Tuesday, March 30, 2021

नवसारी विजलपोर नगरपालिका भ्रष्टाचार में बुरी तरह फंसी....! जायें तो जायें कहां....?

नवसारी विजलपोर नगरपालिका भ्रष्टाचार में बुरी तरह फंसी
जायें तो जायें कहां

            नवसारी विजलपोर नगरपालिका गुजरात टाउन अर्बन डेवलपमेंट एक्ट 1976 जैसे महत्वपूर्ण कायदे में परवानगी देकर स्वयं उसी कायदे की ऐसी की तैसी कर डाला। अब जब गुजरात सरकार के सतर्कता आयुक्त और गुजरात शहेरी ग्राम गृह निर्माण विभाग ने ऐसे संगीन मुद्दे पर जवाब मांगा है। फिर तथाकथित अधिकारी श्री भ्रष्टाचार जैसै मुद्दे को गुमराह करने में जो जवाब दिया है। वह काबिले तारीफ है।
नवसारी विजलपोर नगरपालिका में कोरोना जैसी महामारी से जन जन के साथ पशु पक्षी तक जब त्राहिमाम हो चुके थे। ऐसे समय में यहां भ्रष्टाचार अधिनियम की धज्जियां उड़ाई जा रही थी। और उसका पर्दाफाश मीडिया में हो चुका है। और अब ऐसे तजुर्बेदार अधिकारियों के अनुभवी कामों की जांच हो रही है। शिकायत कर्ता ने गुजरात सरकार की सबसे लोकप्रिय कानून गुजरात अर्बन टाउन प्लानिंग डेवलपमेंट एक्ट1976 के तहत जिस कानून के तहत  सभी निर्माण करने की इजाजत मिलती है। उसी कानून की किताब में यदि परमीशन के अलावा किसी भी प्रकार से अधिक अथवा अलग निर्माण किया जाये उसे जमींदोज करने की खुली छूट दिया गया है। सूत्रों के हवाले से मिली सूचना के मुताबिक नवसारी विजलपोर नगरपालिका के क्षेत्र में ज्यादातर बहुत मंजिला मकान आज वर्षों से निर्माण मनमानी ढंग से कर रहे हैं। और यदि इसी तरह ऐसे बिल्डिंगों का निर्माण होता रहा फिर विकास भी एक जुमला बन कर रह जायेगा। ऐसी खबरों की सत्यता जानना आज सभी नागरिकों का संबैधानिक हक है। परंतु सत्ता पाने के लिए पहले जो एक बार लाइन में खड़े रहते हैं। सत्ता मिलते ही सब भूल जाते हैं। नवसारी विजलपोर नगरपालिका में अभी 15 वर्ष पूर्ण होने के बावजूद भी सूचना का अधिकार अधिनियम 2005जैसे जन हित के नियमों को लागू नहीं किया गया है। आज नवसारी विजलपोर नगरपालिका में सरकार के लगभग सभी नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैैं। सत्ता बदल जाती है अधिकारी बदल जाते हैं। परंतु भ्रष्टाचार करने की कोशिश कभी नहीं बदलती। गुजरात अर्बन टाउन प्लानिंग डेवलपमेंट एक्ट 1976 जो सरकार की सबसे लोकप्रिय कानून है।इसी कानून के तहत अवैध निर्माण की जांच कर रिमोव डिमोलेशन करने की मांग की गई। और गुजरात सतर्कता आयुक्त ने इसमें अपनी दिलचस्पी दिखाई है। और मामले को संज्ञान में लेते हुए जवाब मांगा गया है।और नवसारी विजलपोर नगरपालिका के तथाकथित अधिकारीगण सवाल जिसे अंजाम देने के लिए काफी मेहनत मसक्कत किया गया है। उसके जवाब में नगरपालिका एक्ट 1963 का हवाला दे रहे हैं। जानकारों की मानें तो तथाकथित अधिकारी गण यह भूल चुके हैं कि 1976 और 1963 में सीधे तेरह साल का फ़र्क है। और यह अंक ऐसे धार्मिक अनुभवी अधिकारियों के हित में नहीं माना जाता है। और नगरपालिका एक्ट 1963 की दुहाई देने वाले अधिकारियों को जानना जरूरी है कि शिकायत कर्ता ने स्वभंडोण के लिए आकारणी न करने अथवा नगरपालिका के हित में एनकेनप्रकारेण स्वभंडोण जमा करना अथवा नगरपालिका एक्ट 1963 के तहत कार्रवाई करने की कहीं कोई जिक्र नहीं किया गया है। ऐसे नियमों की दुहाई की जरूरत नहीं है। गुजरात सरकार के कानून के तहत इसे किसी भी रूप में गलत ठहराया नहीं गया है। परंतु नगरपालिका अधिनियम 1963 के तहत आकारणी करने में मालिकाना हक नहीं मिलता है ऐसे किसी भी नियम के तहत जांच नहीं मांगी है। सरकार के नियमों के तहत सिर्फ इसे रिमोव डिमोलेशन जिसे पहले से ही कानून बनाया है। सिर्फ उसकी अमलीजामा पहनाने की मांग की गई है। और तथाकथित सभी अधिकारियों को भ्रष्टाचार अधिनियम 1986 जिसे सुधार कर 2018में फिर से नया रूप दिया गया है। ऐसे नियमों के तहत कार्रवाई की मांग की गई है। परंतु यहां जांबाज अनुभवी अधिकारी गण गुमराह करने के चक्कर में खुद गुमराह हो रहे हैं। अब इन्हें आज यह समझना होगा कि सरकार अब हर जगह परिवर्तन कर रही है। और इसके लिए एक बेहतरीन टेक्नोलॉजी भी ईजाद करने में सफलता प्राप्त कर चुकी है। अब सरकार को गुमराह करना संभव नहीं है।
जानकारों के मुताबिक दिये गये जवाब में जांबाज अधिकारी श्री अपने द्वारा किए किये गये खेल को स्वयं कबूल कर लिया। जवाब में तथाकथित अधिकारी श्री ने जवाब दाखिल किया है कि बिल्डिंगों में योजना बद्ध भ्रष्टाचार हुआ है। और शायद यह भूल गये है। आज जानना जरूरी है कि जब किसी भी निर्माण के लिए परमीशन दी जाती है । तत्काल निर्माता उसकी शुरुआत करने के साथ साथ एक दर्जन इंजीनियर और नगर नियोजन के करीबन आधा दर्जन इंजीनियर और सभी तथाकथित अधिकारी जिन्हें सरकार राजशी ठाट बाट के साथ सभी ऐशो आराम की सुविधा देती है।ए सभी किस दुनिया में थे।  सरकार के पास न नोट छापने वाली मशीन है।न नोट कहीं पेड़ पर लगते हैं।न ही एक किसी राजा के रिश्तेदार हैं ।और न ही जनता संबैधानिक तरीके से भी कहीं भी अपने रात दिन मेहनत मसक्कत खून पसीने की कमाई खाने का हक देती है। यहां जानकारों की मानें तो किसी भी भवन निर्माण में यह सभी मिल जुलकर इस भ्रष्टाचार को अंजाम देते हैं। नवसारी विजलपोर नगरपालिका के पास रोड कलर करने के लिए करोड़ों रुपए का फंड है। भ्रष्टाचार करने के लिए आरसीसी रोड पर डामर चढ़ाकर सरकार को गुमराह करने के लिए करोड़ों रुपए है। डान्सिंग फुवारा बनाकर करोड़ों का चूना लगाने के लिए धन की कोई कमी नहीं है। अरबों खरबों रुपए की बिल्डिंग बनाकर लावारिस छोड़ देने के लिए धन की कोई कमी नहीं है। नवसारी शहर आज गंदगी का शहर बना हुआ है। आज अरबों रुपए की दस दस मंजिला मकान में रहने वाले नागरिकों के लिए एक अग्निशामक मशीन लेने के लिए धन अथवा कोई कार्रवाई क्यों नहीं किया गया। आज सभी तथाकथित अधिकारियों को भ्रष्टाचार से बनते  बिल्डििंगों के ऊपर सरकार के नियम के मुताबिक डिमोलेशन करना रिमोव करने के कायदे गायब कैसे हो जाते हैं। सूत्रों के हवाले से चल रही खबरों के अनुसार ऐसे अधिकारियों के मोबाइल ऩबर से ही जांच कर उनकी अवैध संपत्ति जल्द ही जप्त की जा सकती है। और मोजूदा सरकार के पास ऐसी सभी तकनीक मौजूद हैं। पूरा खाका तैयार है। और इसकी भव्य शुभारम्भ योगी सरकार दिल खोलकर कर रही है। करोड़ों अरबों की बिन अधिकृत निर्माण बिना किसी अदालत कोर्ट के आदेश के दिन दहाड़े बेधड़क सीधे जमींदोज कर रही है। और ऐसे निर्माण जिसमें सरकार के नियमों की अवहेलना मात्र भी सिर्फ अंदेशा पाया जाता है उसे तत्काल प्रभाव से एक सामान्य नोटिस देकर छुटकारा पाना अब सरकार की प्राथमिकता है। वैसे भी आज देश में लाखों करोड़ों केस न्यायालय में जूझ रहे हैं। ऐसे समय में तब जब सरकार एक महामारी से बेरोजगारी और मंहगाई भ्रष्टाचार से मुक्त होने के लिए सभी प्रयास करते हुए आज अंतिम पायदान पर पहुंच चुकी है। ऐसे समय में भ्रष्टाचार के मामलों में सभी बिन अधिकृत निर्माण को नाबूद और तथाकथित अधिकारियों की सभी प्रकार की संपत्ति लेना और सरकारी सेवालयो में सेवा कार्य आज सरकार की प्राथमिकता है। और इसमें सिर्फ अधिकारियों को ही नहीं बड़े बड़े धुरंधर राजनेताओं को भी सामिल किया गया है। जिसे आज सभी विपक्षी पार्टी के नेताओं में देखा जा सकता है। एक ही रात में नतमस्तक होना एक ऐसी तकनीक का नतीजा है।
आज सरकार के पास सबसे अच्छी टेक्नोलॉजी है। और नवसारी विजलपोर नगरपालिका के तथाकथित अधिकारीगण ऐसे जवाब देकर छुटकारा मिल जाएगा के बदले सरकार का फायदा बताकर नियमों को समझने के बजाय उनका अनुसरण करने के बजाय गुमराह करते करते खुद गुमराह हो चुके हैं। और तब जब इसकी जांच गुजरात सरकार की सतर्कता आयुक्त खुद ही कर रही हैं। अब देखना दिलचस्प होगा कि नवसारी विजलपोर नगरपालिका के तथाकथित अधिकारीगण गुजरात अर्बन टाउन डेवलपमेंट एक्ट 1976 जिसके नियमों के तहत परमीशन दे चुके हैं। उसकी धाराओं को एक खुद पढ़ेंगे कि इनको अन्य धाराओं के तर्ज पर सरकार तालीम देगी। वैसे ऐसे मामलों में गुजरात हाईकोर्ट अपना रुख और फैसला पहले ही सुना चुकी है। जिसे वलसाड और सूरत अहमदाबाद में ऐसी बहुत मंजिलों को ध्वस्त करने वाले हुक्म से जाना जा सकता है।

Sunday, March 28, 2021

નગરપાલિકાઓના કર્મચારીઓ / અધિકારીઓ માટે કાયદો અલાહિદો....



