Wednesday, January 19, 2022

गुजरात उच्च न्यायालय ने दी अवैध बहुमंजिला इमारतों पर हथौड़ा चलाने की सलाह ..! नवसारी जिले में हाईकोर्ट के आदेश को मानने से किया इंकार ...!

गुजरात उच्च न्यायालय की सलाह, जरूरत पड़े तो
 अवैध बहुमंजिला इमारतों पर हथौड़ा
  चलाने से न हिचकें 
गुजरात उच्च न्यायालय (Gujarat High Court) के मुख्य न्यायाधीश अरविंद एवं न्यायाधीश ए जे शास्त्री की खंडपीठ में एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए गुजरात के महाधिवक्ता से फायर सेफ्टी तथा बिल्डिंग यूज परमिशन के बिना संचालित बहुमंजिला इमारतों एवं उसके संचालकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए।



गुजरात उच्च न्यायालय ने महानगर की अवैध बहुमंजिला इमारतों पर हथौड़ा चलाने की सलाह दी है। गुजरात की आर्थिक राजधानी अहमदाबाद में फायर सेफ्टी तथा बिल्डिंग यूज परमिशन प्रमाण पत्र की अवहेलना करने वाले बिल्डर व भवन निर्माताओं पर शक्ति बरतने के निर्देश देते हुए उच्च न्यायालय ने कहा है कि जरूरत पड़े तो कुछ बहुमंजिला इमारतों पर हथौड़ा चलाने से नहीं हिचकें।


        गुजरात उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश अरविंद कुमार एवं न्यायाधीश ए जे शास्त्री की खंडपीठ में एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए गुजरात के महाधिवक्ता कमल त्रिवेदी से फायर सेफ्टी तथा बिल्डिंग यूज परमिशन के बिना संचालित बहुमंजिला इमारतों एवं उसके संचालकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए। हाईकोर्ट ने कहा कि ऐसी बहुमंजिला इमारतों को सील करें और अगर जरूरत पड़े तो कुछ इमारतों को जमींदोज भी करें। बीते रविवार को एसजी हाईवे पर एक बहुमंजिला इमारत में आग लगने की घटना को मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ में गंभीर मानते हुए कहां की फायर सेफ्टी और बिल्डिंग यूज परमिशन के बिना गैरकानूनी रूप से बहुमंजिला इमारतों का संचालन किया जाता है तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई से नहीं हिचकचाएं।

               ૨૨ ડિસેમ્બર ના રોજ એક સમાચાર પત્ર માં પ્રસિદ્ધ થયેલ અહેવાલ મુજબ અમદાવાદમાં બિલ્ડીંગ યુઝ પરમીશન વગરના વધુ વીસ કોમર્શિયલ યુનિટ બુધવારે મ્યુનિસિપલ કોર્પોરેશન દ્વારા સીલ કરવામાં આવ્યા હતા.નવા વાડજમાં નેશનલ હેન્ડલૂમના ૧૨૦૦ ચોરસફુટના કોમર્શિયલ બાંધકામને તોડી પાડવામાં આવ્યુ હતું.શહેરમાં બિલ્ડીંગ યુઝ પરમીશન વગરના અત્યાર સુધીમાં ૮૮૭ યુનિટ સીલ કરવામાં આવ્યા છે.

હાઈકોર્ટના આદેશ બાદ કરવામાં આવી રહેલી કામગીરી દરમ્યાન બોડકદેવના યશ કોમ્પલેકસના ત્રણ કોમર્શિયલ યુનિટ તોડી પડાયા હતા.નવા વાડજમાં નેશનલ હેન્ડલૂમના કોમર્શિયલ બાંધકામ ઉપરાંત ન્યુ રાણીપમાં આવેલા હોમ ટાઉન-ત્રણ ઉપરાંત સરખેજમાં ફુડ કોટના ગેરકાયદેસર બાંધકામને તોડવામાં આવ્યુ હતું.સેટેલાઈટ વિસ્તારમાં આવેલા અભિશ્રી કોમ્પલેકસના સેલરમાં હેતુફેર કરી ચાર કોમર્શિયલ યુનિટ બનાવવામાં આવતા સીલ કરવામાં આવ્યા હતા.અમદાવાદમાં અત્યાર સુધીમાં ૧૬૧૩૦૪ ચોરસફુટનું બાંધકામ તોડી પાડવામાં આવ્યુ છે.વેલીડ બિલ્ડીંગ યુઝ પરમીશન ના ધરાવતા ૫૪૯ કોમર્શિયલ યુનિટ અને ૩૩૮ રહેણાંક યુનિટ મળી કુલ ૮૮૭ યુનિટ સીલ કરવામાં આવ્યા છે.

