Friday, February 11, 2022

गणदेवी तालुका विकास अधिकारी श्री के कार्यालय में एरकंडीशन गैरकानूनी, लोक सूचना अधिकारी श्री को RTI RCPS ESIC, UNLEAGAL CONSTRUCTION की जानकारी न होने के बावजूद नियुक्ति पर लगा सवालिया निशान ? गुजरात राज्य में समृद्धि पारदर्शिता सर्वांगी विकास को अधिकारियों ने बनाया एक जुमला!



गणदेवी तालुका विकास अधिकारी श्री का कार्यकाल और लोकसूचना अधिकारी का बोर्ड अदृश्य की एक तस्वीर



गणदेवी तालुका विकास अधिकारी श्री के कार्यालय में एरकंडीशन गैरकानूनी

लोक सूचना अधिकारी श्री को RTI, RCPS, ESIC, UNLEAGAL CONSTRUCTION की जानकारी न होने के बावजूद नियुक्ति पर लगा
 सवालिया निशान..?
गुजरात राज्य में समृद्धि पारदर्शिता सर्वांगी विकास को अधिकारियों ने बनाया एक जुमला..!

    गुजरात राज्य एक जमाने से अपने भौगोलिक कारणों से, एक विशाल जन समुदाय को रोजगार प्रदान करने वाला, एक विशालकाय समुद्र से घिरा, समुद्र के नजदीक और अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे मुंबई महाराष्ट्र का एक प्रमुख भाग होने एवम एक संस्कार संवेदनशील गंभीर प्रभावशाली व्यापार की दृष्टि में सर्वोच्च जैसे कई कारणों से एक विकसित राज्य बना हुआ है। इसे आज एक गीत की तरह सरकार के कुछ विशेष नेता सभी जगह अपनी विशेष पहचान और उपलब्धि की तरह गाने से कभी नहीं चूकती । परंतु समय परिवर्तन संसार का नियम है। आज हालत बद से बद्तर होती जा रही है। जिसका एक उदाहरण नवसारी जिले के कुछ सर्वोच्च अधिकारियों का आज लाखों रुपए वेतन के साथ राजाशाही सुविधाएं सरकार दिल खोलकर दे रही है। सरकार का प्रशासनिक अधिकारियों के प्रति दया भावना आज सरकार को बदनाम करने में कमर कसी है।और उसके बदले में सरकार के सर्वोच्च अधिकारी ही इसे जुमला बना दिया है।  आज कायदे-कानून की मानें तो सूचना अधिकार अधिनियम 2005 जिसे संसद से पारित किया गया है। वैसे इसका इतिहास हमारे संविधान में निहित है। संविधान की धारा 19 से 21 तक देश के सभी भारतवासियों को स्वतंत्रता का अधिकार पहले से दिया गया है। परंतु 2005मे इसे एक नये कानून के रूप में न्याय दिलाने सभी प्रकार के दस्तावेज खर्च को जानने का अधिकार दिया गया है। सूचना अधिकार अधिनियम में यदि सिर्फ और सिर्फ धारा 4 को यदि लागू करवा दिया जाये फिर कानून के जानकारों की मानें फिर लगभग 75% भ्रष्टाचार बंद अपने आप हो जायेगा। परंतु आज हालत बद से बद्तर होती जा रही है। संविधान में सिर्फ शासन की डिग्री शिक्षा का जिक्र नहीं किया। आज इसका पूरा फायदा प्रशासन के अधिकारी दिल खोलकर उठा रहे हैं। जिसका एक उदाहरण नवसारी जिले के गणदेवी तालुका में प्रत्यक्ष नजर आया। गुजरात राज्य सरकार की निति और नियम आज कहां खो गई। जनहित की सरकार आदिवासियों मजूरों दलितों आर्थिक पिछड़े वर्गों की सरकार के सर्वोच्च अधिकारी बिना किसी डिग्री अनुभव किसी जानकारी विना आज सीधे एक एतिहासिक गणदेवी तालुका का विकास अधिकारी