નગરપાલિકાઓના કર્મચારીઓ / અધિકારીઓ માટે કાયદો અલાહિદો....

ગુજરાત સરકાર માં દરેક વિભાગ માંટે આજે અલગ અલગ કાયદો છે. જેમા સૌથી વધારે મહેનત મજુરી જવાબદારી પૂર્વક કામ કરનાર જે વિકાસના પાયો કહેવાય એવા વિભાગ નગરપાલિકાઓના કર્મચારીઓ અધિકારીઓ માટે તદ્દન ઉતરતી કક્ષાનો કાયદો પણ આજે લાગુ થતો નથી.નગરપાલિકાઓની હદ વિસ્તાર માં આજે ૧૫થી ૨૫ ટકા નાગરિકો રહે છે. અને વિકાસનો સૌથી મજબુત ગ્રંથિ નગરપાલિકા જ છે. આજે મોટા ભાગના નાગરિકો સારી માં સારી સુવિધા મેળવવા માટે ગામ છોડી શહેર તરફ આવી રહ્યા છે. એનો મુખ્ય કારણ નગરપાલિકાઓની કામગીરી છે.આજે ચૌથી જાગીર કહેવાતી મીડિયાની નજર શહેરો થી જ શરુવાત કરે છે. મોટા મોટા માં ઉદ્યોગ પતિ હોય કે રાજનેતા, બાદશાહ હોય કે ફકીર, રાજનેતા હોય કે અભિનેતા, સામાન્યથી સર્વોચ્ચ સુધી માનવ જાતિ શહેર તરફ જ નજર રાખે છે . એનો પણ મુખ્ય કારણ નગરપાલિકા જ છે. આજે કોઈ પણ ધર્મના આધ્યાત્મિક ગુરૂ હોય કે એમના ધાર્મિક સ્થાન એનો પ્રચાર પ્રસારનો માધ્યમ નગરપાલિકાના હદ વિસ્તાર માં સક્ષમ છે. છતા આજે ગુજરાત સરકાર જે પોતાના સૌ થી વિકસિત અને સમૃદ્ધ પારદર્શી માને છે એવી સરકાર પણ નગરપાલિકાઓના કર્મચારીઓ અધિકારીઓ માટે અજુ સુધી અલગ કાયદા ઘડેલ છે. હવે મુખ્ય મુદ્દો છે પરમોશન બઢતી....

              નવસારી જિલ્લાની સમાહર્તા કલેક્ટરશ્રીની કચેરી માં કારકુન થી મામલતદાર અને પ્રાંત અધિકારી સુધી જઈ શકે છે.એમના માટે કાયદો અલગ છે.. મોટા ભાગે એ બધા જ ૧૦ થી ૧૨ પાસ હોય છે. અને જિલ્લા વિકાસ અધિકારીની કચેરી માં સામાન્ય તલાટી થી તાલુકા વિકાસ અધિકારી છેલ્લે નાયબ જિલ્લા વિકાસ અધિકારી સુધી જઈ શકે છે.મોટા ભાગે એ પણ ૧૦ થી ૧૨ પાસ જ હોય છે. માર્ગ અને મકાન વિભાગ માં નાયબ કાર્યપાલક ઈજનેર થી કાર્યપાલક ઈજનેર અને છેલ્લે મુખ્ય અધીક્ષક ઈજનેર સુધી જઈશકે છે. એ પણ ડિપ્લોમા કે ઈજનેર જ હોય છે. એવા મોટા ભાગે દરેક વિભાગો માં જ વર્ષોથી જ ચાલી રહ્યુ છે. અહિ ડિપ્લોમા ઈજનેરને હાલ માં જ બીજા વિભાગ માં ઈમ્પોર્ટ કરી વર્ગ ૧ ની જગ્યા ઉપર નિમણુંક કરી શકે છે.પરંતુ આજ સુધી કોઈ પણ નગરપાલિકાના કર્મચારી હોય કે અધિકારી ગમે એ જાણકાર હોય કે અનુભવી હોય. એને પરમોશન મળી શકે નહિ .. અહિં સબકા સાથ સબકા વિકાસ કેમ અટકી જાય છે. એ સમજવો અઘરૂ છે. હવે પર્યાવરણ અને માનવ અધિકાર સંસ્થા દ્વારા સદર કાયદાને ફરી થી એક વાર જોવા અને એના માટે કાયદો ઘડવા માટે સરકારશ્રીને અપીલ કરે છે. જેથી સબકા સાથ સબકા વિકાસ માં સૌથી મહત્વપૂર્ણ વિભાગ છુટી ન જાય અને નગરપાલિકાના તમામ કર્મચારીઓ અને અધિકારીઓ જે આજે રાત દિવસ સૌથી વધુ મહેનત અને મસક્કત કરી રહ્યા છે. એવા તમામ ને દરેક વિભાગો ની જેમ પરમોશન પ્રોત્સાહન અને ન્યાય મળે .. અન્યથા સબકા સાથ સબકા વિકાસ ૧૫ લાખની જેમ એક જુમલો સાબિત થઈ જશે. આજે ગુજરાત ના મોટા ભાગના વિભાગો માં આરક્ષણ અને પરમોશન સાથે બાપુ દર્શન એક મહત્વપૂર્ણ ભુમિકા ભજવી રહ્યા છે. કોઈ પણ કાયદા સામે યજ્ઞ હવન સાથે આરતીઓ કરાવવામાં આવે ત્યારે કાયદાઓ બદલાઈ શકે છે. કલેક્ટરના હુકમ પણ રદ્દ થઈ શકે છે. નિવૃત્ત અધિકારી ફરીથી પોતાના હોદ્દો મેળવી શકે છે. ભ્રષ્ટાચાર ને શિષ્ટાચાર તરીકે ઓળખ મળી શકે છે.     

 

आइये जाने होली क्यों मनाई जाती है?




होली क्यों मनाई जाती है?

कंस को जब आकाशवाणी द्वारा पता चला कि *वसुदेव और देवकी* का आठवां पुत्र उसका विनाशक होगा तो कंस ने वसुदेव तथा देवकी को *कारागार* में डाल दिया। कारागार में जन्मे देवकी के छ: पुत्रों को कंस ने मार दिया। सातवें पुत्र शेष नाग के अवतार बलराम थे जिनके अंश को जन्म से पूर्व ही वसुदेव की दूसरी पत्नी रोहिणी के गर्भ में स्थानांतरित कर दिया गया था। *आठवें पुत्र* के रूप में *श्रीकृष्ण* का अवतार हुआ। वसुदेव ने रात में ही श्रीकृष्ण को गोकुल में *नंद और यशोदा* के यहां पहुंचा दिया और उनकी नवजात कन्या को अपने साथ ले आए। कंस उस कन्या को मार नहीं सका और आकाशवाणी हुई कि कंस को मारने वाले ने तो

*गोकुल में जन्म* ले लिया है। तब कंस ने उस दिन गोकुल में जन्मे सभी शिशुओं की हत्या करने का काम *राक्षसी पूतना* को सौंपा। वह सुंदर नारी का रूप बनाकर शिशुओं को विष का स्तनपान कराने गई लेकिन

*श्रीकृष्ण ने राक्षसी पूतना का वध* कर दिया। यह *फाल्गुन पूर्णिमा* का दिन था। अत: बुराई के अंत की खुशी में *होली* मनाई जाने लगी।




*होली* का त्यौहार *राधा-कृष्ण* के *पवित्र प्रेम* से भी जुड़ा है। बसंत में एक-दूसरे पर रंग डालना श्रीकृष्ण लीला का ही अंग माना गया है। *मथुरा-वृंदावन* की होली *राधा-कृष्ण* के *प्रेम रंग* में डूबी होती है।
बरसाने और नंदगांव की *लठमार होली* जगप्रसिद्ध है। होली पर
*होली जलाई जाती है..... अहंकार की..., अहं की..., वैर-द्वेषकी..., ईर्ष्या की..., संशय की..*
और *प्राप्त किया जाता है.... विशुद्ध,निश्छल,निःस्वार्थ प्रेम*





*प्रह्लाद और होलिका* का प्रसंग तो लगभग सभी लोग जानते हैं। माना जाता है कि होली पर्व का प्रारंभ *प्रह्लाद और होलिका* से जुड़ा है। दोनों की कथा विष्णु पुराण में उल्लिखित है। *हिरण्यकश्यप* ने तपस्या कर वरदान प्राप्त कर लिया। अब वह न तो पृथ्वी पर मर सकता था, न आकाश में, न दिन में, न रात में, न घर में, न बाहर, न अस्त्र से, न शस्त्र से, न मानव से, न पशु से। *वरदान* के बल से उसने देवताओं-मानव आदि लोकों को जीत लिया और विष्णु पूजा बंद करा दी, परन्तु पुत्र प्रह्लाद को नारायण की भक्ति से विमुख नहीं कर सका। हिरण्यकश्यप ने प्रह्लाद को बहुत यातनाएं दीं परन्तु उसने विष्णु भक्ति नहीं छोड़ी। हिरण्यकश्यप की बहन होलिका को वरदान प्राप्त था कि वह आग में नहीं जलेगी। अत: दैत्यराज ने होलिका को प्रह्लाद का अंत करने के लिए प्रह्लाद सहित आग में प्रवेश करा दिया परन्तु *होलिका* का वरदान निष्फल सिद्ध हुआ और वह स्वयं उस आग में *जल कर मर गई*। बस प्रह्लाद की इसी जीत की खुशी में होली का त्यौहार मनाया जाने लगा।