થલતેજમાં ૪૫૯૨ ચોરસમીટરના રીઝર્વ પ્લોટમાં ઓરડીઓ અને દિવાલ તોડી પ્લોટનું પઝેશન લેવામાં આવ્યુ છે.વસ્ત્રાપુર લેક ઉપરાંત માનસી સર્કલ અને આઈ.આઈ.એમ.પાસેના રસ્તા ઉપરના ટ્રાફિકને અડચણરૃપ દબાણો દુર કરવામાં આવ્યા હતા.

इस तरह की आपराधिक लापरवाही के खिलाफ सख्त कदम उठाने चाहिए, सरकार की इनके खिलाफ कार्रवाई का अब समय आ गया है। महानगर पालिका एवम नगर पालिका इलाकों में बड़े पैमाने पर बिल्डर और व्यापारी गरम फायर सेफ्टी 4 बिल्डिंग यूज़ परमिशन जैसी औपचारिकताओं का खुला उल्लंघन कर रहे हैं। सरकार एवं स्थानीय निकाय उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं कर पाता है जिससे उनके हौसले बुलंद होते हैं। ‌अदालत ने कहा कि इस तरह की चीजों को स्वीकार नहीं किया जा सकता। बिना स्वीकृति और प्रमाण पत्र के तथा फायर सेफ्टी का उल्लंघन करने वाली बिल्डिंगों को सील किया जाना चाहिए अथवा उनको जमींदोज कर दिया जाना चाहिए। महानगर पालिका को ऐसी बहुमंजिला इमारतों पर हथौड़ा चलाने से भी नहीं हटना चाहिए।


नवसारी जिले में नवसारी विजलपोर नगरपालिका , नवसारी विकास सत्ता मंडल NUDA के साथ नवसारी जिला पंचायत में अवैध गैरकानूनी इमारतों के निर्माण में हो रहा है गुजरात उच्च न्यायालय के आदेश की अवहेलना
 नवसारी जिले में आज नवसारी विजलपोर नगरपालिका के साथ नवसारी शहेरी विकास सत्ता मंडल क्षेत्र में धड़ल्ले से भवन निर्माण धड़ल्ले से हो रहा है। गुजरात राज्य सरकार के शासन प्रशासन भी जमकर इन इमारतों में अपनी पहचान बनाई है। नवसारी विजलपोर नगरपालिका एवम नवसारी शहेरी विकास सत्ता मंडल  में करीबन हजारों की संख्या में सिर्फ परमीशन जो कि कुछ सामान्य कागजातों के आधार पर ही मिल जाता है। इसके बाद यहां शासन हो या प्रशासन सूत्रों के हवाले से मिल रही खबरों के अनुसार भवन निर्माताओं से पूजा अर्चना यज्ञ हवन दिल खोलकर करवाते हैं। पहले  दर्शन मात्र से काम चल जाता था। परन्तु इस कोरोना काल में मात्र दर्शन पद्धति से काम नहीं चलता। कई मामलों में स्वदेशी पद्धति को सिरे से इंकार कर दिया जाता है।  और खास दिलचस्प बात यह है कि यहां सरकार में ज्यादातर भवन निर्माताओं ने सरकार में अपनी एक खास जगह बना ली है। जिसकी वजह से सरकार के प्रशासनिक उच्च अधिकारियों ने भी अपनी कायदे-कानून की नाव इसी बहती नदी में चलाने पर मजबूर नजर आ रहे हैं। आज नवसारी जिले में कानून ऐसे मामलों में मजबूर अनाथ बेसहारा हो चुकी है। पहले भगवान भरोसे अथवा राम भरोसे कहकर छोड़ दिया जाता था। जब से कोरोना काल में मंदिरों में भी सबसे पहले पाबंदी लगाई गई है। तब से अब सिर्फ और सिर्फ सरकार भरोसे ही चल रहा है।  
नवसारी जिले के जिला पंचायत में हालत बद से बद्तर होती जा रही है । यहां ऐसी बहुमंजिला इमारतों को नोटिस जारी करने के लिए अथवा जवाबदेही किसकी है? इसे एक सिरे से इंकार कर दिया गया है। जानकारों की मानें तो आरक्षण सेटिंग डोंट कोम के साथ सरकार की नीतियों का फायदा यहां जमकर उठाई जाती है। अभी कुछ समय से यहां सर्वोच्च अधिकारियों में कायदे-कानून की अनभिज्ञता से अधिक उनकी  गरीबी एक खास मायने रखती है। फिलहाल परिवर्तन संसार का नियम है उसी की राह पर सभी की नजरें लगी है।


