नवसारी: बीलीमोरा आइटीआई के अधिकारी
आरटीआई के भंवर में ...?
नवसारी जिले में स्वरोजगार के नाम पर डकैती !
नवसारी जिले में स्वरोजगार के नाम पर सरकार के करोड़ों रूपये का चूना लगाया गया।
नवसारी जिले में बीलीमोरा ओद्योगिक तालीम संस्था के सूचना अधिकारी की शैक्षणिक लायकात और अनुभव से सरकारी तिजोरी को नुकसान की भरपाई उनके वेतन से भरने के बजाय सरकार के खाते से चेक द्वारा भुगतान किये गये। सदर संस्था में एक सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत एक सूचना मागी गई थी। जिसमे नियम के मुताबिक समयसर सूचना न देने पर अरजदार द्वारा की गई अपील पर सूचना अधिकारी दोषी पाये गये। और सूचना अधिकार अधिनियम के नियमानुसार दोषी अधिकारी को उनके वेतन से दंड की रकम की भरपाई करना अनिवार्य है। क्योंकि यदि समयसर सूचना देते तो यह रकम निश्चित सरकार की तिजोरी में जमा थी और इसे वापस देना नही पड़ता।
इस तथाकथित संस्था जिसके द्वारा सरकार को स्वरोजगार के नाम पर करोड़ों रूपये का चूना लगाया जाने की खबरे चल रही हैं। और जिसकी जांच के लिए गुजरात सतर्कता आयोग द्वारा किये जाने के लिए संकेत मिल रहे हैं। ऐसी संस्था के सूचना अधिकारी श्री सरकार के खाते से अरजदार को चेक द्वारा भरपाई कर दिये। हालांकि ए संगीन जुर्म है। सरकार आज जब सबसे अधिक कर्ज में डूबी हुई है। महगाई मंदी की प्रमुख जड़ भ्रष्टाचार है। ऐसी हालात में सरकारी तिजोरी को सरकारी अधिकारी स्वयं खाली करने और बदनाम करने पर उतारू हैं। इस समाचार की गंभीरता को लेकर संबधित अधिकारी और मुख्यमंत्री श्री क्या उचित कार्रवाई करेंगे? क्या विकास और समृद्धि की राह में ऐसे अधिकारियों की जरूरत है?
क्या सरकार को ऐसे अधिकारियों को बदनाम और भ्रष्टाचार करने वालो को छूट देनी चाहिए? ऐसे कई सवालों के जवाब जिसे गरीब दलित आदिवासी किसान, आर्थिक पिछड़े ,बेरोजगार नागरिक इंतजार कर रहे ह़ै। नवसारी जिले के आइटीआई बीलीमोरा में सूचना अधिकार अधिनियम 2005 , सेवा का अधिकार अधिनियम 2013 , भ्रष्टाचार अधिनियम 1986,गुजरात सेवा वर्तणुक अधिनियम 1971 ,लघुतम मासिक अधिनियम 1948 वगैरह सभी जन हित के कानून कायदे की धज्जियां उड़ाई जा रही है। निरीक्षण के दौरान सूचना अधिकारी ने किसी भी कायदे को मानने अथवा पालन करने से छटकते हुए पाये गये। गंदगी का साम्राज्य स्थापित करने वाले अधिकारियों की शायद अभी तक कोई जांच नही हुई। पूरी व्यवस्था चौपट नजर आ रही थी। आज भी इस वैज्ञानिक युग में लगभग ऐसी कोइ तालीम नही है जिसे एक से दो महीने में पूरी की जा सके। उदाहरणार्थ दो पहिया वाहन रिपेयरिंग । और इस तथाकथित संस्था के पास जो वर्षों से सिर्फ तालीम देने में महारथ हासिल है। यहां कोइ भी तालीम एक महीने में पूरी नही होती।फिर इनके माध्यम से संस्थाओंं ने कैसे ऐसे कामो को अंजाम दिया। करोड़ों रुपये तालीम में खर्च होने के बाद भी रोजगार की हालत बद से बदतर क्यों है ? आज सभी रोजगार देने वाले क्षेत्रों की हालत दयनीय है। लाखों रोजगार देने वाली कंपनियां दिवालिया घोषित कर चुकी हैं। कहीं न कहीं सरकार गफलत खा गई है। और अब सरकार खुद समझ नही पा रही है कि करें तो करें क्या ? इसे समझने के लिये मंहगाई मंदी और सरकार के बदलते तेवर से समझा जा सकता है। सरकार बड़ी बड़ी योजनाओं में अपनी वाहवाही करने के लिए जीवन जरूरी सभी चीज वस्तुओं में एक तरफ टेक्स में बढ़ोतरी के साथ डीजल पेट्रोल गेस जो निहायत जरूरी हैं उसके भाव भी बढ़ा दिया। रीढ़ की हड्डी समझे जाने वाले फ्युल के बढ़ते ही सभी वस्तुओं के दाम ही नही बढ़े । व्यापारियों उद्योगपतियों किसानों को आखिरी पायदान पर लाकर खड़ा कर दिया है। जिसका परिणाम आज सबके सामने है। और उससे भी ज्यादा हालत खराब सरकार के प्रशासनिक अधिकारियों ने भ्रष्टाचार को शिष्टाचार मानकर कर दिये हैं। आज यहाँ भ्रष्टाचार को ज्यादातर अधिकारी अपना अधिकार मान बैठे हैं।
यह हमारे देश का दुर्भाग्य है कि आरक्षण के भरोसे विकास और उन्नति और समृद्धशाली राज्य की कल्पना की जा रही है। आज धर्म और विज्ञान में हमें विज्ञान की ज्यादा जरूरत है। धर्म में इतना आगे निकल चुके है । कि शायद एक सदी तक यदि हम सिर्फ़ वैज्ञानिक पद्धति से ही काम करें। फिर भी धर्म का भंडार कम नही होगा। और अब समय आ चुका है कि हम हर हाथ को एक वैज्ञानिक पद्धति की शिक्षा देकर काम पर लगायें। परन्तु ऐसे अधिकारियों को पहले छांंटना होगा जो सरकार में काम से ज्यादा आरक्षण के मुताबिक वेतन चाहते हैं। और यहाँ एक बार नौकरी मिल जाये फिर काम से ज्यादा भ्रष्टाचार को अपना अधिकार समझ चुके हैं। सरकार बदलने और नयी नयी योजनाओं से आज तक विकास चरम सीमा पर न पहुंचने का कारण ये तथाकथित अधिकारी हैं। भ्रष्टाचार नियम बनाने से नही अमल करने से खत्म होता है। अब देखना दिलचस्प होगा कि इस समाचार की गंभीरता को ध्यान में लिया जाता है कि अरजदार को किसी न किसी गलत आरोप में फंसाने जिसे आज बहुतायत देखा जा सकता है।अथवा उपरोक्त भ्रष्टाचार से निकलने के लिए एक दूसरा भ्रष्टाचार....
1 comment:
Aapki ray....~
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