पुराने समय में एक राजा हुए उनका नाम था *राजा पृथु*। उनके समय में एक *राक्षसी* थी *ढुंढी*। वह नवजात शिशुओं को खा जाती थी। राक्षसी को वर प्राप्त था कि उसे कोई भी देवता, मानव, अस्त्र या शस्त्र नहीं मार सकेगा। न ही उस पर सर्दी, गर्मी और वर्षा का कोई असर होगा लेकिन शिव के एक श्राप के कारण बच्चों की शरारतों से मुक्त नहीं थी। राजा को ढुंढी को खत्म करने के लिए राजपुरोहित ने एक उपाय बताया कि यदि *फाल्गुन मास की पूर्णिमा* के दिन जब न अधिक सर्दी होगी और गर्मी, क्षेत्र के सभी बच्चे एक-एक *लकड़ी* एक जगह पर रखें और *जलाए*, मंत्र पढ़ें और अग्रि की *परिक्रमा* करें तो राक्षसी मर जाएगी। हुआ भी ऐसा ही इतने बच्चे एक साथ देखकर राक्षसी ढुंढी अग्रि के नजदीक आई तो उसका मंत्रों के प्रभाव से वहीं विनाश हो गया। तब से इसी तरह मौज-मस्ती के साथ होली मनाई जाने लगी

समस्त देशवासियों को लोकरक्षक हेल्थ केयर एवम पर्यावरण मानव अधिकार संस्था परिवार की तरफ से होली के पवित्र त्योहार पर हार्दिक शुभेच्छा


Thursday, March 25, 2021

કોરોના ગુજરાત રાજ્ય માં નિયંત્રણ માં છે...સીએમ રૂપાણી

અખબારી યાદી તા. ૨૫-૦૩-૨૦૨૧

મુખ્યમંત્રી શ્રી વિજય રૂપાણી
• ગુજરાતમાં દૈનિક ૩ લાખ લોકોને વેક્સિન આપનો નિર્ણયઃ હાલમાં સવા બે લાખથી વધુનું વેક્સિનેશન
• તમામ સરકારી કર્મચારીઓને ફ્રન્ટલાઈન વોરિયર્સ ઘણી રસી અપાશે
• કોરોનાથી બચવા માસ્ક પહેરી રાખવું તેમજ ઝડપી વેક્સિન લેવી એજ ઉકેલ
• રાજ્ય સરકાર ૩-T ટેસ્ટીંગ, ટ્રેસીંગ અને ટ્રીટમેન્ટની ફોર્મિલા ઉપર આગળ વધી રહી છે
• રાજ્યમાં પ્રતિદિન ૭૦ હજાર લોકોનું કોરોના ટેસ્ટીંગ
• કોરોનાની સારવાર માટે ૭૦ ટકા બેડ ખાલી
• વિધાનસભા સત્ર એના સમય મુજબ જ પૂર્ણ થશે
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મુખ્યમંત્રીશ્રીએ ગાંધીનગર ખાતેથી જણાવ્યું હતું કે, આખા દેશમાં કોરોના સંક્રમણનું પ્રમાણ ધીરે ધીરે વધી રહ્યું છે, રાજ્ય સરકારે અત્યારે અને અગાઉ પણ કહ્યું છે કે, આ બાબતે ગભરાવવાની અને ચિંતા કરવાની જરૂર નથી. સંક્રમણની સામે મૃત્યુ આંક ખૂબ નીચો છે, નિયંત્રણમાં છે. રાજ્ય સરકાર ૩-T ટેસ્ટીંગ, ટ્રેસીંગ અને ટ્રીટમેન્ટની ફોર્મિલા ઉપર આગળ વધી રહી છે. ગઈ કાલે મોટાપાયે રાજ્યમાં ૭૦ હજાર લોકોનું કોરોનાનું ટેસ્ટીંગ કરવામાં આવ્યું છે તેમાં આપણે કોઈ ઘટાડો કરતા નથી.
રાજ્યમાં કન્ટેન્ટમેન્ટ ઝોન પણ જરૂરિયાત પ્રમાણે જાહેર કરવામાં આવી રહ્યા છે. ગુજરાતમાં કોરોનાની સારવાર માટે ૭૦ ટકા બેડ ખાલી છે. જે લોકો પોતાના ઘરે છે તેમની ૧૦૪, ધનવંતરી રથ અને સંજીવની રથના માધ્યમથી મદદથી ઝડપથી સારવાર-ઓ.પી.ડી.ની સુવિધા આપવામાં આવી રહી છે તેમ તેમણે ઉમેર્યું હતું.
તેમણે ઉમેર્યું હતું કે, ગુજરાતના ચાર મહાનગરોમાં કેસ વધારે છે ત્યારે તેની ઉપર ધ્યાન કેન્દ્રિત કરીને કેસોના નિયંત્રણ માટે રાજ્ય સરકાર આગળ વધી રહી છે. કોરોના સંક્રમણની આ સાઈકલમાં દૈનિક કેસમાં વધારો થઈ રહ્યો છે. જેમાં ધારણા છે કે, આગામી એક સપ્તાહમાં વધારો આવશે અને પછી ધીરે ધીરે કેસોમાં ઘટાડો જોવા મળશે. પરંતુ કોરોનાની સ્થિતિ અંગે હાલમાં ધારણા કરવી કઠિન છે પરંતુ રાજ્ય સરકાર સંપૂર્ણ રીતે સજ્જ છે આવાશ્યક તમામ નિર્ણયો કર્યા છે.
તેમણે કહ્યું હતું કે, આપણે હવે ગભરાવવાની જરૂર નથી પણ સાવચેતી રાખવી ખૂબ આવશ્યક છે. આ રોગમાં માસ્ક પહેરી રાખવું તેમજ ઝડપી વેક્સિન લેવી એજ ઉકેલ છે.
ગુજરાતમાં દૈનિક ૩ લાખ લોકોને વેક્સિન આપવી એવો નિર્ણય સરકારે કર્યો છે, જેમાં અત્યારે આપણે સવા બે લાખ લોકોને વેક્સિન આપવા સુધી પહોંચી ગયા છીએ, જે આગામી સમયમાં દૈનિક ૩ લાખ સુધી લઈ જવાશે.
સચિવાલય સહિત ગુજરાતના તમામ વયના સરકારી કર્મચારીઓને ફ્રન્ટલાઈન કોરોના વોરિયર્સ ઘણીને તે બધાનું વેક્સિનેશન ઝડપથી કરવાનો રાજ્ય સરકારે નિર્ણય કર્યો છે તેમ તેમણે ઉમેર્યુ હતું.
અત્યારે વિધાનસભા સત્રના માત્ર ચાર દિવસ બાકી હોવાથી સત્ર ટૂંકાવવાની કોઈ જરૂરિયાત નથી. નાણાકીય વર્ષ માટે બજેટની મંજૂરી, અંતિમ મજૂરી અને બાકીના બિલ સત્રના ચાર દિવસમાં પસાર કરવામાં આવશે. એટલે સત્ર ટૂંકાવવાની કોઈ આવશ્યકતા નથી.
બંધારણીય બિલો અને અગત્યના કાયદાકીય બિલો પસાર કરવાના છે તેને પાસ કરીને સત્ર પૂર્ણ કરવામાં આવશે તેમ મુખ્યમંત્રીશ્રીએ ઉમેર્યું હતું.

Monday, March 22, 2021

विजलपोर नगरपालिका हुआ अनाथ और लावारिस ....! @ नवसारी विजलपोर नगरपालिका में महीनों से गटर भरी की भरी...! महामारी का संकट...! अधिकारियों और नेतागणो को ढूंढ़ना हुआ मुश्किल...! मिलती है सिर्फ तारीख पर तारीख ...?



विजलपोर नगरपालिका हुआ अनाथ और लावारिस ..!
नवसारी विजलपोर नगरपालिका में महीनों से गटर भरी की भरी 
महामारी का संकट 
अधिकारियों और नेतागणो को ढूंढ़ना हुआ मुश्किल 
मिलती है सिर्फ तारीख पर तारीख 

                नवसारी जिले के नवसारी विजलपोर नगरपालिका पर भ्रष्टाचार आज वर्षों से बिना चुनाव के दिल खोलकर राज कर रहा है। वर्षों पहले गुजरात सरकार की एक ईमानदार कंपनी गुजरात अर्बन डेवलपमेंट कॉरपोरेशन जीयुडीसी के अधिकारियो को अचानक रातों रात बुद्धि जागृति हुई। और अहमदाबाद के गटर व्यवस्था के तर्ज पर विजलपोर शहर के अधिकतर हिस्सों में सभी अच्छे डामर रोड को तोड़कर छ फुट गटर की पाईप को निकाल कर दस फुट जमीन के नीचे डेढ़ फुट पाइप लाइन डाल दिया।  करोड़ों का पुरानी गटर  और नये रोड तोड़ दिया गया। आज हालत इतनी गंभीर हो चुकी है कि यदि तत्काल किसी भी प्रकार से गटर में भरा हुआ गंदकी युक्त पानी नहीं निकाला गया फिर महामारी का खतरा बढ़ने से रोकना असंभव होगा। आज कई महीनो से अलकापुरी सोसायटी से विठ्ठल मंदिर तक नवी नवेली  दुलहन की तरह सजाई बनाई दस फुट जमीन  के नीचे डेढ फुट की पाइप लाइन भरी हुई है ।
                नवसारी नगरपालिका में विजलपोर नगरपालिका को समाविष्ट कर लिया गया है। और सभी अधिकारियो, विभागीय अधिकारियो और कर्मचारियो को विजलपोर नगरपालिका से उठा कर नवसारी नगरपालिका में  रख दिया गया है। विजलपोर नगरपालिका के शासन और प्रशासन के प्रमुख श्री के साथ चिफ ओफिसर का पद खत्म कर दिया गया । जिसकी वजह से फिलहाल कोई जवाबदार अधिकारी नही है। छोटे छोटे कामो के लिये पहले विजलपोर नगरपालिका फिर नवसारी नगरपालिका आज आम नागरिको को फेरे लगवाये जाते हैं। आज कौन से काम के लिये कौन अधिकारी के नेता जवाबदार हैं ? ढूढना मुश्किल हो चुका है। और नवसारी नगरपालिका वैसे तो वर्ग एक की नगरपालिका मानी ही नही सभी प्रकार से सरकार ने संपन्न किया है। परंतु जमीनी हकीकत में अधिकारियो और नेताओ की मिलीभगत लगभग सभी कामो में पाई जाती है। आज नवसारी नगरपालिका में सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 हो या सेवा का अधिकार अधिनियम 2013, भ्रष्टाचार अधिनियम 1988 हो या सरकार की सफल योजना कर्मचारी राज्य बीमा योजना,यहां किसी कानून को माना नही जाता। नेताओ और अधिकारी सभी भ्रष्टाचार के सामने एक ही भाषा में वात करते पाये जाते हैं। 
       नवसारी विजलपोर नगरपालिका में समाविष्ट विजलपोर नगरपालिका एक अनाथ और लावारिस बन चुका है। सरकार चाहे जितनी मेहनत करे या नवी नवी योजानओ के तहत करोडो रूपिया खर्च करे।आज भारत सरकार की एक योजना भ्रष्टाचार विरूद्ध भारत कहां गायब हो चुकी है । फिलहाल नवसारी जिले में खोज पाना मुश्किल है। सभी अधिकारी एक दूसरे को ट्रांसफर करने में माहिर हैं। अब देखना दिलचस्प होगा कि गुजरात के राज्यपाल श्री अब भ्रष्टाचार के खिलाफ अपना क्या रुख दिखाते हैं। अथवा भ्रष्टाचार उजागर करने अरजदारो को एनकेनप्रकारेण हैरानगति होती है।
 

Sunday, March 21, 2021

राष्ट्रीय हिंदु संघ भारतवर्ष में एक विशिष्ट भूमिका में..। आइये जाने राष्ट्रीय हिंदु संघ के मूल उद्देश्य और कार्यों के बारे में...