Saturday, January 15, 2022

एनएचआरसी ने केंद्र, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को बंधुआ मजदूरी पर नई एडवाजरी जारी की; इसके साथ ही देरी से बचने के लिए आपराधिक कार्यवाही के परिणामों को अलग रखते हुए बंधुआ मजदूरी के पीडि़तों को राहत पैकेज जारी करने की सिफारिश की।

एनएचआरसी ने केंद्र, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को बंधुआ मजदूरी पर नई एडवाजरी जारी की; इसके साथ ही देरी से बचने के लिए आपराधिक कार्यवाही के परिणामों को अलग रखते हुए बंधुआ मजदूरी के पीडि़तों को राहत पैकेज जारी करने की सिफारिश की।

 


न्यायमूर्ति श्री अरुण मिश्रा, अध्यक्ष, राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग, एनएचआरसी, भारत ने बंधुआ मजदूरी के पीड़ितों को राहत पैकेज जारी करने में अत्यधिक देरी पर गंभीर चिंता व्यक्त की है। केंद्र, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए एक नई एडवाइजरी में, आयोग ने उन्हें मामले में आपराधिक कार्यवाही के परिणाम से राहत पैकेज के मुद्दे को अलग करने के प्रयास हेतु कहा है क्योंकि पीड़ित का इस पर कोई नियंत्रण नहीं होता है और न ही मुकदमे में जुड़ा होता है।

बंधुआ मजदूरी की व्यापकता के संबंध में, आयोग ने कहा है कि राज्य और जिला स्तर के पदाधिकारियों का ध्यान केवल ईंट भट्टों तक ही सीमित नहीं होना चाहिए, बल्कि उन क्षेत्रों में भी होना चाहिए जहां बंधुआ मजदूरी प्रणाली निर्माण उद्योग जैसे शॉपिंग मॉल, कॉल सेंटर, मसाज पार्लर, आदि नए रूपों में प्रकट हुई है। मौजूदा अधिनियम और योजना के अनुसार उन्हें राहत प्रदान करने के लिए बंधुआ मजदूरी के नए रूपों की पहचान करने की आवश्यकता है।

बंधुआ मजदूरी पर प्रस्तावित राष्ट्रीय पोर्टल में अन्य बातों के साथ-साथ पुनर्वास डेटा, सतर्कता समितियों के दौरे और कामकाज का विवरण, राज्य के श्रम विभागों से प्राप्त डेटा, सर्वेक्षण से संबंधित डेटा, बंधुआ मजदूरों को नकद और गैर-नकद लाभों की प्रगति से संबंधित डेटा, लंबित आपराधिक मामले और जांच शुरू करने की तिथि और मामले के प्रबंधन के परिणाम और विशेषताएं शामिल होने चाहिए।

जिला प्रशासन रिहा किए गए मजदूरों को भोजन और सुरक्षित परिवहन सुविधा उपलब्ध कराने का खर्च वहन करे।

गैर-नकद सहायता के संदर्भ में, जिला मजिस्ट्रेट को यह सुनिश्चित करने के लिए कि सीएसएस-2016 के तहत उपलब्ध लाभ जैसे कि आवास-स्थल और कृषि भूमि का आवंटन, भूमि विकास, कम लागत वाली आवास इकाइयों का प्रावधान, पशुपालन, डेयरी, मुर्गी पालन, सुअर पालन आदि, मजदूरी रोजगार, न्यूनतम मजदूरी का प्रवर्तन आदि, लघु वन उत्पादों का संग्रह और प्रसंस्करण, लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति और बच्चों को शिक्षा, रिहा किए गए बंधुआ मजदूरों के परिवारों को दी जानी चाहिए।

