Saturday, May 25, 2019

अवचेतन मन को जागृत कर पायें सभी समस्यायों का समाधान ! आइये जाने कैसे ?

   अवचेतन मन को कैसे जागृत कर पायें सभी 
                     समस्यायों का समाधान

                    अवचेतन मन को कैसे जगाए अवचेतन मन की शक्ति क्या है ?
 और कैसे हम सफलता के लिए अवचेतन मन में बदलाव करअपनी लाइफ में मनचाहे बदलाव ला सकते है? 
                               अवचेतन मन हमारे दिमाग का हिस्सा है जो मस्तिष्क को भेजे गए निर्देशों को अपने कार्यो आप किये जाने वाले कार्यो के समूह को सरंक्षित रखता है | इस तरह से अवचेतन मन को चेतन मन की तरह बार बार निर्देश भेजने की जरुरत नहीं होती है | मनोवैज्ञानिक अवचेतन मन को रचनात्मक, कलात्मक और प्रेरणात्मक स्त्रोत के रूप में मानते है | जो हमें हमेशा नए कार्य के लिए प्रेरित करता है | आज जब अवचेतन मन को लेकर पूरी दुनिया जागरूक बनती जा रही है। एक सामान्य इंसान सफलता के लिए अवचेतन मन में बदलाव लाकर अपनी जिंदगी में देखने लायक बदलाव कर सकता है। इसके लिए खुद पर विश्वास की आवष्यकता मात्र है । अगर आप ज्यादा धनवान ज्यादा खुशहाल होना चाहते है तो आपको बस अपने अवचेतन मन पर ज्यादा से ज्यादा फोकस करना पड़ेगा। फिर देखिये अपनी जिन्दगी में क्रन्तिकारी परिवर्तन की शुरुआत। अवचेतन मन को जाग्रत कर अपने दैनिक जीवन में इस्तेमाल करने के लिए आपको निम्न परिवर्तन करने पड़ेंगे। 
                मन की शंका का समाधान खुद करे और खुद पर विश्वास बढ़ाये ( चेतन मन ) अपने अवचेतन मन में बदलाव करे ( ज्यादा से ज्यादा सकारात्मक बने ) बदलाव को अपने जीवन में उतारे। ( अवचेतन मन को creative बनाए रखे ) सफलता के लिए अपने अवचेतन मन में बदलाव लाकर हम में से ज्यादातर जो भी फैसले लेते है। उन्हें गलत या सही में फर्क नहीं कर पाते है । जब मन में शंका चलने लगती है तो अवचेतन मन सही से कार्य नहीं कर पाता है। किसी फैसले को आपका चेतन मन अवचेतन मन को अगर सही बताता है तो वो उसके लिए सही है अगर गलत बताएगा तो गलत है। उसका खुद का कोई वजूद नहीं है और इसकी क्षमता की कोई सीमा नहीं। इसलिए पहले चेतन मन को ज्यादा से ज्यादा मजबूत करे. जिससे आप जो फैसला ले वो सही सही अवचेतन मन स्वीकार करे और कार्य में सफलता हासिल होने लगे। लम्बे समय तक अवचेतन मन को जाग्रत कैसे रखे।। आप जो सोचते है वो आप कर सकते है लेकिन खुद पर विश्वास न होने की वजह से आप उतना नहीं कर पते है जितना आप कर सकते है। एक तरह से खुद पर अविश्वास आपके कार्य को वही तक होने देता है जहां तक आप सोचते है | जैसे की आप एग्जाम में 80% ला सकते थे  मगर आपको खुद पर विश्वास नहीं आपके मन में इसको लेकर शंका हुई की आपके सिर्फ 60% तक ही बन सकते है तो यकीन मानिये आपके 60% ही बन पाएंगे । क्या आप ऐसा चाहेंगे नहीं! इसके लिए पहले आपको कोशिश करनी पड़ेगी उसके नतीजे निर्धारित करते है की आप कामयाब होंगे या फ़ैल इसलिए पहले से ही परिणाम न सोचे पहले कोशिश करे लेकिन याद रखे आपका कार्य सही होना चाहिए। सफलता के लिए अवचेतन मन में बदलाव करने से पहले इन बातो का ध्यान रखना चाहिए। योगनिद्रा से सूक्ष्म शरीर की यात्रा में प्रवेश का अद्भुत और सरल अभ्यास ये बात साफ है की जितना आप अपने कार्य को लेकर सकारात्मक रहेंगे आपके कामयाब होने के चांस उतने ही ज्यादा होंगे जितना ज्यादा सकारात्मक विचार उतना ही ज्यादा सफलता । आप एक बार अपने मन की शंका को दूर कर लेते है इसके बाद इसे आपको ज्यादा creative औरसकारात्मक विवचार में बदलना पड़ता है. इसे आप अपनी क्षमताओं से अपने कौशल से और दूसरे लोगो द्वारा सराहे जाने से कर सकते है। याद रखे हर किसी में ( आपमें भी ) अपना एक हुनर है एक कौशल है क्षमता है जो किसी के पास नहीं. दैनिक डायरी लिखना जिसमे आप अपने मन की बात को शब्दों में बयां कर सके वो बाते जिन्हे आप दूसरों से शेयर नहीं कर सकते है | इससे आपको सकारात्मक होने में मदद मिलेगी । क्योंकि इससे आप जब भी नया करेंगे आपके पुराने कार्य आपको याद दिलाते है ।