राष्ट्रीय हिंदु संघ भारतवर्ष में एक विशिष्ट भूमिका में..। आइये जाने राष्ट्रीय हिंदु संघ के मूल उद्देश्य और कार्यों के बारे में संक्षिप्त परिचय

विना सहकार नहीं उद्धार 

राष्ट्रीय हिंदु संघ के मूल उद्देश्य
संगठन के मूल उद्देश्य हिन्दुत्व की विचार धारा का प्रचार प्रसार और संरक्षण करना है जिसके अन्तर्गत संगठन हिंदुओ को संगठित करने का, हिंदुओ को आर्थिक ,सामाजिक तौर पर मजबूत करने का कार्य कर रहा है ।
जिसके लिए संगठन निम्न कार्य करने के लिए प्रतिबद्ध है।

1- हिन्दू परिवारों के बच्चों लिए मुफ्त शिक्षा की व्यवस्था करना।

2- हिन्दू परिवारो के लिए स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाना ।

3- हिन्दू परिवार के लोगो के लिए रोजगार के अवसर प्रदान करना एवं स्व रोजगार मे सहायता करना।

4- हिंदू परिवारो की रोजगार, शादी, शिक्षा एवं स्वास्थ्य में आर्थिक सहायता करना ।

5- गौ संरक्षण एवम गौशालाओ का निर्माण कार्य करना ।

6- सम्पूर्ण स्वक्षता एवं जल संरक्षण में सक्रिय भूमिका निभाना ।

7- वृक्षारोपण एवं पर्यावरण संरक्षण में सहयोग करना ।

8-हिन्दू भाइयों मे राष्ट्र प्रेम और हिन्दू होने पर गर्व करने की भावना जाग्रत करना।

9-रोटी बैंक के माध्यम से गरीब लचार लोगों को रोजाना भोजन करवाना इत्यादि।

जय श्री राम
राष्ट्रीय हिन्दू संघ

आप सभी राष्ट्रीय हिंदु संघ संगठन में शामिल  होकर अपने और अपनो के सभी समस्याओं से छुटकारा पाने हेतु सादर आमंत्रित हैं। आज ही संपर्क करें ।  

डा. आर. आर. मिश्रा 
उपाध्यक्ष
राष्ट्रीय हिंदु संघ गुजरात प्रदेश 
संपर्क सूत्र :-9898630756 , 9328014099
राष्ट्रीय हिन्दू संघ एक हिन्दू हित चिंतक,हिन्दू हित रक्षक एक राष्ट्रव्यापी संगठन है जिसका राष्ट्रीय कार्यालय मयूर बिहार फेज 1 दिल्ली मे है ।।

नवसारी जिले में न्यायालय परिसर में स्वच्छता अभियान






नवसारी जिले में नवसारी विजलपोर नगरपालिका में स्वच्छता अभियान की एक झलक 

नवसारी जिले में नवसारी विजलपोर नगरपालिका को एक समय में स्वच्छता एवार्ड से नवाजा गया था। परंतु आज हालात कुछ और ही बयां कर रही है। महामारी की जड़ आधुनिक वैज्ञानिक शोधों से गंदगी एक प्रमुख भूमिका निभा रही हैं। और उस सफाई अभियान को नवसारी विजलपोर नगरपालिका किस सुंदर ढंग से निभा रही है। उसकी झलक सभी मोहल्ले और सड़कों के कोने कोने में दिखाई देती है। नवसारी विजलपोर नगरपालिका में गंदगी का एक प्रमुख कारण गटर व्यवस्था भी है ऐसे कई स्थानों पर सड़कों से गुजरने पर आपको सफाई की खुशबू मिल सकती है। नवसारी विजलपोर नगरपालिका में दारु शराब के अड्डों की तरह बिन अधिकृत निर्माण के सिवा आज और किसी व्यापार उद्योग नजर नहीं आयेंगे। दिलचस्प यह है कि नवसारी विजलपोर नगरपालिका में ऐसे कामों के लिए कायदेसर जवाबदार कोई अधिकारी नहीं है। नगरपालिका टाउन प्लानिंग और टाउन प्लानर अधिकारी नगरपालिका को दोषी ठहराते हुए नजर आते हैं। ऐसी हालत में महामारी नागरिकों को दंड करके रोकना आज एक जुमला बन चुका है। शासन और प्रशासन की जबतक ऐसे मामलों में एकजुटता नहीं होगी तब तक नये नये रोग ऐसी गंदगी से जन्म लेते रहेंगे। वायु प्रदूषण को रोकने के लिए सबसे पहले जानकारों की मानें तो सफाई और गटर व्यवस्था के साथ बिनअधिकृत निर्माणो को भी रोकना जरूरी है। समाचार की गंभीरता को सकारात्मक दिशा मिलती है कि पर्दाफाश करने वाले को ही एनकेनप्रकारेण ....।