आयोग ने राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों को अत्यधिक कमजोर परिस्थितियों में परिवारों की पहचान करने के लिए कहा है ताकि कमजोर और हाशिए के समुदायों को मुफ्त राशन, स्वास्थ्य देखभाल और अन्य सामाजिक सुरक्षा कवर प्रदान करके बंधुआ मजदूरी की किसी भी घटना को रोका जा सके।

इस एडवाइजरी के अन्य महत्वपूर्ण घटकों में से एक यह है कि आयोग ने संबंधित प्राधिकारियों से कहा है कि वे अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण अधिनियम, 1989) के प्रावधानों को भी लागू करें, यदि कोई बंधुआ मजदूर उन समुदायों से संबंधित है, तो उन्हें लागू करने के अलावा उसे राहत देने के लिए बंधुआ मजदूरी प्रणाली (उन्मूलन) अधिनियम के प्रावधान करता है।

आयोग ने अधिकारियों की जवाबदेही तय करने और कानूनी प्रावधानों के क्रियान्वयन में कमियों को दूर करने को भी कहा है। पहचान, बचाव, प्रत्यावर्तन और उनके पुनर्वास के अलावा बंधुआ मजदूरी की रोकथाम पर बहुत जोर दिया गया है।

ई-श्रम पोर्टल पर अनौपचारिक श्रमिकों के पंजीकरण को सरल बनाने के साथ-साथ कॉर्पस फंड के निर्माण और पुनर्भुगतान की प्रक्रिया को भी सरल बनाने के लिए कहा गया है।

आयोग ने अपने महासचिव श्री बिंबाधर प्रधान के माध्यम से केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्रालय और राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों / प्रशासकों को लिखे पत्र में एडवाइजरी में दी गई अपनी सिफारिशों को लागू करने और 90 दिनों के भीतर की गई कार्रवाई की रिपोर्ट प्रस्‍तुत करने के लिए कहा है।

विस्तृत एडवाइजरी यहाँ क्लिक करें लिंक से वेबसाइट पर देखी जा सकती है।





sgnhrc[at]nic[dot]in

National Human Rights Commission

Manav Adhikar Bhawan, Block-C, GPO Complex, INA
New Delhi - 110023

 

Monday, January 10, 2022

सरकार की लगभग सभी कचेरियों मे गैर कानूनी एरकंडीशन, कायदे कानून की धज्जियां , आम नागरिको के टेक्स का गैर जरूरी उपयोग के साथ अधिकारियो का महत्तम नुकशान जाने कैसे ...?


 सरकार की लगभग सभी कचेरियों मे गैर कानूनी  एरकंडीशन, कायदे कानून की धज्जियां , आम नागरिको के टेक्स का गैर जरूरी उपयोग के साथ अधिकारियो का महत्तम नुकसान जाने कैसे ...?
 सावधान! ज्यादा देर तक AC में रहने से हो सकते है ये नुकसान


