Saturday, November 9, 2019

नवसारी जिला ग्राम विकास एजेन्सी गत 3 वर्षों में किये गये विकास की एक झलक ...? RTI

नवसारी जिला ग्राम विकास एजेन्सी गत 3 वर्षों में किये गये विकास की एक झलक ...? - RTI 
नवसारी ग्राम विकास एजेंसी का पर्दाफाश...?
गुजरात राज्य आज विकास के अंतिम पायदान पर पहुंच चुका है। और सिर्फ गुजरात के विकास मोडल के नाम पर आज सरकार दूसरी बार अपना नाम पूरी दुनिया में प्रचार प्रसार कर रही है। अन्य प्रदेशो की अपेक्षा गुजरात सबसे अग्रसर है । क्या यहां जमीनी हकीकत बताये गये प्रचार किये गये की तरह ही है । इसकी जमीनी हकीकत के लिये गुजरात के एक ऐतिहासिक संस्कारी नगरी नवसारी जिले में जिला ग्राम विकास एजेन्सी  नवसारी के कार्यालय में सूचना अधिकार अधिनियम 2005 के तहत नियमानुसार मागी गयी। जिसमें विगत तीन वर्षों में किये गये विकास लक्षी कामों और सरकार के द्वारा दिये गये विभिन्न योजनाओ के द्वारा दिये गये फंड का था । परंतु सदर कचेहरी के द्वारा दिये गये जवाब जिसकी एक आंशिक प्रति यहां रखी गयी है। बहुत चौकाने वाली है । नवसारी जिले की इस कचेरी में सबसे पहले यह जान लेना जरूरी होगा कि सरकार ने इस पूरी कंपनी की देख रेख के लिए सुपर क्लास वन अधिकारी को लाखोँ रूपये वेतन के साथ सभी क्लास वन की सुविधाएं दे रखी हैं। इसलिए गुजरात सरकार को किसी भी प्रकार से दोष देना अनुचित होगा। सूत्रों के हवाले से मिली खबरों के अनुसार आज सत्तर सालों से एक परंपरा चली आ रही है। जिसकी जरूरत पहले भी नही थी। और आज होने का कोई सवाल ही नही है। एक जिसे ६०:४० का। जिसमें बिना किसी डिग्री अथवा शैक्षणिक लायकात वगर परमोशन के साथ डिग्री लिखने की इजाजत स्वयं सरकार देता है। वह भी कोइ सामान्य नही । जिसे हासिल करना दूसरा जनम लेने के बराबर है। लाखों में एक दो पहुंच पाते हैं। और हमारी विकसित संपन्न जिसके हर लब्ज से इत्तर की खुशबु होने का दावा करती है इसे खैरात और प्रसाद के रूप में दे देती है। उसे आइएएस और जीएएस कहा जाता है। और उससे भी बड़ी रचना में आरक्षण में एक हद तक ही संबिधान द्वारा नियत होने के बावजूद अंतिम चरण में भी रखना आज इस वैज्ञानिक युग में परेशानी का सवब बना हुवा है।और हालत यहाँ तक बदतर हो चुकी है कि लिखने के लिए यहाँ शब्द भी शरमा रहे हैं। ऐसे राज्य का और विकास वेईमानी हो जाती है जब उसके छोटे छोटे शहर गांव का मुखिया इस तरह से हो। बात निकली है दूर तक जायेगी। 
नवसारी ग्राम विकास एजेंसी नाम में ही भ्रष्टाचार नजर आ रहा है। एक एजेंसी के नाम पर अथवा एक एजेंसी में जहाँ सरकार करोड़ों रुपये खर्च सिर्फ गरीबो मजलूमों मजदूरों आदिवासियों अति पिछड़े नागरिकों को दो वक्त की रोटी मुहैया करवाने के लिए काम देती है। उस कचेहरी में ऐसे अधिकारी और कर्मचारी हैं जिन्हें हर सवाल के जवाब में एक ही जवाब ना है। ऐसे राज्य का ऐसे जिले अथवा गांव का विकास हो कैसे सकता है। यह आज हमारे जिले ही नही देश के लिए भी दुर्भाग्य पूर्ण ही नही शरमजनक है। निंदनीय है। ऐसे विकास एजेंसियों की जांच होनी चाहिए। जो हमारे गरीबो आदिवासियों मजलूमों मजदूरों के विकास में बाधा जनक हैं। जब तक हम उस आखिरी इंसान को दो वक्त की रोटी नही दे पायेंगे जिसे आज सर्वाधिक जरूरत है तबतक हम कितनी ही बड़ी बड़ी बाते करें रंग रोशन लगाने का प्रयास करें। सभी बेईमानी होगी। इस समाचार को जब आप पढ़ रहे है आपसे भी गुजारिश है कि आज जब तक हम हर हाथ को काम और हर पेट को रोटी न दे पाये तब तक विकास के नाम पर धोखाधड़ी होगी। हर उस अंतिम नागरिक को जिसे आज सिर्फ़ रोटी न मिले तब तक हमें सजगता से रहना जरूरी होगा। सरकार की सभी योजनाओं का हिसाब उस व्यक्ति तक पहुंचाने में हर संभव मदद करें। आज कुछ प्रशासनिक अधिकारी कुछ तथाकथित संस्थाओ के साथ मिलकर सरकार को ही नही देश को भी बदनाम कर रहे हैं। सभी संबंधित अधिकारियों से अपील है कि सरकार के ऐसी सभी योजनाओं के बीच की दलाली की जांच करवाने के लिए हर संभव प्रयास करें। 

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