Saturday, March 20, 2021

ઐતિહાસિક વારસો ધરાવતું પર્યટન સ્થળ દાંડી






ઐતિહાસિક વારસો ધરાવતું 
પર્યટન  સ્થળ દાંડી
 

નવસારીઃ ભારતની આઝાદીના ૭પ વર્ષની ઉજવણીના અવસરે ‘આઝાદી કા અમૃત મહોત્સવ’ની રાષ્ટ્રવ્યાપી ઉજવણીનો પ્રાંરભ તા.૧રમી માર્ચથી અમદાવાદના સાબરમતી આશ્રમથી વડાપ્રધાન શ્રી નરેન્દ્રભાઇ મોદીઍ પ્રારંભ કરાવ્યો છે. 
રાષ્ટ્રપિતા મહાત્મા ગાંધીઍ સાબરમતી આશ્રમથી તા.૧રમી માર્ચે ૧૯૩૦ના યોજેલી દાંડીયાત્રાની સ્મૃતિને વર્તમાન સમયમાં ઊજાગર કરતાં ૮૧ પદયાત્રીઓની સાબરમતી આશ્રમથી દાંડી સુધીની ૩૮૬ કિ.મી.ની દાંડીયાત્રા શરૂ થઇ છે ત્યારે આપણે દાંડી અને તેની આજુબાજુના સ્થળોના મહત્વ વિશે આછેરો પરિચય મેળવીઍ.
દાંડી નમક સત્યાગ્રહ સ્મારક 
        નવસારીથી ૨૨ કિ.મી.ના અંતરે આવેલ દાંડી ખાતે ૧૯૩૦માં દાંડીયાત્રા શરૂ કરતા પહેલા પૂ. બાપુઍ કહેલુંકે  કાગડા કુતરાના મોતે મરીશ પણ સ્વરાજય લીધા વિના સાબરમતી આશ્રમ પાછો નહી ફરુ. ૬૧ વર્ષની ઉંમરે ૨૪૧ કિ.મી.યાત્રા ગાંધી બાપુઍ ચાલતા કરીને અંગ્રેજ સરકારે મીઠા પર નાંખેલા વેરાનો વિરોધ કર્યો હતો. અને તા.૬ઠૃ ઍપ્રિલ ૧૯૩૦ ના રોજ પૂજય ગાંધી બાપુઍ બ્રિટીશ સામ્રાજયની ઇમારતના પાયામાં હું આથી લૂણો લગાડું છું, ઍવી ધીરગંભીર વાણી ઉચ્ચારી ચપટી મીઠું ઉપાડીને મીઠાનો કાયદો તોડી અંગ્રેજ સલ્તનતના પાયા હચમચાવી નાંખ્યા હતાં. આઝાદીના પ્રવેશદ્વાર સમાન દાંડી ગામે આ નમક સત્યાગ્રહ સ્મારક સ્થળે ભારતીયો સહિત વિદેશી મુલાકાતીઓ પણ મોટી સંખ્યામાં આ  મુલાકાત લઇ પૂજય બાપુની વિચારધારાને વંદન કરે છે. 
દાંડી પ્રાર્થના મંદિર
નવસારીથી ૨૨ કિ.મી. ના અંતરે આવેલ ઐતિહાસિક દાંડી ખાતે મીઠાના સત્યાગ્રહ પૂર્વે પ્રથમ જાહેરસભાને પૂજય ગાંધી બાપુઍ જયાંથી સંબોધી હતી અને પ્રાર્થનાસભા યોજી હતી, તે પ્રાર્થનાસભા મંદિરનું સંકુલ આજે પણ પ્રવાસીઓ માટે આકર્ષણનું કેન્દ્ર બનેલું છે. જે વડ નીચે  પૂ. બાપુઍ પ્રાર્થના સભા યોજી હતી. તે વડ આજે પણ તેની સાક્ષી પૂરી રહયો છે. પ્રાર્થના મંદિરના ભવ્ય દ્વાર ઉપર તમામ ધર્મોના પ્રતિકની કોતરણી સર્વધર્મ સમભાવની ભાવના ઉજાગર કરે છે.
દાંડી સૈફીવિલા બિલ્ડીંગ- ગાંધી પ્રદર્શન
નવસારીથી ૨૨ કી.મી.ના અંતરે આવેલા દાંડી ખાતે મીઠાના કાયદાનો ભંગ કરતા અગાઉ પૂજય ગાંધીબાપુઍ દાંડી પહોîચીને દાઉદી વ્હોરા કોમનાં ધર્મગુરૂ સૈયદ તાહેર સૈફુદીનના સૈફિવીલા બિલ્ડીંગમાં રાતવાસો કર્યો હતો.તા.૫/૪/૧૯૩૦ના રોજ રાતવાસો કરીને વહેલી સવારે મીઠાના કાયદાનો ભંગ કરવા અહીંથી પૂજય બાપુ નમક સ્મારક સ્થળે પહોચ્યા હતા. આ સૈફિવિલા બિલ્ડીંગ માં બાપુના જીવનકાળના વિવિધ ­સંગો, તેની ઐતિહાસિક ભૂમિકા, સ્વાતંત્રયની યાદગાર ફિલ્મો, પુસ્તકાલય, અખબારો તથા રાષ્ટ્રપિતાના સંસ્કારો સિંચી શકે તેવા ફોટોગ્રાફસ અને સાહિત્ય ફિલ્મો ­વાસીઓને દર્શાવાય છે.
 દાંડી બીચ
       ગાંધીજીના મીઠા સત્યાગ્રહથી વિશ્વ પ્રસિધ્ધ નવસારી થી ૨૨ કી.મી. દૂર આવેલો દાંડીનો દરિયાકિનારો સહેલાણીઓ માટેનું આકર્ષક ­વાસન સ્થળ છે. અહીંના સાગરકાંઠે સોમવતી અમાસના દિવસે મેળો ભરાય છે. જેમાં સહેલાણીઓ અને ગામવાસીઓ સાગર સ્નાનનો આનંદ લૂટે છે. સાગરકાંઠાના આસપાસનો વિસ્તાર ફળફળાદિ અને નાળયેરીના વૃક્ષો તેને નયનરમ્ય બનાવે છે. દાંડીનો આ બીચ પ્રવાસીઓ માટે નિર્ભય જણાતો હોય પ્રવાસીઓ બેધડક તેનો આનંદ લૂટે છે. અહી સ્વરાજ બાગમાં ભૂલકાંઓના મનોરંજનના સાધનો ઉપલબ્ધ છે. વનવિભાગનું વનચેતના કેન્દ્ર શૈક્ષણિક પ્રવાસે આવતા વિદ્યાર્થીઓ માટે માહિતીપ્રદ બની રહયું છે.
દાંડી ખાતે અજાણી માઇસાહેબની દરગાહ
        નવસારીથી ૨૨ કિ.મી. અંતરે આવેલ દાંડી ખાતે દાઉદીવોરા કોમના શ્રધ્ધાના પ્રતિકસમી અજાણી માઇસાહેબની આ દરગાહ આવેલી છે. દાઉદી વ્હોરા કોમના લોકો દેશ વિદેશથી અહીં જીયારત (તીર્થયાત્રા) ઍ આવતા હોય છે. હિજરી સન ૯૦૦ માં મહોર્રમ માસની ૨૨-૨૩ તારીખોમાં હજયાત્રાથી પાછા ફરતા બે અજાણી મા-દિકરીના અહીં તણાઇને આવેલા શબોનો મકબરો છે. માછીમારો ઘરેણાં ચોરવા જાય તો આ લાશ દૂર ખસી જતી હતી. ચીખલી ગામના મૌલવીને સ્વપ્ન સંકેત મળ્યો કે અમારા મોતનો મલાજા જળવાતો નથી, જેથી ચીખલીના મૌલવી અન્ય લોકો સાથે દાંડી પહોîચી આ લાશોને બળદગાડામાં નાંખી સુરત લઇ જવા માંગતા હતાં, પરંતુ બળદગાડું કાદવમાં ખૂંપી જતા ત્યાંજ તેમને દફન કરવામાં આવ્યાં. અહીં નુરબીબી અને ફાતમાબીબીના મઝાર સહિત ઉજજૈનના ધર્મગુરુ સૈયદ અબ્દુલ કાદીરના પત્નીનો ત્રીજા મઝાર પણ છે. અહીં મહોર્રમ માસમાં મોટો મેળો ભરાય છે.
ગાંધી કુટિર-કરાડીઃ-
      નવસારીથી ૧૩ કિ.મી. અંતરે આવેલ જિલ્લાના જલાલપોર તાલુકાન કરાડી ખાતે પૂ. ગાંધી બાપુ પ્રસિધ્ધ દાંડી કૂચ વખતે સને ૧૯૩૦માં આવ્યાં બાદ ઍક આંબાના વૃક્ષ નીચે ખજુરીના છતીયાની કુટીરમાં રહયાં હતાં. કુટીરમાં તા.૧૪/૪/૩૦ થી તા.૪/૫/૩૦ સુધી અહીં રોકાયાં હતાં અને નમક સત્યાગ્રહને અહીંથી બળ મળેલું. ધરાસણા મીઠાના અગર તરફ જવાનો પત્ર પણ અહીંથી લખાયેલો. તા.૪/૫/૧૯૩૦ના રોજ અહીંથી ગાંધીજીની ધરપકડ થઇ હતી.
શહીદ સ્મારક મટવાડ
      નવસારીથી અંદાજે ૧૫ કિ.મી.ના અંતરે આવેલ જિલ્લાના જલાલપોર તાલુકાના મટવાડ ગામે તા.૨૨/૮/૧૯૪૨ના રોજ સાંજે પ-૦૦ કલાકે પરદેશી શાસનનો વિરોધ કરતા ગોળી વાગવાથી કરાડી ગામના શહીદ થયેલા મોરારભાઇ વાંસીયાભાઇ પટેલ, રણછોડભાઇ લાલભાઇ પટેલ અને મટવાડના મગનભાઇ ધનજીભાઇ પટેલ ઍમ ત્રણ શહીદોની પુણ્ય સ્મૃતિમાં આ શહીદ સ્મારક કાંઠા વિસ્તારના દેશપ્રેમી વિરોની માભોમની મુકિત માટેની સંઘર્ષ ગાથાની યાદ તાજી કરાવે છે. જે વડલા પાછળથી સંતાઇને અંગ્રેજાઍ ગોળીબાર કર્યો હતો, તે વડલો પણ આજે સ્મારક પાસે અડીખમ ઊભો છે.
ગાંધી સ્મૃતિ રેલવે સ્ટેશન
        નવસારીથી આશરે ૫ કિ.મી.ના અંતરે ગાંધીસ્મૃતિ રેલવે સ્ટેશન આવેલ છે. રાષ્ટ્રપિતા પૂ. મહાત્મા ગાંધી બાપુની અંગ્રેજ શાસકોઍ મીઠાના કાયદાના ભંગ બદલ ધરપકડ કરીને ઍરુ નજીક ફ્રન્ટીયરમેલ ટ્રેનને રોકાવીને પૂ.બાપુને જેલમાં લઇ ગયા હતાં. તે સ્થળ ગાંધી સ્મૃતિ રેલવે સ્ટેશન તરીકે જાણીતું બન્યુ઼ છે અને આજે પણ અહીં કેટલીક લોકલ ટ્રેનોને સ્ટોપેજ મળેલાં છે.
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નવસારી જિલ્લામાં માર્ગ અને મકાન સ્ટેટ માં કરાર આધારિત પાસે નાણાં અને વિકાસ ના કામો માટે PAMSની તપાસ અરજીથી હળકંપ






નવસારી જિલ્લામાં માર્ગ અને મકાન સ્ટેટ માં કરાર આધારિત પાસે નાણાં અને વિકાસના કામો માટે PAMSની તપાસ અરજીથી  હળકંપ
માનવ અધિકાર સાથે અસભ્ય વર્તન
                  નવસારી જિલ્લામાં કરાર આધારિત નિવૃત્ત અધિકારી કાર્યપાલક ઇજનેર શ્રી નો ગૈરકાયદેસર  કામો અને ભ્રષ્ટાચાર બાબતે સમાચાર પત્રો માં  અહેવાલ પ્રસિદ્ધ થઈ રહ્યા છે.જેમાં મળેલ માહિતી મુજબ સરકાર શ્રીના કાયદા મુજબ નાણાકીય આને વિકાસના કામો ઉપર સહીઓ કરવા ની ઓથોરિટી  સરકાર શ્રી દ્વારા આપવામાં આવેલ નથી.અને કાર્યપાલક ઇજનેર ની જગ્યા વર્ગ એક ની હોય જેથી એનો ચાર્જ ફકત વર્ગ એક ના અધિકારી શ્રીને જ આપી શકાય છે. પરંતુ સદર અધિકારી શ્રીની ઓળખ ગાંધીનગરની કચેરી અને વર્તુળ કચેરી માં પણ એજ રીતે ચાલતી આવેલ છે. અને સુત્રો દ્વારા મળેલ માહિતી મુજબ નવસારી જિલ્લા માર્ગ અને મકાન વિભાગ સ્ટેટ ની કચેરી નિવૃત્ત અધિકારી જેમને કરાર ઉપર કેમ રાખવામાં આવેલ છે ? એ એક ગંભીર સવાલ છે. શુ એમની લાયકાત મુજબ ના અધિકારી ગુજરાત માં નથી ? સરકાર સામે એવી કઈ મજબૂરી છે ? સદર વિભાગના સર્વોચ્ચ અધિકારી શ્રીની  કોઈ મોટો કોભાંડ હોય જેથી સદર અધિકારી શ્રીને રાખવો મજબૂરી છે? આજે નવસારી જિલ્લામાં કરાર આધારિત નિવૃત્ત અધિકારી કાર્યપાલક ઇજનેર શ્રીનો ચાર્જ  હાલ માં જ નિમણુંક નાયબ કાર્યપાલક ઈજનેર પાસે  છે. જેની તપાસ અને સત્યતા જાણવા માટે એક અરજી કરવામાં આવતાની ચંદ પલો માં  હિસાબી અધિકારી પાસે ગૈરવર્તન કરાવવામાં આવ્યું. અને સદર કાર્યપાલક  ઈજનેર અને નાયબ કાર્યપાલક ઇજનેરની હાજરી માં ફરિયાદ કરતા અધિકારીઓની મિલીભગત પ્રત્યક્ષ  સામે આવી છે. જાણકારો ના મંતવ્ય મુજબ અહિં નવસારી થી ગાંધીનગર સુધીના પ્રશાશનિક અધિકારીઓ એક બીજા ને મિલીભગત કરી સરકાર શ્રીની તિજોરી સાથે રમત રમી રહ્યા છે. નવસારી જિલ્લાની સદર કચેરીના વડા સુરત માં અધીક્ષક ઇજનેર પણ એવી રીતે નિવૃત્ત કરાર આધારિત છે. જેથી ફરિયાદ એમની પાસે કરવામાં કોઈ તપાસ કરી શકે નહિ.