                            १९४७ के पहले देश अंग्रेजो का गुलाम था अब अंग्रेजी सभ्यताओं का

 
 आज लगभग सभी सरकार की कचेरियों मे एरकंडीशन लगाया गया है। भारत सरकार के साथ सभी वित्त मंत्रालयो के द्वारा सिर्फ अग्र सचिव अथवा उनके समकक्ष के सिवाय इसे अवैध माना गया है। इस नियम के तहत जिले के किसी भी कार्यालय में यह सुविधा उपलब्ध नही करवाई गई है। सूचना अधिकार अधिनियम २००५ के तहत मिली जानकारी के अनुसार किसी भी कार्यालय में इसके लिये सरकारी खर्चे का कोई प्रावधान नही है । न ही इसकी देखभाल के लिये कोई जवाबदार है। फिर ये सभी कहां से आई इसका विजली का बिल सरकार आज करोडो रूपिया क्यों खर्च कर रही है।र्और जिस कार्यालय में यह मिले उस अधिकारी के उपर सख्त कार्यवाही का प्रावधान भी है। एक समाचार पत्र में छपी खबरो की माने तो आज ३००० प्राथमिक स्कूलो में पीने का शूद्ध पानी तक नही है । और करोडो रूपये सरकार सिर्फ हर महीने गैर कानूनी एरकंडीशन पर खर्च कर रही है। 
         भारतीय संविधान के अनुच्छेद १९ से २१ तक दिये गये कानून की माने तो विचार और अभिव्यक्ति की आजादी का साफ साफ उल्लेख है । और भारत की उच्चतम न्यायालय सुप्रिम कोर्ट के लगभग सभी न्यायाधीशो ने इस पर कई बार हुक्म भी जारी किया है। लोक तंत्र की असली शाब्दिक अर्थ यदि समझे तो ऐसा तंत्र जो आम नागरिको के हित के लिये हो । परंतु जमीनी हकीकत में आज भी अंग्रेजो द्वारा वर्ष १९२३ में गोपनीयता का अधिकार जिसे हमारे संविधान में कोई स्थान नही है। आज भी कुछ रूढिवादी शासन और प्रसासनिक अधिकारी चला रहे हैं।
         आज अंग्रेजी सभ्यता जिससे देश का आज काफी नुकशान हो रहा है । फिर भी अधिकतर सरकार के अधिकारी जिन्हे जनता के कामो के लिये भरती किया गया है । आज ए अपने आप को मालिक समझ बैठे हैं । और आम नागरिको की सभी प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध करवाने की जगह सिर्फ और सिर्फ अपनी अपनी हित की सुविधाए भले ही असंबैधानिक हो उसे अपना रहे हैं।  ऐसी सुविधाओ में एक महत्वपूर्ण सुविधा है एरकंडीशन। जिसमें प्रशासनिक अधिकारी  सरकार को चुना लगाते है साथ ही साथ एरकंडीशन सुविधा छोडकर बाहर निकलकर आम जनता के कामो को भी करने में विशेष तकलीफ का अनुभव का प्रदर्शन करते नजर आते हैं।

                 आज लगभग सभी मौसमो में बिना एयर कंडीशनर के रहना बहुत ही मुश्किल हो जाता है। यह गर्म तापमान से राहत देकर आपको ठंडक और सुकून का भी एहसास कराता है। घर हो या फिर दफ्तर पूरे आठ घंटे यदि  एसी में बैठते हैं। लेकिन क्या आपको पता हैं कि लंबे समय तक एसी में बैठना आपके लिए कितना नुकसानदेह हो सकता है? इससे हमारे शरीर पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है। आइये जाने एयर कंडीशनर से होने वाले नुकसान के बारे में।

एयर कंडीशन से होने वाले नुकसान
बुखार और थकान :-

अगर आप लंबे समय तक एयर कंडीशन में रहते है, तो आपको लगातार हल्के बुखार और थकान की समस्या हो सकती है । और साथ ही सिरदर्द और चिड़चिड़ाहट भी हो सकती है,। इसलिए लगातार एयर कंडीशन में न रहे।

जोड़ों में दर्द :-लगातार एयर कंडीशन कार्यालय में बैठने से हड्डियां भी कमजोर होने लगती है और साथ ही शरीर के सभी जोड़ों में दर्द की भी समस्या होने लगती है, जो की आगे चलकर हड्ड‍ियों से जुड़ी बीमारियों को जन्म भी दे सकता है। अंततः सरकार के साथ नागरिकों की खून पसीने की कमाई का दुरुपयोग किया गया सभी धन दौलत बीमारी के चलते बेकार जाती है।

ब्लड प्रेशर और अस्थमा:-अगर आपको ब्लडप्रेशर से संबंधित समस्याएं हैं। तो आपको एयर कंडीशनर से परहेज करना चाहिए। क्योंकि लगातार एयर कंडीशन में रहने से लो ब्लडप्रेशर और सांस संबंधी समस्याएं भी होने लगती है। जिन लोगो को अस्थमा की बीमारी है उन्हें खासकर एयर कंडीशनर के संपर्क में आने से बचना चाहिए। एरकंडीशन कार्यालय में लंबे समय तक बैठने के कारण ब्लडप्रेशर को नियंत्रित करना मुश्किल है।आज की दिनचर्या जहां लगभग पानी वायु खान पान प्रदूषित है सर्वाधिक बीमारियां अपने आप होने लगती है।और ब्लड प्रेशर को नियंत्रित नहीं रखा जा सकता है।