की आप उस वक़्त कितने सकारात्मक थे | जब भी आपके मन में नकारात्मक विचार आने लगे उसे अपने द्वारा किये गए अच्छे कार्य से बदल दे। इससे आपका खुद पर विश्वास बढ़ेगा | अपनी सफलता के रास्तो के मायने बदले ( चेतन मन में बदलाव ) अवचेतन मन से पहले चेतन मन को सफलता के लिए तैयार करना पड़ता है लेकिन आपकी सफलता के parameter क्या है.? अगर आपका उद्देश्य बड़ा है तो आपको उसके लिए एक systematic प्रोग्रामिंग करनी पड़ेगी | पहला आपका कार्य उतना बड़ा हो जितना आप कर सके ये नहीं की आप छोटे से लेवल से शुरू हुए है और आपका उद्देश्य उच्च कोटि का हो गया | दूसरा आपके उस उद्देश्य को पूरा करने के लिए आपके पास एक systematic way हो जो आपका उद्देश्य पूरा करने में मदद करे | तीसरा आपका उद्देश्य एक साथ कभी पूरा नहीं होता इसलिए उसे छोटे छोटे भागो में विभाजित कर कार्य को पूरा करने का प्रयास करे । जिससे आपके ऊपर कार्य का दबाव नहीं पड़ता है । और कार्य पूरा भी हो जाता है| 
योगनिद्रा से सूक्ष्म शरीर की यात्रा में प्रवेश का अद्भुत और सरल अभ्यास सफलता के लिए अवचेतन मन मे बदलाव : -  अवचेतन मन को कार्यानुसार ढालना चेतन मन को शंका रहित और साफ कर लेने के बाद हम बढ़ते है अवचेतन मन की और। अवचेतन मन को कार्य के हिसाब से ढाल लेना एक कला है जो इसे जान गया वो कभी असफल नहीं होता है। इसके लिए छोटे छोटे उपाय को ध्यान में रखे और आप भी ऐसे कर पाने सफल हो जाते है आइए देखे क्या है वो उपाय ।
 1)   अपने माहौल को बदलने के लिए अपनी सोच बदले आपके सोचने का तरीका आपके चारो और के माहौल को आपके अनुसार बनाता है सोचने में अजीब है लेकिन सच्चाई यही है जब आपका मन अच्छे विचारों से भरा होता है और आपकी सुबह की शुरुआत अच्छी होती है तो आपका पूरा दिन भी अच्छा जाता है। दिन में अगर कुछ नकारात्मक घटे तो भी आपका अवचेतन मन उसे सकारात्मक सोच से बदल देता है। इसलिए सबसे पहले खुद को बदले दुनिया अपने आप बदलेगी। याद रखें आप दुनिया को नहीं बदल सकते अगर आप अपने आसपास के माहौल से परेशान है तो अपने अवचेतन मन में बदलाव करे ताकि सफलता के लिये अवचेतन मन में बदलाव  हो और आप इस स्थिति से बाहर निकल सके। 
 2) अपनी पुराणी आदतों में बदलाव करे अवचेतन मस्तिष्क स्वतः निर्देशों पर कार्य करता है । इसलिए आपके द्वारा दैनिक जीवन में किये जाने वाले कार्य उसे प्रभावित करते है। आपकी आदतों के अनुसार ही आपका अवचेतन मन आपके मन को modify करता है । . इसलिए खुद में बदलाव करे आपकी आदतों में बदलाव लाए जिससे आपका अवचेतन मन सही तरीके से आपके लिए सकारात्मक माहौल का निर्माण कर सके.। आपके द्वारा किये गए छोटे छोटे बदलाव आपके अवचेतन मन बड़े प्रभाव डालते है। आपके कार्य करने के तरीके में बदलाव लाने की कोशिश करे इससे आपका अवचेतन मन नए कार्य से कैसे interact करता है आपको बदलाव का पता चल जायेगा।