Friday, March 19, 2021

मानव जीवन में मन का पावर ...,,! मन के जीते जीत मन के हारे हार जो चाहो वह मिलेगा




मानव जीवन में मन का पावर ...,,!
  मन के जीते जीत मन के हारे हार 
जो चाहो वह मिलेगा 
आज जो मिला है वह आपने ही मागा हैं
आज आपकी जो हालत है उसकी एक मात्र जवाबदेही आप स्वयं है 

       आपके चाहने के वगर न कोई आपको दुखी कर सकता है न ही सुखी कर सकता है। यह सीधा साफ है और इसकी चाबी आपके यानी मन के पास है। और मन ही सुख और दुख का मालिक है। और मन के ऊपर काबू पाना बेहद आसान भी है और सबसे ज्यादा कठिन है। यदि इसका रहस्य समझ में आ जाय फिर सरल है। परंतु इसके लिए गहन साधना की जरूरत है। जैसे आप संकल्पवान होकर शुरुआत करेंगे फिर कुछ दिनों में ही धीमे धीमे सभी आसान और साफ साफ दिखाई देने लगता है। और यह धीरे धीरे आहिस्ता आहिस्ता जैसे जैसे आप संकल्पवान बन कर इस मन की यात्रा में चलते हैं यह बहुत ही रोचक हो जाता है। और सबसे बड़ी घटना यह घटती है। कि जब सब सीधे दिखाई पड़ता है। उसी सहज भाव में आप स्वयं हैरान हो जायेंगे कि यह सभी सुनिश्चित है।और आप उस सुनिश्चित होने के भाग बन जायेगे। फिर आप दृष्टा बन जायेगे। परंतु यह सभी एक गहन साधना के साथ शुरू होगा। मन को साधने के लिए एक विराट जीवन, विराट आनंदमय जीवन व्यतीत करने के लिए एक विशेष संकल्प और साधना की जरूरत है। इसलिए सबसे पहले इसे स्वयं बिना किसी मार्गदर्शक के मुश्किल है। क्योंकि सदियों से हम जिस वर्तुल में हैं। उसी को हमने सुख मान लिया है। अब उससे बाहर जाने के लिए किसी मार्गदर्शक जिसे उसका ज्ञान हो वही उसकी खबर दे सकता है। और वही उसका मार्गदर्शक बन सकता है। इसलिए गुरु भी एक उपाय है। भगवान शिव गुरु उपाय भी एक विकल्प बताया है। आज अधिकतर तथाकथित धार्मिक गुरुओं ने बिना खुद समझे जाने मार्गदर्शक बन गये। आज वह स्वयं दुखी हैं। जिसे स्पष्ट देखा जा सकता है। यह सीधा साफ है। मन को साधने के लिए दृष्टा बनने के लिए पूरा जोर लगाना पड़ेगा। परंतु एक बार संकल्प के पश्चात उस यात्रा में परम सत्ता की यात्रा में ही इतना आनंद मिलता है जिसे शब्दों में सिद्ध करना असंम्भव है। और जैसे घर में बैठकर आसमान सिद्ध नहीं किया जा सकता उसके लिए बाहर निकलना पड़ेगा। कुछ कदम साथ चलना पड़ेगा। सबसे बेहद आसान जानना पहले ज़रुरी है कि हम सभी वासनाओ के जाल से निकल नहीं पाते । और यदि वासनाओं की जड़ में जायें फिर वह हमारी मूल में है इसे भी समझें वही आपका मूल स्वरूप है। उसी से जन्म हुआ है और इससेे निकलना मतलब पूरे स्वरूप को बदलना इतना आसान नहीं है।  सदियों से यह परंपरा चली आ रही है। स्त्रीयों को हमेशा सभी दूर रखना चाहते हैं। आखिर इतने आज सभी धर्म के तथाकथित अनुयाई भयभीत क्यों हैं। एक तरफ हम देवी कहते हैं ।और उसी देवी के स्वरूप को हम मंदिरों मस्जिदों में प्रवेश नहीं होने देते। यह सीधा साफ है। कि स्त्रियों से डर  परमात्मा को नहीं इन तथाकथित धार्मिक परंपराओं के मानने वालों को है। समस्या स्त्रियों में नहीं है। यदि समस्या स्त्रियों में होती तो डर उन्हें लगना चाहिए। परन्तु डर इन तथाकथित धार्मिक परंपराओं के अनुयायियों को है। और इतना डर भयभीत के पीछे रहस्य है। मेरे देखे जितना भयभीत तथाकथित धार्मिक परंपराओं के सर्वश्रेष्ठ अनुयाई हैं। उतना आज एक संसारिक सामान्य इंसान नहीं है। और खुद भयभीत हो वही आपको मार्गदर्शन करने का दावा करे। भवसागर से पार उतारने की बात करे । आपको मोक्ष दिलाने की बात करे। जो कभी पानी में उतरा ही नहीं वह आपको तैरने की कला सिखाने की बात करे। उसे कैसे पता चल सकता है कि असली दर्द कहां है। "जिसके पैर न पड़ी बेवाई वो क्या जाने पीर पराई" जैसी कहावत सिद्ध होती नजर आ रही है। आज यही हालत लगभग सभी क्षेत्रों में देखा जा सकता है। आज के तथाकथित धार्मिक परंपराओं के तथाकथित धार्मिक गुरु हालांकि ऐसा कुछ भी नहीं है।आज आपके खेवनहार बनने का दावा ही नहीं बन चुके हैं। और इनकी  हालत सभी के सामने है। 
मन से पार पाने के लिए बिना मन को समझे पार नही पाया जा सकता।मन विचारों की श्रंखला विचारों का एक समूह है। विचारों को आने का कारण समझ में आये फिर उसके उद्गम स्थान को समझे बिना कम नहीं किया जा सकता। 
जिस जिस को आप चाहते हैं वह चाहे धन हो या धर्म,पद हो या प्रतिष्ठा । सभी आपके मन के खेल हैं। जिस को बहुत ज्यादा सोचते हैं। वह निश्चित ही आपके जीवन में उतरना शुरू हो जाता है। चाहे वह सुख हो या दुःख। आपके ज्यादा सोचने से वह एक मंत्र बन जाता है। और आपके अवचेतन मन में पहुंच जाता है। और जो अवचेतन मन में पहुंच जाता है।  वह आपके जीवन में घटने लगता है। यदि आप को दुःख नहीं चाहिए फिर उस दिशा में सबसे पहले आपको सोचना बंद करना पड़ेगा। अपने आपको सकारात्मक सोच से भरना पड़ेगा। भगवान महावीर ने कहा कि चित्तं मंत्र: । उसका यही अर्थ है कि बार बार एक ही सोच को दोहराते दोहराते वह एक मंत्र बन जाता है।अब इसे दोनो दिशाओं में देखा जा सकता है। इसीलिए प्रायः देखा जाता है कि गरीब और गरीब हो जाता है। अमीर और अमीर बन जाता है। सबसे पहले और आज तक सिर्फ भगवान महावीर के अलावा और किसी ने नहीं कहा कि ध्यान दो प्रकार का है। दो गलत और दो सही। व्यक्ति क्रोध की अवस्था में भी ध्यान को उपलब्ध कर लेता है। फर्क सिर्फ इतना ही होता है कि वह बेहोशी में होता है। और उसका परिणाम गलत ही होता है। ध्यान का अर्थ होश पूर्वक जीना है। ध्यान से मन को बेहद आसानी से जीत हासिल की जा सकती है। और उसके लिए साक्षी भाव से शुरू किया जाता है। हम करीबन नब्बे प्रतिशत से अधिक जीवन बेहोशी में निकाल देते हैं। उम्र पूरी हो जाती है। पता ही नहीं चलता। उसका सीधा साफ अर्थ है कि हम बेहोशी में जी रहे हैं। हमें यदि इससे निकलना है फिर साधना और गहन साधना की जरूरत है। सदियों से जन्मों जन्मों से हम एक ही वर्तुल निर्मित कर चुके हैं। और उसी को हम जीवन मान चुके हैं। इसी को लख चौरासी में भटकना कहा गया है। करोड़ों अरबों में कहीं कोई विरला निकल पाता है। जिसे हम भगवान महावीर, बुद्ध, पैगम्बर मोहम्मद, जीसस, गुरु नानक, जरथोस्त, कबीर सूरदास, रैदास, मीरा जैसे अंगुलियों पर गिने जा सकते हैं। बाकी मन के सब व्यापार है। 
यदि आप को भी पता चल जाये कि आप कई जन्मों से यह एक ही काम कर रहे हैं फिर ऊबन आना स्वाभाविक है। परंतु सभी भूल जाता है। यह नैसर्गिक है। भगवान महावीर और भगवान बुद्ध एक प्रयोग करवाया करते थे जिसमें आपको पिछले दो तीन जन्म दिखाई पड़ता है कि आप क्या कर चुके हैं। उससे वही दोबारा करने की आदत से छुटकारा पाने में सहायता मिलती है। और हमें एक नई दिशा मिलती है। परंतु आज यह सभी तथाकथित धार्मिक गुरुओ ने एक व्यापक व्यापार का रूप धारण करवा दिया। आज सबसे  अधिक धन ऐसे ही तथाकथित धार्मिक गुरुओ के पास दिखाई देता है। जिसे पहले नकार दिया गया था।आज उसकी ए प्राथमिकता दें रहे हैं। उसका परिणाम इन सबों की हालत प्रत्यक्ष देखी जा सकती है। और जो बचे हैं उनका जीवन एक सामान्य से भी कहीं खाली और उदास है। इस अंदर के खालीपन को धन दौलत से नहीं भरा जा सकता है। क्योंकि इसके लिए वहां कोई जगह नहीं है। आइये उस पवित्र शरीर को हम परमात्मा से भर दें। 

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करिश्मा नैसर्गिक आध्यात्मिक चिकित्सा केंद्र,विजलपोर, नवसारी गुजरात 
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Tuesday, March 16, 2021

नवसारी जिला पंचायत में सूचना का अधिकार लकवाग्रस्त ....! गैरकायदेसर एरकंडीशन का लाखो रूपये का बिजली बिल की अधिकारियों के वेतन से काटने की जवाबदारी किसकी ...?




नवसारी जिला पंचायत में सूचना का अधिकार लकवाग्रस्त ....!

गैरकायदेसर एरकंडीशन का लाखो रूपये का बिजली बिल की अधिकारियों के वेतन से काटने की जवाबदारी किसकी ...?       

