स्वतंत्र भारत के जलते प्रश्न
भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करने के लिए
नया दीपक जलाएं
आज हर जगह हमारे स्वतंत्र भारत के लगभग सामान्य से सर्वोच्च पद पर बैठे कर्मचारी अधिकारियों को एक डर इतना परेशान कर रहा है कि वह आज न ही कायदे से काम कर रहे हैं न ही आज वह खुद जी पा रहे हैं।और हालत बद से बदतर हो चुकी है। आज हमारे प्रशासनिक अधिकारी जिनके पास दुनिया से भ्रष्टाचार खत्म कर नया भारत बनाने की शक्ति है। आज वही मजबूर हैं। आज हम इस भ्रष्टाचार को तब तक खत्म नहीं कर पायेंगे जब तक हम शिष्टम को स्वतंत्रता से काम करने की छूट नहीं देंगे। शासन में जिसे भी बैठना हो नेता बनना हो बने। परंतु किसी भी नेता को हमें प्रशासन की स्वतंत्रता में दखलंदाजी करने संबिधान से खिलवाड़ नहीं करना चाहिए। आज हमारे जांबाज अधिकारी इतने भयभीत हो चुके हैं कि इनकी कठपुतली बनने में अपने आप को मजबूर पा रहे हैं।
आज भ्रष्टाचार के खिलाफ बोलने की हिम्मत अधिकारियों में नहीं दिखाई दे रही है। शिक्षा सुरक्षा स्वास्थ्य आज सभी के ऊपर कब्जा हो चुका है। आज हमारे पास एक विशाल और पारदर्शी जांबाज देशभक्त अधिकारियों की हर विभाग में फौज है । हमारे यह सभी अधिकारी एक ही समय में आज इस भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करने की ताकत रखते हैं। और आज एक छोटी डर से जी रहे । मगर यह भी आज सोचना होगा कि आप की यह सामान्य डर एक छोटा सा डर सभी की डर मिलकर कहीं कोई बड़ा माहोल खराब कर रहे हैं।
उदाहरणार्थ आपके इलाके में एक छोटा सा गेरकायदेसर अड्डा चल रहा है उससे फ्लर्ट नहीं पड़ता परंतु एक एक सभी जगह मिलकर गुजरात के जांबाज देशभक्त सुरक्षा विभाग को जो बनाया है उसे लिखना भी उचित नहीं। शिक्षा विभाग में सरकारी स्कूलों में एक बच्चे के पास साफ सफाई का काम करवाने लड़कियों के पास काम करवाने से कोई फर्क नहीं पड़ता परंतु ऐसा ही सभी सरकारी स्कूलों में होने की वजह से आज हमारे सभी स्कूल की सफाई होने के कगार पर हैं। स्वास्थ्य विभाग को सर्दी हुई कोई फर्क नहीं सब मिलकर केन्सर हो गया अब फर्क पड़ता है। आज हमारे प्रशासनिक अधिकारियों की हालत इतनी बिगड़ चुकी है कि उसे ब्यक्त करने के लिए कोई शब्द सटीक नहीं बैठ रहे हैं। आज हमें प्रशासन के अधिकारियों को फिर से उनकी क्षमताओं को याद और उनके साथ खड़े होने की जरूरत है। आइए हम सब मिलकर एक नये दीपक कै जलाने की शुरुआत करें।
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