 3.) खुद को नए विचारों के लिए मुक्त करे जब आपको पता चलने लगता है की कैसे आपका अवचेतन मन आपके किये गए व्यव्हार के आधार पर आपको प्रभावित करता है आप अपने सोचने के तरीकों में बदलाव लाना शुरू कर दे। ये शुरू में वक़्त लेगा लेकिन आपकी सोच को बदल देगा कार्य को करने के नए नए सुझाव आपके मन में बनने लगेंगे। इसके बाद जब भी आप पाते है की आपका मस्तिष्क दी गई स्थिति को विकृत कर रहा है तब अपने अवचेतन मन को उस विकृत नजरिए से दुनिया में खुद को प्रभावित होने से रोक सकते है  । यानि आपकी सोच बदलते ही आप दूसरों से प्रभावित होना बंद कर देंगे. एक बार आप इसमें सफल होने लग गए आप खुद को अपनी जिंदगी में बड़े बदलावों के लिए तैयार कर पाने में सक्षम हो जाते है। सफलता के लिये अवचेतन मन में बदलाव  की एक प्रोसेस खुद को विचारो से ही मुक्त कर देना है। ये सबसे खास तकनीक है । जिससे बहुत ज्यादा फायदा भी मिलता है।
 4.) खुद अपने जीवन में बदलाव लाये खुद में बदलाव तभी लाया जा सकता है जब आप कार्य के प्रति पक्का इरादा हो. इसलिए खुद जाने की क्या आपकी अब तक की जिंदगी सकारात्मक थी बदलाव लाने का मतलब है खुद को सकारात्मक बनाने वाले कार्यो से जोड़ना । उन्हें अपनी आदत बनाना। मसलन आप खुद को सकारात्मक रखने के लिए पॉजिटिव विचार पढ़ते है। और खुद में बदलाव लाते है ।  आप क्या चाहते है इसे जाने सफलता के लिये अवचेतन मन में बदलाव  के द्वारा। अगर किसी कार्य में सफल होना है तो खुद को तैयार कर ले खुद से पूछे जो आप चाहते है जो आपकी उस कार्य से आशा है फिर देखिये आपके मन में खुद-ब-खुद नए नए आईडिया आने लगते है. खुद को किसी कार्य में expert की तरह सोचने की बजाय उस कार्य की शुरुआत करना चाहिए । आप एकदम से किसी खास क्षेत्र में पॉपुलर नहीं बन सकते। इसके लिए आपको पहले उस क्षेत्र में शुरुआती से कार्य करना पड़ेगा। खुद का सारा कौशल उस कार्य में लगाना होगा। अगर आप चाहते है की आप अपने लक्ष्य से भटके नहीं तो आप अपने अंतर्मन की आवाज सुनना शुरू कर दे। ये एक मंत्र है जो आपको कार्य में सफल होने में मदद करेगा। जब भी आपका मन भटके अपने आप से सवाल करे और नकारात्मकता हट जाएगी। क्यों की अपने चेतन मन से ही इन्हे साफ कर दिया था।
 5.) अपनी पूरी ऊर्जा को कार्य में लगा दे । अपने कार्य के प्रति जागरूक बने रहना आपको अपने कार्य में सफल बनाता है ।और अगर आप अपने कार्य से भावनात्मक रूप से जुड़ जाते है तो आपकी ऊर्जा को भी focus करने के chance बढ़ जाते है। एक बार आप जान जाये की आप चाहते क्या है ? आपके मन में अपने आप अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए ideas और इमेज ( छवि ) बनना शुरू हो जाती है। आपका लक्ष्य प्राप्त होने के असर बढ़ जाते है।  आपका मस्तिष्क कार्य में आने वाली समष्या को तभी दूर कर पाता है जब आपकी पूरी ऊर्जा आपका पूरा ध्यान अपने कार्य से जुड़ा हो।
 6.) अपने लक्ष्य के प्रति सचेत होकर कार्य करना अपने मस्तिष्क की सोच में बदलाव कर अपनी ऊर्जा को कार्य में केंद्रित करके आप अपने लक्ष्य को सफल बनाने के आधे मार्ग को स्पस्ट कर लेते है। लेकिन ये सिर्फ शुरुआत है आधा रास्ता अभी बाकी है ।जो आपको ही पार् करना है। अपने मस्तिष्क में बदलाव कर आप खुद असफल होने डर को दूर कर लेते है मगर आपको कार्य भी तो करना पड़ता है।

                    अधिक जानकारी के लिए आज ही संपर्क करें :-

 डा.आर.आर.मिश्रा 
 आयुर्वेद योग ध्यान आध्यात्मिक चिकित्सा केन्द्र 
अलकापुरी सोसायटी, पोष्ट :- नवसारी कृषि युनिवर्सिटी 
विजलपोर, नवसारी  (गुजरात)
 मो. 9328014099    / 9898630756 www.lokrakshak.org

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