गुजरात की ऐतिहासिक और संस्कारी नगरी नवसारी जिले में जिला पंचायत के सुपर स्टार अधिकारियो की कायदेसर सरकार के सभी कायदा कानून के पालन करवाने की जवाबदेही है । परंतु जमीनी हकीकत में आज सबसे पहलेे यहां  अधिकारी खुद ही कायदे का उल्लंघन करते नजर आ रहे हैं। नवसारी जिला पंचायत में सरकार के हुकम के मुताबिक जिसमें स्पष्ट उल्लेख किया गया है। कि वर्ग एक से चार तक के सभी कर्मचारी और अधिकारियो को तीन से पांच वर्ष में बदली कर दिया जाये। जिस कायदे की जमीनी हकीकत जानने के लिये नवसारी जिला पंचायत में सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 जिसे सिर्फ और सिर्फ जन हित और भ्रष्टाचार से संबधित सूचनाए अधिकारियों के द्वारा आम नागरिको को प्रदान करने के लिये बनाया गया है। आज इस नियम की वजह से देश में कई भ्रष्टाचार उजागर हुए हैं  । पूर्व प्रधान मंत्री श्री मनमोहन सिंह ने अपने एक वकतव्य में कहा कि आरटीआई से भ्रष्टाचार कम हुुआ है। और इसी क्रम में देश के योगी पुरूष और दुनिया के लोक प्रिय सर्वोच्च भारत के प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि आरटीआई का मतलब सवाल पूछने का अधिकार । देश के जानी मानी हस्तियो और विद्वानो ने सुप्रिम कोर्ट तक इस नियम को सर्वश्रेष्ठ नियमो की सूची में डाल चुके हैं। शासन में भी इसे लाने की प्रकृया भी गतिमान है। परंतु मिली सूचना के अनुसार अभी तक यह कानून नवसारी जिले के जिला पंचायत मेंं कायदेसर  लागू नहीं किया गया। और कई कर्मचारी यहां पांच साल से अधिक समय से कार्यरत हैं। और इसकी जवाबदारी किसकी है ?  अभी तक कोई कार्रवाई करने में कोई दिलचस्पी नहीं बताई है।



     नवसारी जिले में अभी तक लगभग सभी कचेरियों में आज सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 को दूसरे दशक में प्रवेश होने के बावजूद  कायदेसर लागु नही हो पाया। करीबन दो वर्ष पहले गुजरात के माहिती आयोग कमिश्नर श्री आर.आर.वरसाणी श्री नवसारी जिले के कलेक्टर श्री को सिर्फ सूचना का अधिकार अधिनियम की धारा ४ ख में अमलीकरण न होने पर पक्षकार बनाकर एक आदेश किया था कि जिले की सभी कचेरियो में इसे पद्धतिसर लागु करवाया जाय । और इसी अपील की सुनवाई में नाराजगी व्यक्त करते हुए  स्पष्ट सूचना देते हुए कहा था कि अपील अधिकारी सिर्फ अपील अधिकारी ही नहि अपितु ओथोरिटी सुपरविजन अधिकारी भी हैं। नवसारी जिले के जिला पंचायत में आज पहली बार सभी अधिकारी शैक्षणिक लायकात और अनुभवी है । जिसे सरकारश्रीने विकास के लिये सोचकर भरती किया होगा । परंतु आज सब उलटा कार्य करते नजर आ रहे हैं। एयरकंडीशन सरकारी वाहनों और कार्यालय से तत्काल निकालने वाले कायदे के बारे में एक सूचना नवसारी जिला पंचायत के कार्यालय से मांगी गयी। जिसमे नवसारी जिले के जिला पंचायत के वर्ग एक के अधिकारियो ने ही अभी तक सरकार के कायदे कानून को मानने से जब इंकार कर दिया तब वर्ग दो और तीन क्यों मानें ? आज यह समझना मुश्किल हो चूका है कि सरकार ने इन्हें नौकरी दी है। कि ए नौकरशाह सरकार के मालिक हैं। 



         गुजरात सरकार के विकास कमिश्नर श्री ने सीधे साफ लिखा है कि जिस कार्यालय और वाहनों में एयरकंडीशन नहीं निकाला जायेगा । उस अधिकारी के वेतन से सभी खर्च और विजली का बिल काटा जायेगा। परंतु आज यह समझना मुश्किल हो चूका है कि इस नियम को पालन कौन करवायेगा ? नवसारी जिला पंचायत में जानकारों की मानें फिर यह जवाबदेही जिला विकास अधिकारी की होती है । परंतु अभी तक सदर अधिकारी श्री  बार बार फरियाद करने के बावजूद अपनी जवाबदेही से हट रहे है। और दिलचस्प यह है कि यह परिपत्र में सीधे जिला विकास अधिकारी को भेजा गया है। नवसारी जिला पंचायत के हिसाबी अधिकारी श्री यहां अपनी अलग सरकार चला रहे हैं। उनके जवाब कुछ और ही है सदर महाशय ने जवाब दिया है कि बिजली कनेक्शन बंद कर दिया है। अभी तक एक  अधिकारी यह नहीं बता पाए कि यह अवैध एयरकंडीशन  सरकारी कचेहरी में किस नियम के तहत लगाया गया है। नवसारी जिले के जिला पंचायत में एक सूचना मांगी गई जिसमें सरकार ने एक नियम बनाया है कि तीन वर्ष से पहले अधिकतम पांच वर्ष  तक ही वर्ग एक से चार तक के कर्मचारियों एवम अधिकारियों को रखा जाये। यह नियम यहां सिर्फ और सिर्फ जिला विकास अधिकारी को ही लागू होता है। बाकी अधिकारियों कर्मचारियों को क्यों नहीं ? इस नियम के पालन करने की जानकारी सूचना अधिकारी के पास मांगी गई  । जिसमे हिसाबी अधिकारी श्री ने ऐसी सूचना दिया है। जिसके मुताबिक इसे अभी तक यहां माना नहीं गया है। सदर महाशय जिन्हें कायदेसर सूचना देने से ज्यादा सुप्रीम कोर्ट के हुक्म की जानकारी ज्यादा होती है। आधे से ज्यादा सूचना जो निवृत्त अथवा ट्रांसफर हो गये है । उसी को दो बार कायदेसर फीस जमाकर  दे चुके हैं। और अभी तक नवसारी जिला पंचायत में सूचना अधिकार अधिनियम में अरजदारो के पास से नियम के मुताबिक फीस जमा करवाने के लिए एक एकाउंट भी सीधे केस लेने अथवा डिजिटल इंडिया के तहत जमा करने की व्यवस्था नहीं करवा पाए । आज जब गुजरात सरकार लाखों करोड़ रुपए की कर्जदार हो चुकी है ऐसे समय में यह सभी तथाकथित अधिकारियों से सरकार विकास करवा पायेगी ? यह समझना मुश्किल हो चुका है।और ऐसे कई उदाहरण हैं जिसमें नवसारी जिला पंचायत के लगभग सभी अधिकारियों के कामकाज पर सरकार को भयंकर आर्थिक तंगी से निकलने के बदले नुकसान पहुंचाने के एवीडेंस हैं। और जब एक छोटे जिले की यह हालत है फिर बाकी की हालत समझना मुश्किल नहीं है। यदि गुजरात सरकार तत्काल ऐसे मामलों में संज्ञान नहीं लेगी तब विकास भी एक जुमला ही साबित होगा। अब इस समाचार को सरकार गंभीरता से लेकर कार्यवाही करेगी अथवा अन्य । इस पर सभी की वक्र दृष्टि बनी हुई है। 



सइयां बने कोतवाल अब डर काहेका..! नवसारी विजलपोर नगरपालिका में भ्रष्टाचार की बोलबाला...! शेर की सुरक्षा में कुत्ते लगाये गये..?



सइयां बने कोतवाल अब डर काहेका..!
नवसारी विजलपोर नगरपालिका में भ्रष्टाचार की बोलबाला..!
शेर की सुरक्षा में कुत्ते लगाये गये..?

