Thursday, April 23, 2020

कोरोना का रामबाण इलाज मिल गया ! प्लाज्मा थेरेपी से डॉक्टरों ने मरीज का किया सफल इलाज



मिल गया कोरोना का रामबाण इलाज !

प्लाज्मा थेरेपी से डॉक्टरों ने मरीज का किया सफल इलाज

दिल्ली के निजी अस्पताल में 49 साल के कोरोना पीड़ित के इलाज के लिए प्लाज्मा थेरेपी दी गई.


आज भारत देश जब कोरोना जैसी महामारी से त्राहिमाम हो चुका है। लोकडाउन के सिवा कोई विकल्प नही मिल रहा है। ऐसे संकट समय में भारत की राजधानी दिल्ली में एक प्राइवेट अस्पताल के चिकित्सको ने प्लाज्मा थैरोपी से एक बडी सफलता पाई है।कोरोना (Coronavirus) से इलाज में भारत को बड़ी कामयाबी मिली है. दिल्ली के एक प्राइवेट अस्पताल में प्लाज्मा थेरेपी (Plasma Therapy) से जिस कोरोना पीड़ित मरीज का इलाज किया गया वो अब कोरोना के संक्रमण से ठीक हो गया है। इस व्यक्ति के पिता की कुछ दिन पहले कोरोना से ही मौत हो गई थी. मरीज की मां और बहन भी कोरोना से रिकवर कर चुकी हैं। 8 अप्रलै को भर्ती हुए इस मरीज की तबीयत बिगड़ने के बाद इसे प्लाज्मा थेरेपी दी गई थी।दरअसल दिल्ली के निजी अस्पताल में 49 साल के कोरोना पीड़ित के इलाज के लिए प्लाज्मा थेरेपी दी गई। प्लाज्मा थेरेपी के लिए पहली शर्त यही है की कोरोना से संक्रमित मरीज के ही खून से प्लाज्मा कोरोना पीड़ित को दिया जाता है।

प्लाज्मा थेरेपी होती क्या है:-

मैक्स हेल्थ के ग्रुप डायरेक्टर डॉ संदीप बुद्धिराजा ने कहा कि प्लाज्मा थेरेपी देने के लिए ये जरूरी होता है कि कोई ऐसा मरीज मिले जो कोरोना वायरस से संक्रमित होने के बाद ठीक हो चुका हो| और 14 दिन बीत चुके हों. प्लाज्मा थेरेपी के लिए सबसे मुश्किल काम डोनर का इंतजाम करना होता है. इस मामले में दिल्ली के डिफेंस कॉलोनी में रहने वाले परिवार ने अपने बेटे के लिए एक डोनर का इंतजाम किया|

प्लाजमा थेरेपी ने बचाई जान

बुद्धिराजा ने बताया कि परिवार ने हमें रिक्वेस्ट की कि हमारे बेटे पर यह थेरेपी की जाए। और परिवार ने एक ऐसी महिला डोनर का भी प्रबन्ध किया। जिसके प्लाज्मा से हमने इस मरीज पर यह थेरेपी आजमाई है\ उन्होंने कहा कि हम यह तो नहीं कह सकते कि यह पूरी तरह उसी से ठीक हुआ है। लेकिन रिकवरी में उससे काफी मदद मिली है। उन्होंने कहा कि प्लाज्मा थेरेपी करने के बाद अगर कोरोना वायरस से रिकवर हुए और मरीज आगे आते हैं तो 2 मरीजों की जान बचाई जा सकती है।

क्या प्लाजमा है कोरोना का रामबाण?

उन्होंने कहा कि मरीज में एक बार में 200ml प्लाज्मा डाला जाता है जबकि रिकवर हुए व्यक्ति से हम 400ml प्लाज्मा निकाल सकते हैं। डॉक्टर ने कहा कि इसकी लागत एक प्राइवेट अस्पताल में 10 से 12000 आ सकती है। जबकि सरकारी अस्पताल में यह लागत कम हो सकती है। हालांकि डॉक्टरों का मानना है कि सरकार मंजूरी देने में बहुत देर करती है. अप्रूवल का प्रोसेस फास्ट किया जाना चाहिए। अब देखना होगा कि भारत सरकार और राज्य सरकार इस प्लाज्मा थेरोपी को कितना महत्व देती है। वैसे गुजरात के बडोदा से भी ऐसी ही खबरे आ रही है ।




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