Sunday, April 4, 2021

नवसारी जिला पंचायत में जलालपोर तालुका पंचायत सूचना का अधिकार लकवाग्रस्त ....! गैरकायदेसर एरकंडीशन का लाखो रूपये का बिजली बिल की अधिकारियों के वेतन से काटने की जवाबदारी किसकी ...?




नवसारी जिला पंचायत में जलालपोर तालुका पंचायत सूचना का अधिकार लकवाग्रस्त ....!

गैरकायदेसर एरकंडीशन का लाखो रूपये का बिजली बिल की अधिकारियों के वेतन से काटने की जवाबदारी किसकी ...?       

           गुजरात की ऐतिहासिक और संस्कारी नगरी नवसारी जिले में जिला पंचायत के सुपर स्टार अधिकारियो की कायदेसर सरकार के सभी कायदा कानून के पालन करवाने की जवाबदेही है । परंतु जमीनी हकीकत में आज सबसे पहलेे यहां  अधिकारी खुद ही कायदे का उल्लंघन करते नजर आ रहे हैं। नवसारी जिला पंचायत में सरकार के हुकम के मुताबिक जिसमें स्पष्ट उल्लेख किया गया है। कि वर्ग एक से चार तक के सभी कर्मचारी और अधिकारियो को तीन से पांच वर्ष में बदली कर दिया जाये। जिस कायदे की जमीनी हकीकत जानने के लिये नवसारी जिला पंचायत में सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 जिसे सिर्फ और सिर्फ जन हित और भ्रष्टाचार से संबधित सूचनाए अधिकारियों के द्वारा आम नागरिको को प्रदान करने के लिये बनाया गया है। आज इस नियम की वजह से देश में कई भ्रष्टाचार उजागर हुए हैं  । पूर्व प्रधान मंत्री श्री मनमोहन सिंह ने अपने एक वकतव्य में कहा कि आरटीआई से भ्रष्टाचार कम हुुआ है। और इसी क्रम में देश के योगी पुरूष और दुनिया के लोक प्रिय सर्वोच्च भारत के प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि आरटीआई का मतलब सवाल पूछने का अधिकार । देश के जानी मानी हस्तियो और विद्वानो ने सुप्रिम कोर्ट तक इस नियम को सर्वश्रेष्ठ नियमो की सूची में डाल चुके हैं। शासन में भी इसे लाने की प्रकृया भी गतिमान है। परंतु मिली सूचना के अनुसार अभी तक यह कानून नवसारी जिले के जिला पंचायत मेंं कायदेसर  लागू नहीं किया गया। और कई कर्मचारी यहां पांच साल से अधिक समय से कार्यरत हैं। और इसकी जवाबदारी किसकी है ?  अभी तक कोई कार्रवाई करने में कोई दिलचस्पी नहीं बताई है।

जलालपोर तालुका पंचायत में तारीख 16/02/2021 को जन हित संबंधित सूचानये मांगी गयी । और नवनियुक्त जांबाज तालुका विकास अधिकारी जिसे सरकारने विकास और समृद्धि के लिये शायद सोचकर रखा होगा। परंतु अभी तक 63 दिनो के पश्चात भी सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 में जिसमे 30 दिनो के भीतर सूचाये देने का कायदेसर प्रावधान है। अभी तक कोई जवाब देना  उचित नही समझ रहे हैं। और आज तक जब भी उनके कार्यालय से कोई भी सूचनाये मागी गई है सूत्रो के हवाले से मिल रही खबरो के अनुसार सूचनाये देना शायद गुनाह समझते हैं। अथवा उन्हें जबरन बिना किसी तालीम के यह महत्वपूर्ण पद दें दिया गया है। और देखने वाली दिलचस्प बात यह है कि इनके उपरी अधिकारी भी कायदेसर कोई कार्यवाही करने में असमर्थ है अथवा अन्य...! आज समझना मुश्किल हो चुका है। अभी तक जलालपोर तालुका विकास अधिकारी श्री न ही अपने कार्यालय से एरकंडीशन निकाल पाये हैं न ही उनको मिलने वाले वेतन से सरकार के नियमों के मुताबिक बिजली का बिल काटने का कोई प्रावधान किया गया है। गुजरात जैसे समृद्ध विकसित राज्य जिसे सरकार रोल मोंडल बनाकर पूरे देश में प्रचार-प्रसार कर रही है। गुजरात के विकास कमिश्नर श्री के कार्यालय से एक आरटीआई से मिली सूचना में पता चला है कि नवसारी जिला पंचायत से अभी तक कोई कार्रवाई और सूचना एयरकंडीशन निकालने की नहीं प्राप्त हुई है। आधुनिक वैज्ञानिक मतों के अनुसार कोरोना जैसी महामारी में कचेहरियों में एयरकंडीशन आग में पेट्रोल डालने जैसा काम करती है। और इसी तर्ज पर जिला पंचायत के अपील अधिकारी/ नायब जिला विकास अधिकारी श्री गेरकायदेसर एरकंडीशन को निकालने में अपने कार्यालय के साथ अपने अधिकारियों के कचेहरी जैसे तालुका विकास अधिकारियों एवम तलाटीओ लेखपाल आदि से निकाल पाने में सक्षम नहीं पाये गये। अब ऐसे अधिकारियों जिनके पास सक्षमता अथवा अपने फ़र्ज़ के मुताबिक काम ही न कर पाते हों। कायदे का खुद ही उलंघन कर रहे हो । ऐसे अधिकारियों से सरकार विकास की आशा रखना शायद गुजरात का दुर्भाग्य है। 