      नवसारी विजलपोर नगरपालिका में चुनाव के पहले सभी मुख्य सड़कों को बिना किसी जांच के जरूरत के सोचे समझे बिना जल्द बाजी में कहीं चुनावी मुद्दा न बन जाये। एक एक फुट ऊंचा रोड बनाया गया। और हालत गंभीर होती देख सरकार जहां एक तरफा हो चुकी है। तत्काल निवृत्त इंजीनियर को बिना किसी कारण और जरूरत के पुनः स्थापित कर दिया। जब कि बेरोजगारी के मुद्दे पर सरकार आज रोज परेशान हो रही है। बेरोजगारी और मंहगाई के मुद्दे पर सरकार रात दिन मेहनत करने के बावजूद किसी अच्छे नतीजे पर पहुंचना टेढ़ी खीर साबित हो रही है। ऐसी हालत पर जबकि गुजरात सरकार तत्काल एक इंजीनियर को नियुक्त कर चुकी हैं। और आज जब नवसारी विजलपोर नगरपालिका में एक दर्जन से अधिक इंजीनियर पहले से ही मोजूद है । आउट शोर्स अथवा करार आधारित निवृत्त होने के बाद रखने का किसी भी एंगल से जरूरत नहीं है। जानकारों की मानें तो तथाकथित हुए भ्रष्टाचार की जवाबदेही में कोई भी जवाबदारी लेने को तैयार नहीं होगा । आज एक एक फुट लगभग सभी सड़कें ऊंची होने पर सड़कों के किनारे बनी दुकानों और मकानों में बरसात का पानी जाने से भयंकर नुकसान होगा। वहीं दूसरी तरफ नवसारी विजलपोर नगरपालिका में कुछ समय पहले आशापुरी माता जी मन्दिर के बगल में आरसीसी रोड पहले ही वर्ष में धराशाई होने के कगार पर पहुंच चुका है। और आरसीसी रोड की मरम्मत नहीं हो सकती। एक ही रोड को दो बार पहले ही बनाया जा चुका है। जो नवसारी विजलपोर नगरपालिका के इंजीनियरों की अनुभव और लायकात को उजागर कर चुका है।आज आरसीसी रोड जिसे सीमेंट से बनाया जाता है। उसके ऊपर डामर से ढंक दिया गया है। ताकि किसी बड़े नेता अथवा गांधीनगर के भ्रष्टाचार अधिनियम में तैनात अधिकारियों की नजर न पड़ जाए। सीमेंट के उपर डामर की सुरक्षा व्यवस्था करना। शेर की सुरक्षा अब कुत्ते को करने जैसा है।
नवसारी  विजलपोर नगरपालिका में अपनी नाकामयाबी को छुपाने के लिए कोन्ट्राकटरो को सिर्फ सलामी नोटिस देकर छुटकारा ले लिया जाता है । जबकि सभी सड़कें एक से दो वर्ष में दम तोड़ दिया करती हैं। कायदे और कानून की मानें तो अब तक ऐसी सड़कों में बार बार टूटने पर कोन्ट्राकर को ब्लेक लिस्ट करने का सीधे प्रावधान है। परंतु ऐसा न करना सीधे भ्रष्टाचार में मिलीभगत को दर्शाता है।
           सूत्रों के हवाले से चल रही खबरों की मानें तो नवसारी विजलपोर नगरपालिका में गटर व्यवस्था की जानकारी तथाकथित एक दर्जन से अधिक इंजीनियरो में किसी के पास नहीं है। बरसादी पानी निकालने की व्यवस्था करना इस विकसित ऐतिहासिक जिले में शायद गुनाह समझा जाता है। सरकार की सर्वश्रेष्ठ संस्था जीयुडीसी खुद ही करप्शन में मजे ले रही है। विजलपोर नगरपालिका में गटर व्यवस्था इसका एक ताजा उदाहरण है। विजलपोर में जीयुडीसी छ फुट की गटरलाइन में पाइप को निकाल कर दो फुट और दस फुट जमीन के नीचे डालकर नागरिकों की जिंदगी से खिलवाड़ कर जा चुकी है। और विजलपोर नगरपालिका के आधे दर्जन इंजीनियर सिर झुकाए दोनों हाथ नीचे मुठ्ठी बंद कर कर देखते रह गये। और आज लगभग सभी गटर भर चुके हैं। गंदगी का साम्राज्य हो चुका है। नवसारी विजलपोर नगरपालिका में बांधकाम व्यवस्था की हालत गंभीर हो चुकी है। अधिकारियों को खोजना जवाबदेही किसकी है ? आज चांद से तारे तोड़ने के बराबर है। नवसारी विजलपोर नगरपालिका के सर्वोच्च अधिकारी श्री ऐसे भ्रष्टाचार की सूचना को खानगी बताया है। भ्रष्टाचार को उजागर करने के लिए भ्रष्टाचार के ऊपर कार्यवाही करने के लिए सरकार भ्रष्टाचार अधिनियम बनाई है। और नवसारी विजलपोर नगरपालिका के सुपर स्टार अधिकारी जिन्हें लोक चर्चा मुजब ऐसे कामों में महारत हासिल है । और दूसरी बार यहां शायद इसीलिए बुलाया गया है। आज सूचना के अधिकार में भ्रष्टाचार की सूचना देने से लिखित में इंकार कर दिया है। नवसारी जिले के एक आईएएस कलेक्टर के हुक्म को रद्द करवाने में मुख्य भूमिका निभाकर आज जब कि आकारणी कर चारों तरफ से घिर चुके हैं। गुजरात हाईकोर्ट के आदेश का अपमान करना शायद गुनाह होता है । इसकी जानकारी तथाकथित अधिकारियों को नहीं है। फिलहाल ऐसी सभी व्यवस्थाएं पर चाहे सड़क पानी गटर व्यवस्था हो अथवा नवसारी विजलपोर नगरपालिका के साथ नवसारी शहेरी अविकसित सत्ता मंडल के अधिकारी हो अथवा अध्यक्ष। नवसारी शहेरी विकास सत्ता मंडल में आज पांच साल गुजर चुके।अभी तक यह कचेेहरी चार्ज में चलाई जा रही है। अभी तक यहां सरकार के किसी भी कानून को प्रवेश की अनुमति नहीं है। आरटीआई हो या नागरिक अधिकार अधिनियम अभी तक कार्यालय में प्रवेश तक नहीं कर पाया। एक सामान्य बोर्ड लगाना यहां के अधिकारी अपनी तौहीन मानते हैं। निजता का अधिकार का सम्मान करने के बजाय यहां अधिकारी अपनी सरकार चलाते हैं। बांधकाम व्यवस्था में कहां कहां निर्माण हो रहा है इस कार्यालय में किसी को पता नहीं होता। इस कार्यालय के हद में किसी भी नागरिक को बिना परमीशन दस महले तक की बिल्डिंग बनाने तक की छूट लोक चर्चित है शर्त यह  सिर्फ वह माफिया हो अथवा गांधीनगर में एक अच्छी पहचान हो। आज ऐसे सभी अधिकारियों के रोजमर्रा के कामों पर सरकार की तीसरी आंख अपनी नजरें और जांच शुरू कर दिया है। और जल्द ही सभी अधिकारियों और सफेद रंग में बैठे पवित्र साफ पाक नागरिकों की संपत्ति को पुनः गंगा जल से पवित्र कर देश के निर्माण में लगाया जाएगा। जिसका संकेत नवसारी जिले के एक धारासभ्य श्री अपने एक वक्तव्य में कर चुके हैं।सफेद रंग में रंगे एक भी भविष्य में नहीं दिखाई देंगे। यह भी सीधा साफ कर दिया है। और विद्वानों की मानें तो इसके लिए आज से ४१ वर्ष पहले अधिकारियों की संपत्ति के लिए कायदेसर पूरा ग्रन्थ बनाया गया है। अब यह कानून अपने आप में प्रोढ़ हो चुका है। जिसने जितनी संपत्ति सरकार को बताई है। उसके अलावा सबसे पहले कायदेसर सब सीधे सरकार की है।और यह अब जब महामारी से देश आर्थिक तंगी से गुजर रहा है। इसे देश की आर्थिक तंगी से निकलने में मदद मिलेगी। अब समय आ चुका है।  इसे अब ऐसे कानून को अमलीजामा पहना कर जमीन पर लाया जाएगा। इसी प्रकार यह  जल्द एक बार फिर सिद्ध होगा कि ____... है फिर मुमकिन है।

Sunday, March 14, 2021

एक मित्र ने पूछा है - दुखो से छुटकारा कैसे मिले ..? आनंदमय जीवन जीने का रहस्य



आपके आध्यात्मिक सवालों का जवाब देंगे लोकरक्षक समाचार एवम पर्यावरण मानव अधिकार संस्था के प्रदेश अध्यक्ष और उनकी टीम 
एक मित्र ने पूछा है
दुखो से छुटकारा
       कैसे मिले ..?

आनंदमय जीवन 
   जीने का रहस्य..!

           आज सदियों से मानव जीवन बहुत ही दुखी है। हम सभी इसी जीवन के एक हिस्से हैं। हम जिस दुनिया में जी रहे हैं। जिस वातावरण में जिस माहौल में जीवन व्यतीत कर रहे हैं। जहाँ चारो तरफ सिर्फ दुःख और तनाव है । चारो तरफ आपा धापी है। एन केन प्रकारेण सभी दुनिया के सभी प्रकार का सुख पाने के लिए अजीबो गरीब हरकतें कर रहा है।  दूसरे के धन के प्यासे हो चुके हैं। हर हाल में सभी प्रकार की संपत्ति इकट्ठा कर लेना चाहते हैं। सभी प्रकार से संतुष्ट होना चाहते हैं। एक बार यदि आपको कभी ख्याल आये वैसे बड़ा मुश्किल है। जिस धन को  इकट्ठा करना चाहते हैं उसमें आप अकेले यह पहली बार नही कर रहे है। यह प्रवृत्ति कई जन्मो से चल रही है। मृत्यु के साथ हम सब भूल जाते है।
यह सदियों से चल रहा है। आप जितना धन इकट्ठा कर खुश होना चाहते हैं आपके नजदीक ही बहुत सारे इकट्ठा कर चुके हैं। जाकर पता लगाओ क्या उन्हे सुख मिला । क्या वहां आनंद के फूल खिल चुके हैं। क्या वै किसी भी प्रकार से सुखी हैं। आप देखेंगे जिस प्रकार से उनके पास धन की मात्रा बढ़ी उसी अनुपात में दुख की मात्रा बढ़ जाती है। खोज रहे थे सुःख इसके लिये कितनी तकलीफ़ उठाई होगी और आज इस धन को पाकर ज्यादा दुखी हो चुके हैं। सुख के चक्कर में धन को इकट्ठा करने में वर्षो तक क्या क्या जतन किया। इतना सारा धन तो मिल गया परन्तु उसी मात्रा में दुःख भी मिल चुका है। अब इस दुःख और दर्द से छुटकारा पाने के लिए उसी धन को खर्च कर रहे हैं। अब धन से न सुख खरीदा जा सकता है न ही दुखो से निजात पाई जा सकती है। और धीमे धीमे ऐसा आनंदमय जीवन जिसे हर पल जी सकते थे ।यह विशाल सुन्दर जीवन का एक एक पल रेत.की तरह कब निकल जाता है ।पता नही चलता। ठीक इसी तरह पद और प्रतिष्ठा की चाहत भी एक दिन यदि मिल भी जाये वह भी आनंद और सुख के बजाय दुखदाई ही साबित होती है। और यदि एक बार सोचकर सोचो यहाँ कुछ भी जब स्थाई नही है हर पल सभी बदल रहे है । इसके पहले जो था वह आज नही है।सभी भविष्य की चाहत में वर्तमान को भी गुजार रहे हैं।

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क्या  सुःख ,आनंद प्राप्त करने का कोई मार्ग है..?

      सुख के चक्कर में हम अक्सर दुःख ही खरीद लेते हैं। सुख सांसारिक और परिवर्तन शील है। जिसे रोका नही जा सकता। सुख और दुख एक सिक्के के दो हिस्से हैं। दिन और रात जैसे हैं। जिसे रोका नही जा सकता। आपको जो चाहिये उसे पहले देना होगा। करुणा प्रेम दया ही इसके प्राथमिक चरण हैं।  आज यदि पता चल जाये कि यह जो आज हमें दिखाई दे रहा है शायद कल न मिले । और यदि यह पता चल जाये और हर पल यह गुजर ही रहा है।कि जिसके साथ हम दुर्व्यवहार कर रहे है यह कुछ पलो समय के बाद भूतपूर्व होगा।और यही परम सत्य है। यह होना तय है और वही नही उसमे हम और मै भी सामिल है। फिर क्या हम उसके साथ गलत कर पायेंगे। जैसे ही यह ख्याल आता है हम करूणा से भर जाते हैं। और याद रहे सुख बाहर से मिलता है।और जो बाहर से किसी और से मिलता है वह स्थिर स्थाई नही हो सकता।जो सुख किसी और से प्राप्त हो वह दो कौणी का है।आनंद आध्यात्मिक है। वह अंदर की बात है सनातन है। परंतु उसके लिए अंदर जाना होगा। आनंद मय जीवन स्वास्थ्यमय जीवन प्राप्त करने के लिए दो प्रकार हैं। एक जिसे आप अपने हिसाब से प्राप्त करना चाहते है दूसरा परमात्मा के हिसाब से। जिसे आप स्वयं चाहते है उसमे संघर्ष करना होगा। और जिसे आप परमात्मा की ओर से चाहते है फिर उसमे संघर्ष की जरूरत भी नही है फिर उसकी मर्जी। और उसके लिए सिर्फ समर्पण की भावना ही काफी है। और जब समर्पण का भाव आ जाता है फिर यही कर्म का प्रारूप ही बदल जाता है। आप साक्षी भाव में आ जाते हैं। और यह कर्म अब पहले जैसा नही रहेगा। आपको पता लगने लगता है कि अब यह सभी किसी और के द्वारा करवाया जा रहा है। धीमे धीमे आहिस्ता आहिस्ता हमारे कर्म भी साक्षी भाव से होने लगते है। फिर एक दिन ऐसा आयेगा कि जो बोले सो हरिकथा।

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नवसारी जिले में दक्षिण गुजरात वीज कंपनी लिमिटेड का पर्दाफाश -RTI

नवसारी जिले में दक्षिण गुजरात वीज कंपनी लिमिटेड का पर्दाफाश -RTI नवसारी जिले में DGVCL कंपनी के लगभग सभी सूचना अधिकारियों ने सूचना अधिकार का...