दिया जरूर जाता है। परंतु उसकी हार्ड कोपी की पता किसी को नही है। और इन सबको गुमराह करने के लिए कायदेसर इन सभी का ऊपरी बनाकर एक और गार्ड रखा है जो हमेशा सिर्फ़ नौकरी लेने और नौकरी खत्म होने का भय दिखाया करता है। शायद ए महाशय भूल गये हैं कि सरकारी सेवालय में यह सब सरकार विना किसी कीमत के मुहैया करवाती है।
सरकार का यदि कोई अधिकारी ,वकील, अथवा कोइ जागृत नागरिक, सामाजिक कार्यकर्ता इस समाचार को आप पढ़ रहे हैं। यदि आपको गरीबो के ऊपर होने वाले शोषण को छुटकारा दिलाने की कोई भी आपके पास रास्ता हो ,आप किसी भी पद पर हों। आप इसमें मदद करना चाहते हों। आप पर्यावरण मानवाधिकार संस्था , लोक रक्षक समाचार, करिश्मा चेरिटेबल ट्रस्ट, लोकरक्षक जन संपर्क कार्यालय नवसारी से संपर्क कर सकते हैं। आपकी मदद की इंतजार है। और इसे गुप्त रखा जायेगा। कुदरती न्याय के सिद्धांत पर सरकारी जांच के सभी अधिकारी के साथ संस्था और सिक्योरिटी एजेंसी इन तीनो को क्रमशः आरोपी मानकर नामदार कोर्ट में केस करने की राय मसवरा जमकर प्रतिदिन मिल रहा है। और इसे एक ऐतिहासिक केस भी माना जा रहा है। अब देखना दिलचस्प होगा कि अपने आपको गरीबो का मसीहा, हमदर्द, गोडफादर मानने वाले इस भ्रष्टाचार के सामने मददगार बनते हैं। अथवा अपनी दीपावली मजबूत करते हैं। सह समयचक्र मे रहेगा। 

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