Wednesday, January 19, 2022

गुजरात उच्च न्यायालय ने दी अवैध बहुमंजिला इमारतों पर हथौड़ा चलाने की सलाह ..! नवसारी जिले में हाईकोर्ट के आदेश को मानने से किया इंकार ...!

गुजरात उच्च न्यायालय की सलाह, जरूरत पड़े तो
 अवैध बहुमंजिला इमारतों पर हथौड़ा
  चलाने से न हिचकें 
गुजरात उच्च न्यायालय (Gujarat High Court) के मुख्य न्यायाधीश अरविंद एवं न्यायाधीश ए जे शास्त्री की खंडपीठ में एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए गुजरात के महाधिवक्ता से फायर सेफ्टी तथा बिल्डिंग यूज परमिशन के बिना संचालित बहुमंजिला इमारतों एवं उसके संचालकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए।



गुजरात उच्च न्यायालय ने महानगर की अवैध बहुमंजिला इमारतों पर हथौड़ा चलाने की सलाह दी है। गुजरात की आर्थिक राजधानी अहमदाबाद में फायर सेफ्टी तथा बिल्डिंग यूज परमिशन प्रमाण पत्र की अवहेलना करने वाले बिल्डर व भवन निर्माताओं पर शक्ति बरतने के निर्देश देते हुए उच्च न्यायालय ने कहा है कि जरूरत पड़े तो कुछ बहुमंजिला इमारतों पर हथौड़ा चलाने से नहीं हिचकें।


        गुजरात उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश अरविंद कुमार एवं न्यायाधीश ए जे शास्त्री की खंडपीठ में एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए गुजरात के महाधिवक्ता कमल त्रिवेदी से फायर सेफ्टी तथा बिल्डिंग यूज परमिशन के बिना संचालित बहुमंजिला इमारतों एवं उसके संचालकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए। हाईकोर्ट ने कहा कि ऐसी बहुमंजिला इमारतों को सील करें और अगर जरूरत पड़े तो कुछ इमारतों को जमींदोज भी करें। बीते रविवार को एसजी हाईवे पर एक बहुमंजिला इमारत में आग लगने की घटना को मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ में गंभीर मानते हुए कहां की फायर सेफ्टी और बिल्डिंग यूज परमिशन के बिना गैरकानूनी रूप से बहुमंजिला इमारतों का संचालन किया जाता है तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई से नहीं हिचकचाएं।

               ૨૨ ડિસેમ્બર ના રોજ એક સમાચાર પત્ર માં પ્રસિદ્ધ થયેલ અહેવાલ મુજબ અમદાવાદમાં બિલ્ડીંગ યુઝ પરમીશન વગરના વધુ વીસ કોમર્શિયલ યુનિટ બુધવારે મ્યુનિસિપલ કોર્પોરેશન દ્વારા સીલ કરવામાં આવ્યા હતા.નવા વાડજમાં નેશનલ હેન્ડલૂમના ૧૨૦૦ ચોરસફુટના કોમર્શિયલ બાંધકામને તોડી પાડવામાં આવ્યુ હતું.શહેરમાં બિલ્ડીંગ યુઝ પરમીશન વગરના અત્યાર સુધીમાં ૮૮૭ યુનિટ સીલ કરવામાં આવ્યા છે.

હાઈકોર્ટના આદેશ બાદ કરવામાં આવી રહેલી કામગીરી દરમ્યાન બોડકદેવના યશ કોમ્પલેકસના ત્રણ કોમર્શિયલ યુનિટ તોડી પડાયા હતા.નવા વાડજમાં નેશનલ હેન્ડલૂમના કોમર્શિયલ બાંધકામ ઉપરાંત ન્યુ રાણીપમાં આવેલા હોમ ટાઉન-ત્રણ ઉપરાંત સરખેજમાં ફુડ કોટના ગેરકાયદેસર બાંધકામને તોડવામાં આવ્યુ હતું.સેટેલાઈટ વિસ્તારમાં આવેલા અભિશ્રી કોમ્પલેકસના સેલરમાં હેતુફેર કરી ચાર કોમર્શિયલ યુનિટ બનાવવામાં આવતા સીલ કરવામાં આવ્યા હતા.અમદાવાદમાં અત્યાર સુધીમાં ૧૬૧૩૦૪ ચોરસફુટનું બાંધકામ તોડી પાડવામાં આવ્યુ છે.વેલીડ બિલ્ડીંગ યુઝ પરમીશન ના ધરાવતા ૫૪૯ કોમર્શિયલ યુનિટ અને ૩૩૮ રહેણાંક યુનિટ મળી કુલ ૮૮૭ યુનિટ સીલ કરવામાં આવ્યા છે.

