Sunday, May 19, 2019

ट्राईबल सब प्लान प्रायोजना वहीवटदार कचेरी वांसदा नवसारी आरटीआई के भंवर में..! जांये तो जांये कहां ..?

ट्राईबल सब प्लान - प्रायोजना वहीवटदार कचेरी वांसदा नवसारी आरटीआई के भंवर में..!
युटीसी,सीसी,के साथ 
पक्का बिल गायब    
 जांये तो जांये कहां ..? 

    भारत देश के सर्वोत्तम विकसित गुजरात प्रदेश की संस्कारी ऐतिहासिक नगरी  नवसारी जिले में आदिवासियो गरीबो मध्यम वर्गीय एवम किसानो के विकास उत्थान के लिये एक कार्यालय जिसे प्रायोजना वहीवटदार की कचेरी के रूप में रचना की गयी है। जो लगभग 45 वर्ष पहले से कार्यांवित है। जिसकी शुरूवात लगभग 1976-77 में की गयी।  जिसका मुख्य उद्देश्य गुजरात के आदिवासियों गरीबो किसानो एवम आर्थिक पिछडो की सर्वांगी विकास के कार्यों में सहभागीता है। और यहां गुजरात सरकार दिल खोलकर खर्च कर रही है। वर्ष 2016-17 में ही यहां 5618 लाख रूपये सरकार ने खर्च किये। इसी प्रकार आज 45 वर्ष से गुजरात सरकार खर्च कर रही है ।
पर्यावरण और मानव अधिकार संस्था में आ रही फरियाद की जमीनी हकीकत जानने के लिये सूचना का अधिकार 2005 के नियमानुसार एक सूचना सदर कचेहरी में दिनांक 03/12/2018 को मागी गयी। और जैसा कि नियम के मुताविक 30दिन में सूचना देना अनिवार्य होता है । परंतु सदर कार्यालय के सूचना अधिकारी किसी भी हालत में सूचना देना मतलब अपने ही पैर में कुल्हाडी मारना समझकर कोई भी सूचना देना अनिवार्य न समझकर सूचना नही दिये। सूचना अधिकारी सूचना न देकर होने वाली फरियाद को मजबूती दे बैठे। और नियमो के मुताबिक प्रथम अपील की गयी और सुनवाई भी हुई। सदर कचेरी के प्रथम अपील अधिकारी मुख्य कर्ताधर्ता ही थे । और सभी सूचनाए मुफ्त में देने के अलावा कोई चारा न होने के कारण हुक्म भी दिये। अब सूचना देने बारी आयी और शुरूवात हुई किये गये कामो में भ्रष्टाचार के पर्दाफास होने का । मिली सूचना के अनुसार 
 गुजरात सरकार द्वारा किसी भी प्रकार की कोताही खर्च करने में फाईलो के अनुसार नही पायी गयी। अब बारी आयी कि क्या हकीकत में फाईलो में पायी गयी कीमत उन गरीबो तक किसानो तक आदिवासीयों तक पढ रहे विद्यार्थियो तक पहुंची भी है और जो फायदे दिये गये उनकी सत्यता जानने की । सदर कार्यालय में अब तक मिली सूचना के आधार पर अरबो रूपये जिसे गुजरात सरकार ने विकास और उत्थान के लिये दिये हैं। उसमें लगभग ज्यादातर कामो में काम की सत्यता के लिये कम्प्लीशन सर्टीफिकेट और सरकार के नियमानुसार पक्का बिल ही पिछले 3 वर्षो मे नही लिये गये और न ही इसकी कोई जांच पडताल की गयी है । जब कि गुजरात माहिती अयोग कमिश्नर के हुक्म के मुताविक प्रथम अपील सत्ता अधिकारी एक सुपर विजन अधिकारी भी हैं। और यदि मागी गयी सूचना अरजदार को दिये गये हुकम के मुताबिक न मिले फिर सभी सूचनाए खुद ही मगाकर अपने कार्यालय से पूरी करे और उच्च अधिकारी को सूचना अधिकारी के उपर कायदेसर कार्यवाही के लिये जानकारी भी दें । वैसे इन सभी सरकार के नियमों की झेरोक्ष  नकल प्रथम अपील अधिकारी को अरजदार द्वारा रूबरू भी दिया गया है । 
