Wednesday, July 22, 2020

नवसारी सिविल होस्पीटल के खाने में कीडे मकोड़े

गुजरात की ऐतिहासिक संस्कारी नगरी नवसारी जिले के सरकारी होस्पिटल जिसे मफतलाल शेठ ने गरीब आदिवासी मजलूमों दलित शोषित आर्थिक पिछड़ो की चिकित्सा के लिये सरकार को दान में दिया था। मफतलाल शेठ द्वारा दान किया हुआ अस्पताल की हालत प्रतिदिन बिगड़ती जा रही है। जिसका मुख्य कारण खराब वहीवट और यहां के तंत्र की नाकामी मानी जा रही है। कुछ ही महीने पहले गुजरात सरकार इसके उत्थान के लिए करोड़ों रुपए खर्च किए। परंतु जमीनी हकीकत यहाँ कुछ और ही बयां कर रही है। यहाँ हालत बद से बदतर होती जा रही है। यहाँ आरक्षण और बापु दर्शन द्वारा चिकित्सको अधिकारियों का अच्छा जमावड़ा देखा जा सकता है। प्रादेशिक भाषा की जानकारी चिकित्सको के लिए अनिवार्य का कानून यहाँ देखना मुश्किल है। नवसारी सरकारी अस्पताल में कोरोना जैसी महामारी का मजाक समझा जाता है। यहाँ इतने ज्यादा मरीज को देखभाल करने के लिए कर्मचारियों की संख्या नहिवत पायी गई। और यहाँ कोरोना जिसे विश्व स्वास्थ्य संगठन महामारी घोषित कर चुकी है। फिर भी यहाँ के मुख्य अधिकारी अभी भी किसी को जवाब देना उचित नही समझते । नवसारी जिला आरोग्य विभाग के मुख्य अधिकारी मिल रही खबरो के अनुसार नवसारी जिले में अपने प्रोटोकाल का भी पालन करना उचित नहीं समझते। यहाँ कई अधिकारियों की पहूंच राजनीति के दिग्गज नेताओं तक होने की वजह से इनकी न ट्रांसफर किया जा सकता है न ही इनके उपर कोई कार्रवाई की जा सकती है। न ही इन्हे कुछ कहने की किसी भी उच्च अधिकारी की हिम्मत है। नवसारी जिले में आज स्वास्थ्य विभाग दारू बंदी के तर्ज पर बेबाकी से कार्यरत है। गुजरात में दारू हकीकत में हर जगह मिलती है। फाइलो में सख्ती से बंद है।इसी तरह स्वास्थ्य विभाग का विकास जमीन पर होने के बजाय फाईलो में आराम से देखा जा सकता है।हालत यहाँ तक गिर चुकी है कि कोरोना के मरीजो को पाडोसी देश के तर्ज पर कीड़े मकोड़े खिलाए जा रहे हैं। इन कीड़े मकोड़ो को खाने की हकीकत से यहाँ की चिकित्सा व्यवस्था को आसानी से समझा जा सकता है।

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