मोटापा:- ये बात सुनकर आपको हैरानी होगी, लेकिन यह पूरी तरह सच है कि एयर कंडीशन  के अधिक इस्तेमाल से मोटापा बढ़ सकता है। तापमान कम होने के कारण हमारा शरीर अधिक सक्रिय नहीं हो पाता और शरीर की ऊर्जा का सही मात्रा में उपयोग नहीं हो पाता, जिस वजह से मोटापा बढ़ने लगता है।

त्वचा की समस्याएं:-अधिक देर तक एयर कंडीशनर में रहने से त्वचा की प्राकृतिक नमी खत्म होने लगती है, जिससे त्वचा में रूखापन महसूस होने लगता है।

रक्तसंचार:- एसी में बैठने से शारीरिक तापमान कृत्रिम तरीके से ज्यादा कम हो जाता है जिससे कोशिकाओं में संकुचन होता है और सभी अंगों में रक्त का संचार बेहतर तरीके से नहीं हो पाता, जिससे शरीर के अंगों की क्षमता प्रभावित होती है।

मस्तिष्क पर असर:- लगातार एयर कंडीशनर में रहने से मस्तिष्क की कोशिकाएं संकूचित होने लगती है। याददास्त बिल्कुल कमजोर हो जाती है । मस्तिष्क शरीर का सर्वोच्च भाग होने से जीवन में कई खतरे होने का डर बना रहता है । शरीर में हमेशा वेचैनी महसूस होती है।   लगातार एयर कंडीशनर में रहने से मस्तिष्क की क्षमता और क्रियाशीलता प्रभावित होने लगती है और साथ ही चक्कर आने की समस्या भी हो सकती है। इसलिए अधिक देर तक एयर कंडीशनर में रहने से परहेज करे।

 हमारे पाठक मित्रो से निवेदन है कि उपरोक्त लेख में हमने आपको एयर कंडीशनर से होने वाले नुकसान के बारे में बताया हैं। अगर आपको ऊपर बताये गए नुकसान में से कोई भी नजर आ रहे हो तो तुरंत ही डॉक्टर से सम्पर्क करे और उनसे सलाह ले।
 

 
     

Saturday, January 8, 2022

નવસારી જિલ્લામાં કોરોના માટે ફરીથી આમ નાગરિકો માટે ફરીથી જાહેરનામુ પ્રતિબંધ





નવસારી જિલ્લામાં કોરોના વાયરસનાં સંક્રમણ થી વધી રહેલા કેસો ને કાબુ કરવા માટે નવસારી જિલ્લા અધિક કલેકટર અને અધિક જિલ્લા મેજિસ્ટ્રેટ શ્રી કેતન જોષી દ્વારા  આમ નાગરિકો માટે જાહેરનામુ દ્વારા પ્રતિબંધ 








आपके जीवन का राज और भविष्य सिर्फ मन के इस खजाने में छिपा है...!




आपके जीवन का राज, वर्तमान भविष्य सिर्फ मन के इस
 खजाने में ...!


चेतन मन और अवचेतन मन का रहस्य, जिसे अब वैज्ञानिक टेक्नोलॉजी से हुआ सिद्ध 

आइये आज हम मानव जीवन के गहरे अनसुलझे रहस्य को समझने की कोशिश करते हैं। हालांकि इसे समझना बहुत ही सरल और सहज होने के बावजूद हम सदियों से धर्म शास्त्रों में इतना गिर चुके हैं कि अब सभी एक असंभव सा लगने लगा है। जब कि शास्त्रों से सरल सटीक सहज कहीं नहीं है। इतना ही कठिन हुआ कि इसमें अब व्यापार जुड़ गया। और इससे हमारा मन कुंठित हो रहा है। मन की दो अवस्थाएं हैं एक जो हम रोज दिन भर करते हैं । उसे चेतन मन कहते हैं। आप को और सरल भाषा में हम बताने की कोशिश करते हैं। आप ने देखा होगा जैसे एक बस चल रही है कार रेल हवाई जहाज चल रहे हैं। वैसे हमारा मन है। परंतु जो चला रहा है वह हमारा अवचेतन मन है। ठीक इसी प्रकार आप भी चल रहे हैं काम करते हैं। जीवन के सभी पहलुओं में जो हो रहा है वह हमारे चेतन मन से और जो इसका मालिक है वह है अवचेतन मन। यदि इतना समझ में आ जाते फिर यह जीवन आपका एक अलग से चलने लगता है।
 

