Sunday, May 30, 2021

डाक्टर भगवान का स्वरूप अथवा यमराज...!

             
मीडिया के सवालों से बचते
नवसारी जिला आरोग्य अधिकारी श्री जांच पड़ताल करवायेंगे 
अथवा ....? 
                 
 डाक्टर भगवान का स्वरूप                 अथवा यमराज...!
                                  आज लगभग पूरी दुनिया कोरोना महामारी से त्राहिमाम हो चुका है। परंतु अभी तक इस वायरस के बारे में इसकी चिकित्सा के बारे में आधुनिक वैज्ञानिक चिकित्सा पद्धति की और इसके विशेषज्ञों के साथ विश्व स्वास्थ्य संगठन WHO की मानें तो कोई ठोस दवा नहीं मिल पाई है। सिर्फ मेडिकल ट्रायल बेस पर चिकित्सा की जाती है। फिर भी ऐसी भयंकर महामारी के उपर जिसके बारे में जानकारी प्राप्त नहीं हो पाई है फिर भी मृत्यु दर 3% के आस पास तक ही पहुंच पाती है। जिसे आधुनिक चिकित्सा पद्धति हो आयुर्वेदिक उपचार हो नैसर्गिक उपचार पद्धति हो अथवा अन्य सभी पद्धतियों ने अपना अच्छा रोल अदा किया है। और आज इन सभी के साथ शासन प्रशासन जिन्हें स्वास्थ्य के बारे में  ज्यादा ज्ञान भी लगभग नहीं होता फिर भी आज सभी रात दिन संसाधनों को जुटाने में इतनी मेहनत किया और आज भी कर रहे हैं।  सभी प्रशंशा के पात्र हैं। जिस देश में दवाओं चिकित्सा से अधिक ताली और दीपक जलाकर बीमारियों को बढ़ाने पर विश्वास हो वहां ऐसा चमत्कार होना यह भी अपने आप में एक दिव्य शक्तियों का चमत्कार से जोड़कर माना जा सकता है।  जहां डाक्टरों से ज्यादा भगवान पर विश्वास हो वहां ऐसे चमत्कार होना स्वाभाविक है। और आज इस देश में ऐसा मानने के पीछे ऐसे तबीब है जिनसे नफरत होना लाजिमी है। आज तबीबी एक बड़ा व्यापार बन चुका है। आज तक धर्म और राजनीति को ही कोसा जाता था। परंतु एक वायरस आज सभी की पोल पट्टी खोल कर रख दिया। डाक्टर जिसे भगवान का स्वरूप पहले माना जाता था आज यह सबसे निचले पायदान पर पहुंच जाते इसमें अब शक की गुंजाइश नहीं है। ऐसे कई डाक्टरों को आप सभी जानते होंगे कुछ समय पहले एक सामान्य वाहन नहीं था आज कुछ ही समय में ए अमीरों की श्रेणी में आ गये। अब यह सिर्फ प्राईवेट अस्पतालो में ही नहीं सरकारी अस्पतालों में भी देखा जा रहा है। नवसारी सिविल अस्पताल आज भ्रष्टाचार के मामलों में सबसे अग्रणी है। कोरोना वायरस सरकारी हॉस्पिटल और चिकित्सकों की लापरवाही से कई जाने जा चुकी है।
      नवसारी जिले में ऐसी कई कहानियां आज सिर चढ़कर बोल रही हैं। और सबसे दिलचस्प बात यह है कि हमारे शासन प्रशासन के अधिकारी और राजनेता सभी प्रकार से मिल रहे सबूतों के बावजूद चुप्पी साध ली है। और सरकार के सभी नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही है। परंतु सभी कायदे कानून यहां सिर्फ और सिर्फ गरीब मध्य म वर्गों के लिए पाई जाती है। बिन जरूरी इंजेक्शन वेंटीलेटर ओक्सीजन लेबोरेटरी का खर्च लगाकर लाखों रुपए का बिल बनाना आज प्राईवेट अस्पतालो में सामान्य हो चुका है। जिसकी एक झलक यहां दिख रही तस्वीरों में देखा जा सकता है। 

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