થલતેજમાં ૪૫૯૨ ચોરસમીટરના રીઝર્વ પ્લોટમાં ઓરડીઓ અને દિવાલ તોડી પ્લોટનું પઝેશન લેવામાં આવ્યુ છે.વસ્ત્રાપુર લેક ઉપરાંત માનસી સર્કલ અને આઈ.આઈ.એમ.પાસેના રસ્તા ઉપરના ટ્રાફિકને અડચણરૃપ દબાણો દુર કરવામાં આવ્યા હતા.

इस तरह की आपराधिक लापरवाही के खिलाफ सख्त कदम उठाने चाहिए, सरकार की इनके खिलाफ कार्रवाई का अब समय आ गया है। महानगर पालिका एवम नगर पालिका इलाकों में बड़े पैमाने पर बिल्डर और व्यापारी गरम फायर सेफ्टी 4 बिल्डिंग यूज़ परमिशन जैसी औपचारिकताओं का खुला उल्लंघन कर रहे हैं। सरकार एवं स्थानीय निकाय उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं कर पाता है जिससे उनके हौसले बुलंद होते हैं। ‌अदालत ने कहा कि इस तरह की चीजों को स्वीकार नहीं किया जा सकता। बिना स्वीकृति और प्रमाण पत्र के तथा फायर सेफ्टी का उल्लंघन करने वाली बिल्डिंगों को सील किया जाना चाहिए अथवा उनको जमींदोज कर दिया जाना चाहिए। महानगर पालिका को ऐसी बहुमंजिला इमारतों पर हथौड़ा चलाने से भी नहीं हटना चाहिए।


नवसारी जिले में नवसारी विजलपोर नगरपालिका , नवसारी विकास सत्ता मंडल NUDA के साथ नवसारी जिला पंचायत में अवैध गैरकानूनी इमारतों के निर्माण में हो रहा है गुजरात उच्च न्यायालय के आदेश की अवहेलना
 नवसारी जिले में आज नवसारी विजलपोर नगरपालिका के साथ नवसारी शहेरी विकास सत्ता मंडल क्षेत्र में धड़ल्ले से भवन निर्माण धड़ल्ले से हो रहा है। गुजरात राज्य सरकार के शासन प्रशासन भी जमकर इन इमारतों में अपनी पहचान बनाई है। नवसारी विजलपोर नगरपालिका एवम नवसारी शहेरी विकास सत्ता मंडल  में करीबन हजारों की संख्या में सिर्फ परमीशन जो कि कुछ सामान्य कागजातों के आधार पर ही मिल जाता है। इसके बाद यहां शासन हो या प्रशासन सूत्रों के हवाले से मिल रही खबरों के अनुसार भवन निर्माताओं से पूजा अर्चना यज्ञ हवन दिल खोलकर करवाते हैं। पहले  दर्शन मात्र से काम चल जाता था। परन्तु इस कोरोना काल में मात्र दर्शन पद्धति से काम नहीं चलता। कई मामलों में स्वदेशी पद्धति को सिरे से इंकार कर दिया जाता है।  और खास दिलचस्प बात यह है कि यहां सरकार में ज्यादातर भवन निर्माताओं ने सरकार में अपनी एक खास जगह बना ली है। जिसकी वजह से सरकार के प्रशासनिक उच्च अधिकारियों ने भी अपनी कायदे-कानून की नाव इसी बहती नदी में चलाने पर मजबूर नजर आ रहे हैं। आज नवसारी जिले में कानून ऐसे मामलों में मजबूर अनाथ बेसहारा हो चुकी है। पहले भगवान भरोसे अथवा राम भरोसे कहकर छोड़ दिया जाता था। जब से कोरोना काल में मंदिरों में भी सबसे पहले पाबंदी लगाई गई है। तब से अब सिर्फ और सिर्फ सरकार भरोसे ही चल रहा है।  
नवसारी जिले के जिला पंचायत में हालत बद से बद्तर होती जा रही है । यहां ऐसी बहुमंजिला इमारतों को नोटिस जारी करने के लिए अथवा जवाबदेही किसकी है? इसे एक सिरे से इंकार कर दिया गया है। जानकारों की मानें तो आरक्षण सेटिंग डोंट कोम के साथ सरकार की नीतियों का फायदा यहां जमकर उठाई जाती है। अभी कुछ समय से यहां सर्वोच्च अधिकारियों में कायदे-कानून की अनभिज्ञता से अधिक उनकी  गरीबी एक खास मायने रखती है। फिलहाल परिवर्तन संसार का नियम है उसी की राह पर सभी की नजरें लगी है।


नवसारी जिले में दक्षिण गुजरात वीज कंपनी लिमिटेड का पर्दाफाश -RTI

नवसारी जिले में दक्षिण गुजरात वीज कंपनी लिमिटेड का पर्दाफाश -RTI नवसारी जिले में DGVCL कंपनी के लगभग सभी सूचना अधिकारियों ने सूचना अधिकार का...