1. चेतन मन : इसे जागृत मन भी मान सकते हैं। चेतन मन में रहकर ही हम दैनिक कार्यों को निपटाते हैं अर्थात खुली आंखों से हम कार्य करते हैं। परंतु कई लोग जागे हुए भी सोए सोए से रहते हैं। मतलब यह कि जब तक आपके मस्तिष्क में कल्पना, विचार, चिंता, भय आदि चल रहे हैं तो आप पूर्ण चेतन नहीं हैं।
 



 
2. अवचेतन मन : जो मन सपने देख रहा है वह अवचेतन मन है। इसे अर्धचेतन मन भी कहते हैं। गहरी सुषुप्ति अवस्था में भी यह मन जागृत रहता है। विज्ञान के अनुसार जागृत मस्तिष्क के परे मस्तिष्क का हिस्सा अवचेतन मन होता है। हमें इसकी जानकारी नहीं होती। बौद्धिकता और अहंकार के चलते हम उक्त मन की सुनी-अनसुनी कर देते हैं। उक्त मन को साधना ही सम्मोहन है। 
सम्मोहन व्यक्ति के मन की वह अवस्था है जिसमें उसका चेतन मन धीरे-धीरे निद्रा की अवस्था में चला जाता है और अर्धचेतन मन सम्मोहन की प्रक्रिया द्वारा निर्धारित कर दिया जाता है। साधारण नींद और सम्मोहन की नींद में अंतर होता है। साधारण नींद में हमारा चेतन मन अपने आप सो जाता है तथा अर्धचेतन मन जागृत हो जाता है। सम्मोहन निद्रा में सम्मोहनकर्ता चेतन मन को सुलाकर अवचेतन को आगे लाता है और उसे सुझाव के अनुसार कार्य करने के लिए तैयार करता है।


 
अवचेतन मन की शक्ति
1. हमारा अवचेतन मन चेतन मन की अपेक्षा अधिक याद रखता है एवं सुझावों को ग्रहण करता है। इसमें हमारी सभी तरह की भुल बिसरी यादें संवरक्षित हैं। 
 
2. अवचेचन मन का संबंध हमारे सूक्ष्म शरीर से होता है। इस अवस्था में सूक्ष्म शरीर से संबंध स्थापित करके व्यक्ति दूरस्थ स्थान या देश की यात्रा कर सकता है।
 
3. यह मन हमें आने वाले खतरे या उक्त खतरों से बचने के तरीके बताता है। यह मन लगातार हमारी रक्षा करता रहता है। 
 
4. यह मन हमें होने वाली बीमारी की यह मन 6 माह पूर्व ही सूचना दे देता है और यदि हम बीमार हैं तो यह हमें स्वस्थ रखने का प्रयास भी करता है। 
 
5. सम्मोहन क्रिया या ध्यान द्वारा इस मन की एकाग्रता, वाणी का प्रभाव व दृष्टि मात्र से उपासक अपने संकल्प को पूर्ण कर लेता है। 
 
6. इस मन के माध्यम से विचारों का संप्रेषण (टेलीपैथिक) अर्थात दूसरे के मन के विचार और भावों को ज्ञात किया जा सकता है।
 
7. इस मन के माध्यम से अदृश्य वस्तु या आत्मा को देखा जा सकता है।
 
8. इस मन के माध्यम से दूरस्थ दृश्यों को भी देखा जा सकता है। 
 
9. इसके सधने से व्यक्ति को घटना, बीमारी या रोग के होने का पूर्वाभास हो जाता है।
 
10. इस मन के माध्यम से व्यक्ति दूसरे के विचारों को बदल सकता है और उसे स्वस्थ कर सकता है।

