Friday, October 30, 2020

क्यों और कैसे मनाते हैं ईद-ए-मिलाद-उन-नबी और कौन थे पैगंबर हजरत मोहम्मद ? ईदे मिलाद के पवित्र दिवस पर हार्दिक शुभेच्छा ...


     

 ईदे मिलाद के पवित्र दिवस पर हार्दिक शुभेच्छा ..

            डा.आर.आर.मिश्रा ( पर्यावरण और मानव अधिकार संस्था गुजरात भारत)

                

आइये जानते हैं क्यों और कैसे मनाते हैं ईद-ए-मिलाद-उन-नबी.... और कौन थे पैगंबर हजरत मोहम्मद ?

ईद-ए-मिलाद-उन-नबी या ईद-ए-मिलाद आज यानि 29 अक्टूबर को है मान्‍यता है कि इस दिन पैगंबर हजरत मोहम्मद का जन्म हुआ था | ईद-ए-मिलाद-उन-नबी या ईद-ए-मिलाद आज यानि 29 अक्टूबर को है| मान्‍यता है कि इस दिन पैगंबर हजरत मोहम्मद  का जन्म हुआ था| उन्‍हें इस्लाम धर्म का संस्थापक माना जाता है | इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार इस्‍लाम के तीसरे महीने रबी-अल-अव्वल की 12वीं तारीख, 571 ईं. के दिन ही मोहम्मद साहेब जन्मे थे| इस दिन मजलिसें लगाई जाती हैं | पैगंबर मोहम्मद द्वारा दिए गए पवित्र संदेशों को पढ़ा जाता है| उन्हें याद कर शायरी और कविताएं पढ़ी जाती हैं| मस्जिदों में नमाज़ें अदा की जाती हैं| आइए जानते हैं ईद-ए-मिलाद-उन-नबी और पैगंबर हजरत मोहम्मद से जुड़ी कुछ खास बातें...

कौन थे पैगंबर हजरत मोहम्मद ?

पैगंबर मोहम्मद का पूरा नाम पैगंबर हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम था| वह इस्लाम के सबसे महान नबी और आखिरी पैगंबर थे| उनका जन्म मक्का शहर में हुआ| इनके पिता का नाम मोहम्मद इब्न अब्दुल्लाह इब्न अब्दुल मुत्तलिब और माता का नाम बीबी अमिना था| कहा जाता है कि 610 ईं. में मक्का के पास हीरा नाम की गुफा में उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई| बाद में उन्होंने इस्लाम धर्म की पवित्र किताब कुरान की शिक्षाओं का उपदेश दिया| हजरत मोहम्मद ने 25 साल की उम्र में खदीजा से शादी की| उनके बच्चे हुए| लेकिन लड़कों की मृत्यु हो गई| उनकी एक बेटी का अली हुसैन से निकाह हुआ| उनकी मृत्यु 632 ई. में हुई| उन्हें मदीना में ही दफनाया गया|

क्यों मनाते हैं ईद-ए-मिलाद-उन-नबी ?

मुसलमान पैगंबर हजरत मोहम्मद के जन्म की खुशी में ईद-ए-मिलाद-उन-नबी मनाते हैं| इस दिन रात भर प्रार्थनाएं चलती हैं| जुलूस निकाले जाते हैं| सुन्नी मुसलमान इस दिन हजरत मोहम्मद के पवित्र वचनों को पढ़ते हैं और याद करते हैं| वहीं, शिया मुसलमान मोहम्मद को अपना उत्तराधिकारी मानते हैं| हजरत मुहम्मद के जन्मदिन को ईद-ए-मिलाद-उन-नबी के नाम से मनाया जाता है|

कैसे मनाते हैं ईद-ए-मिलाद-उन-नबी ?

पैगंबर हजरत मोहम्मद के जन्मदिवस के अवसर पर घरों और मस्ज़िदों को सजाया जाता है|नमाज़ों और संदेशों को पढ़ने के साथ-साथ गरीबों को दान दिया जाता है| उन्हें खाना खिलाया जाता है| जो लोग मस्जिद नहीं जा पाते वो घर में कुरान पढ़ते हैं| मान्यता है कि ईद-ए-मिलाद-उन-नबी के दिन कुरान का पाठ करने से अल्लाह का रहम बरसता है|

 

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