      युटीसी,सीसी,के साथ 
        पक्का बिल गायब  
नवसारी जिले के प्रायोजना वहीवटदार कचेरी  ट्राईबल सब प्लान वांसदा  से मिली सूचना में युटीसी  और सीसी (पूर्तता कम्प्लीशन सर्टीफिकेट ) के साथ पक्का बिल सरकार के नियमानुसार नही पाये गये। और देखने वाली बात तो यह है कि सदर कचेरी द्वारा सभी सूचनाए होनी चाहिये और वही से दी जानी चाहिये । परंतु  सदर कचेरी द्वारा कायदेसर सूचना न देकर  नवसारी जिले के सभी अमलीकरण अधिकारीओ के कार्यालयो में सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 के मुताबिक सूचनाओ को देने के लिये पत्र भेजा गया । और नवसारी जिले के सभी अमलीकरण अधिकारी सूचना न देकर अपनी जान बचाने के लिये प्रायोजना वहीवटदार कचेरी  ट्राईबल सब प्लान वांसदा के सूचना अधिकारी को जमकर लताड रहे है । 
गरीबो आदिवासियो,किसानो का रूपया अधिकारीयों ने 
         जम कर लूटा-
अब जांये तो जांये कहां ..? 
नवसारी जिले के प्रायोजना वहीवटदार कचेरी  ट्राईबल सब प्लान वांसदा के साथ नवसारी जिले के सभी अधिकारियों जिन्हें गरीबों किसानों आदिवासियों दलितों एवम छात्रों के शिक्षा आरोग्य की जवाबदेही थी । ऐसे सभी अधिकारियों ने मिली जानकारी के अनुसार जम कर लूटने के आधार मिल रहे हैं। सबसे बडी़ देखने वाली बात यह है कि यही अधिकारी गण सरकार की योजना मे सरकार के साथ पक्का बिल लेकर सामान खरीदी करने मे बहुत चिल्ला  चिल्ला कर सलाह देते हैं। आज जब इन अधिकारियों के फायदे गरीबो को लूटकर अपने पास रखने  और सरकार को चूना लगाने का मौका मिला । फिर यही अधिकारी पक्का बिल लेने की जरूरत क्या देखना भी भूल गये।  और सबसे गहरी समस्या देखने मे आयी कि ज्यादातर अधिकारी भी उसी वर्ग से आते हैं। अपनो को अपनो ने ही लूट लिया । अब पर्यावरण मानव अधिकार संस्था द्वारा जब बिल मागा जा रहा है फिर एक दूसरे पर आरोप लगाकर खुद को पाक पवित्र बताने मे हर तरीक़े अपना रहे है। कि शायद इनके उपर अब कोई चमत्कार होगा। शायद यहां प्रायोजना वहीवटदार के मुख्य अधिकारी श्री अपनी और जिन्हें इस कार्यालय से जो मिला उसे अपना समझते समझते भूल गये कि यह किसी और के लिए हकीकत मे है। और ए सभी अधिकारियों को आज जब इसे पढ रहे है जरूर बार बार पढे ताकि उन्हें याद ही नही उनके अवचेतन मन मे प्रवेश हो जाये ताकि भूल न सके कि वह हर नागरिक जिसे वेतन मिलता है वह सिर्फ और सिर्फ नौकरशाह की संज्ञा मे ही नहीं सिर्फ नोकर है। अब चाहे  शासन मे हो या प्रशासन में । अब बिल जब मागा जा रहा है सीसी युटीसी मागा जा रहा है । जिन गरीब किसानों को आपने दिया है उनकी सूची मागी जा रही है । अब भागदौड़ देखी जा रही है। अब अधिकारी गण की हालत जाये तो जाये कहां ....
        

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