Monday, June 21, 2021

नवसारी जिले में नूडा कार्यालय ईमानदार ...!


नवसारी जिले में नवसारी शहेरी विकास सत्ता मंडण नूडा कार्यालय ईमानदार..!

गुजरात राज्य की ऐतिहासिक संस्कारी नगरी नवसारी जिले में नूडा का जन्म 2015 को हुआ। जिसमें विकास समृद्धि के लिए जिले के कलेक्टर अधिक कलेक्टर नगर नियोजक के साथ अनुभवी इंजीनियरों को नियुक्त किया गया। परंतु जमीनी हकीकत में सदर कंपनी में जैसे देश के सभी नागरिकों के खाते में 15-15 लाख रुपए दो करोड़ नौकरियां 35रुपये लीटर पेट्रोल वगैरह के सरकार के तर्ज़ पर नूडा में नियुक्त अधिकारी आज भी कार्यरत हैं। हालांकि आज तक किसी भी प्रकार के अवैध हो या वैध यहां के ईमानदार अधिकारियों ने एक भी जांच नहीं की और न ही कोई कार्रवाई की । और न ही करने में दिलचस्पी दिखाई। वैसे सरकार ने यहां सभी प्रकार की सुविधाएं दिल खोलकर मुहैया करवाई है। वैसे यदि जानकारों की मानें तो गुजरात की तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री ने नवसारी जिले में आकर खुद ही अपने वक्तव्य में कहा था कि अवैध निर्माणों की फरियाद करने वाले को जानना जरूरी है कि यदि जांच करवायेंगे फिर एक भी मकान नहीं बचेगा। इसी वक्तव्य को नूडा ही नहीं नवसारी जिले के सभी संबंधित अधिकारियों ने अपने अपने किताबों में ही नहीं अपने दिलों और दिमाग में बैठा लिया है। और आज तक सरकार के इस बयान को लेकर अपने अपने घरों कार्यालय में अगरबत्ती धूप दीप लगाकर विधिवत चिंतन मनन करते हैं। और बिल्डिंग निर्माताओं को सिर्फ अवैध निर्माण के बदले शास्त्रों के अनुसार ऐसी विधिवत पूजा अर्चना की सामग्री संबंधित मंदिरों में मुहैया करवाई जाती है। अब धीमें धीमें यह परंपरा निर्माण हेतु भले किसी कानून की किताब में न लिखी हो परन्तु इसे अब सामाजिक मान्यता मिलने लगी है। और अब दूसरे शब्दों में देखी जाय तो बिल्ली के गले में घंटी कोन बांधे वाला मुहावरा एकदम सटीक है। गुजरात में आज देश की  आजादी के बाद से दारु शराब बंदी होने के बाद एक दारु शराब का अड्डा यहां शासन प्रशासन बंद नहीं करवा सकता फिर लाखों करोड़ों की अवैध निर्माण में लगी ईंट से अधिकारी जाकर दिमाग लगायेंगे। वैसे भी दिमाग सिर के भीतर का एक लघु भाग है। जिसका पता सिर्फ वैज्ञानिक पद्धति से चलता है। कि कामयाब है कि नहीं। इस प्रकार से नवसारी जिले में लगभग सभी अधिकारी ईमानदार और कर्तव्यनिष्ठ होना चाहिए। और यह परंपरा आदिकाल से चली आ रही है। फिलहाल ऐसे  यज्ञ हवन में परंपरा के अनुसार खाकी सफेद काला पीला नीला सभी रंग के फूल चढ़ाएं जाते हैं। इस नवग्रह शांति पूजा अर्चना में सभी दिल खोलकर बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया करते हैं। कभी कभी बलि भी दी जाने की परंपरा आज सदियों से चली आ रही है। और अब इस परंपरा को निभाने के लिए सरकार के उच्च स्तर के अधिकारी पूरे विधि-विधान से पूजा करने की आने की खबरें आने लगी है। और जल्द ही इस विधान को भी निभाया जायेगा।



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