     आज गुजरात ही नहीं अपितु पूरा देश कोरोना जैसी महामारी से त्राहिमाम और एक विशाल आर्थिक तंगी से जूझ रहा है। और जब सरकार के नियमों का पालन उन्हीं के अधिकारी नहीं कर रहे हैं। फिर एक विशालकाय जनता के समूह के पास आशा रखना शायद चांद से तारे तोड़ने जैसा साबित होगा। नवसारी जिले के जिला पंचायत के सदर अधिकारी श्री के पास तीन पन्ने की ओडिट रिपोर्ट मांगी गई उसके बदले जलालपोर के नवनियुक्त तालुका विकास अधिकारी श्री 73 पन्ने भेज दिया। जिससे साफ जाहिर होता है कि जलालपोर जो नवसारी जिले का सबसे बड़ा तालुका है विकास भी कुछ इसी तरह से हुआ होगा। फिलहाल ऐसी सभी सवालों का जवाब अब कौन दे सकता है। यह एक रहस्य बनता जा रहा है। 

     नवसारी जिले में अभी तक लगभग सभी कचेरियों में आज सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 को दूसरे दशक में प्रवेश होने के बावजूद  कायदेसर लागु नही हो पाया। करीबन दो वर्ष पहले गुजरात के माहिती आयोग कमिश्नर श्री आर.आर.वरसाणी श्री नवसारी जिले के कलेक्टर श्री को सिर्फ सूचना का अधिकार अधिनियम की धारा ४ ख में अमलीकरण न होने पर पक्षकार बनाकर फटकार लगाते हुए  एक आदेश किया था कि जिले की सभी कचेरियो में इसे पद्धतिसर एक महीने में व्यवस्थित ढंग से लागु करवाया जाय । और इसी अपील की सुनवाई में नाराजगी व्यक्त करते हुए  स्पष्ट सूचना देते हुए कहा था कि अपील अधिकारी सिर्फ अपील अधिकारी ही नहि अपितु ओथोरिटी सुपरविजन अधिकारी भी हैं। नवसारी जिले के जिला पंचायत में आज पहली बार सभी अधिकारी शैक्षणिक लायकात और अनुभवी है । जिसे सरकारश्रीने विकास के लिये सोचकर भरती किया होगा । परंतु आज सब उलटा कार्य करते नजर आ रहे हैं। एयरकंडीशन सरकारी वाहनों और कार्यालय से तत्काल निकालने वाले कायदे के बारे में एक सूचना नवसारी जिला पंचायत के कार्यालय से मांगी गयी। जिसमे नवसारी जिले के जिला पंचायत के वर्ग एक के अधिकारियो ने ही अभी तक सरकार के कायदे कानून को मानने से जब इंकार कर दिया तब वर्ग दो और तीन क्यों मानें ? आज यह समझना मुश्किल हो चूका है कि सरकार ने इन्हें नौकरी दी है। कि ए नौकरशाह सरकार के मालिक हैं। फिलहाल मिल रही जानकारी के अनुसार जलालपोर तालुका विकास अधिकारी और अपील अधिकारी को कायदे की अनदेखी और गुमराह करने के लिए सरकार के हुक्म का पालन की अवहेलना फ़र्ज़ में बेदरकारी की शिकायत गुजरात सरकार के साथ राज्यपाल को तत्काल प्रभाव से अपने अधिकारों के साथ हस्तक्षेप करने की मांग मानव अधिकार संस्था के द्वारा की जाने की खबरें चर्चित है। अब देखना दिलचस्प होगा कि सिर्फ डिग्री के आधार पर नियुक्त नवसारी जिला पंचायत के सर्वोच्च अधिकारीगण इस समाचार की गंभीरता से लेते है अथवा .......? 

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