अधिक जानकारी हेतु संपर्क करें
यह जीवन एक परमात्मा की बख्सीस है एक अवसर है। इसे व्यर्थ न जाने दें। आपकी सभी संपत्तियां ज्ञान पद प्रतिष्ठा सिर्फ एक सपना है । एक दिन हकीकत में सपना  हो जायेगा। रोज हजारों का हो रहा है। यह सभी बाहर है इससे अंदर खालीपन भरा नहीं जा सकता। और बड़े मजे की बात है जिसका बाहर जितना भर जाता है। उसी को यह अंदर का खालीपन ज्यादा महसूस होता है। यदि आपको भी दिखाई देने लगे खालीपन महसूस होने लगे फिर समझो आप उसके करीब हैं। आपको वह किसी कोने से चाहता है। आप उसके करीब ही हैं। अक्सर ज्यादा तर लोग शरीर के तल पर ही पैदा हुए बड़े हुए धन पद प्रतिष्ठा जमीन जायदाद के चक्कर में ही इस अमूल्य धरोहर को जाने वगर ही समाप्त हो गये। परंतु यदि आपके जीवन में कुछ खाली पन लग रहा है फिर समझो वह आपके करीब हैं। आपको कहीं किसी न किसी माध्यम से इशारा कर रहा है । आपका अवचेतन मन जागृत होना चाहता है। यह समझ में आये तो सरल सटीक सहज है। यदि आपके जीवन में कुछ कहीं उदासी खालीपन कुछ समझने के लिए जानने की जरूरत महसूस हो फिर देर न करें। और आगे जाये चिंतन करें । यदि कहीं कभी भटक जाने का डर लगे फिर अवश्य संपर्क करें। आपको मार्गदर्शन दिया जाएगा। 
संपर्क करें:-

डा आर आर मिश्रा 
लोकरक्षक हेल्थ केयर 
(आध्यात्मिक चिकित्सा केंद्र)
अलका पुरी सोसायटी विजलपोर
 नवसारी (गुजरात )-396445 INDIA

संपर्क सूत्र 
+91 9898630756
+91 9227850786




Friday, January 7, 2022

नवसारी जिले में अवैध निर्माणों में NODA के साथ NVNP के अधिकारियों ने जमकर मचाई धूम ..!








       गुजरात राज्य आज भारत देश का सबसे लोकप्रिय राज्य सर्वांगीण विकास समृद्ध पारदर्शिता जैसे कई मामलों में सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। वैसे इसकी कोई वैज्ञानिक आधार अथवा सर्वे रिपोर्ट नहीं है। यदि सर्वे रिपोर्टो की मानें फिर ऐसा कोई तथ्य नहीं है। परंतु सर्वोच्च सर्वश्रेष्ठ हो सकता है इसे भी कहना जल्दबाजी नहीं होगी। भारत के अन्य प्रदेशों की तुलना में गुजरात राज्य की भौतिकता इसका मुख्य कारण है। गुजरात राज्य विकास में सबसे तेज गति से बढ़ने वाला प्रदेश था। परंतु आज जब इसके सामने सवालिया निशान लगा दिया गया उसकी वजह यहां जानकारों की मानें तो आरक्षण एवम बापू दर्शन सबसे अधिक लोकप्रिय है। एक दशक पहले इसकी उपज कहीं कहीं होती है। और आज आरक्षण और दर्शन पद्धति लगभग सभी क्षेत्रों में सभी जगह उपलब्ध है। धार्मिक वैज्ञानिक सिद्धांतों की मानें तो जैसे जैसे ऐसी कुरीतियों का विकास होगा वैसे वैसे असमाजिक तत्वों की भरपूर उपज बढ़ेगी परंतु इसकी एक सीमा तक ही बढ़ोतरी होती है। उस सीमा रेखा को यह पहूंच कर अपने आप संपूर्णत: नष्ट हो जाता है। सबसे ज्यादा ऐसी प्रक्रिया में यह देखा गया है कि ऐसी प्रक्रिया में जो सहभागी होते हैं उनके साथ जिन जिन की जवाबदेही होती है। और उनका मौन व्रत भी उनके पतन का कारण बन जाता है। 

नवसारी जिले में दक्षिण गुजरात वीज कंपनी लिमिटेड का पर्दाफाश -RTI

नवसारी जिले में दक्षिण गुजरात वीज कंपनी लिमिटेड का पर्दाफाश -RTI नवसारी जिले में DGVCL कंपनी के लगभग सभी सूचना अधिकारियों ने सूचना अधिकार का...