नियुक्त कर दिया। जिसका एक उदाहरण एक सूचना अधिकार अधिनियम में मांगी गई सूचना से मिली। लोक सूचना अधिकारी गणदेवी तालुका से मानव अधिकार संस्था NGO के प्रदेश अध्यक्ष द्वारा रूबरू मुलाकात में पता चला कि आज तक लोक सूचना अधिकारी गणदेवी तालुका विकास अधिकारी श्री को RTI RCPS ESIC UNLEAGAL CONSTRUCTION जैसे संगीन भ्रष्टाचार विरोधी कानून के मुद्दे पर कोई जानकारी नहीं है। और गुजरात राज्य के मुख्यमंत्री श्री पारदर्शिता बनाने के लिए कुछ दिन पहले ही ओनलाइन आरटीआई करवाई है। हालांकि अभी तक यह ओनलाइन आरटीआई करना अभी भी मुश्किल है। और भविष्य में जब सरकार के अधिकारियों को कायदे-कानून का पता नहीं है फिर बिना किसी जानकारी के यह पारदर्शी विकसित समृद्धि गुजरात कब तक ऐसे बिनजरुरी अधिकारियों के सहारे चल पायेगा इसे फिलहाल समय पर छोड़ने के सिवा कोई विकल्प नहीं है।
         नवसारी जिले में गणदेवी तालुका विकास अधिकारी के कार्यालय में एरकंडीशन अवैध गैरकानूनी पाया गया। सूचना अधिकार अधिनियम 2005 की अभी तक लोक सूचना अधिकारी गणदेवी तालुका विकास अधिकारी श्री को अभी तक कोई जानकारी नहीं है। इसे उन्होंने बहुत ही नियमबद्ध तरीके से प्रस्तुत किया। अवैध निर्माणों पर कार्रवाई करने वाले कानून के बारे में जानकारी को सरेआम इंकार कर दिया। ऐसे जन हित में कुछ महत्वपूर्ण सवालात पूछे गए। परंतु लोक सूचना अधिकारी गणदेवी तालुका विकास अधिकारी श्री ने हालांकि अभी तक उन्हें ऐसी किसी भी जानकारी न होने का जोर शोर से दावा किया बल्कि उल्टे RTI AGAINST CORRUPTION की मुहिम चलाने वाले से पूछा भी ऐसी जानकारी रखना जरूरी है और इसे तत्काल बताना जरूरी है  ऐसा कहां लिखा है ? 
यह सभी सूचनाएं उनके कार्यकाल से उनके कार्यकाल में मांगी गई है और इसका जवाब कुछ इसी प्रकार से ही उसमें दिया है। और प्रथम अपील अधिकारी नायब जिला विकास अधिकारी श्री ने कायदे-कानून की धज्जियां उड़ाते हुए उनका पक्षपात लेते हुए जवाब दिया है। जिसकी कोई जानकारी नवनियुक्त अपील अधिकारी नायब जिला विकास अधिकारी श्री को भी नहीं है। यह सभी लिखित मिला है। यह शायद कमजोर याददाश्त को दर्शाता है। 
           सूचना अधिकार अधिनियम 2005के नियम 4 ख  की सूचना अनिवार्य होना चाहिए। अंत में उन्हें सभी नियमों के लिए भारत के सर्वोच्च न्यायालय गुजरात राज्य सरकार के आदेश भी बताया गया। अंत में लोक सूचना अधिकारी गणदेवी तालुका विकास अधिकारी श्री ने आश्वासन दिया कि यदि सरकार कभी भी ऐसी कोई जानकारी मुहैया करायेगी उसके लिए जरूर समझने की कोशिश की जायेगी। हालांकि अभी तक उन्हें पता नहीं है कि ऐसी सभी जानकारी के विना नियुक्ति गैरकानूनी है। और इस पर तत्काल सरकार संज्ञान लेगी। और ऐसी सभी नियुक्ति को पुनः रद्द करने का प्रावधान है। फिलहाल सरकार इस समाचार पर क्या संज्ञान लेती है ?  इसके ऊपर फिलहाल सभी की नजरें अवश्य बनी रहेगी।

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