Sunday, September 22, 2019

क्या आप अथवा आपका स्वजन असाध्य रोग से पीड़ित हैं ? प्राकृतिक चिकित्सा अपनायें...

प्राकृतिक चिकित्सा क्यों अपनायें ?
प्राकृतिक चिकित्सा एक संपूर्ण चिकित्सा पद्धति है जो जड मूड से सभी प्रकार के सामान्य से असाध्य रोगो को खत्म करती है
1.क्या आपको जीवन भर दवा लेने की सलाह दी गई है?
2.क्या आपको आपकी बीमारी को जीवन में एक बार होने के बाद कभी न मिटने की यानी असाध्य रोग है ऐसी सलाह दी गई है ?
3.क्या आपके जीवन में अधिक समय से दवाओ के प्रयोग से कई सारे रोग हो चुके हैं? 
4. क्या आपके जीवन में महगी दवाओं से काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है? 
5. क्या आप आनंदमय जीवन जीना चाहते हैं? 
6. क्या आप नैसर्गिक उपचार से चिकित्सा करवाना चाहते हैं ? 
7. क्या आप ध्यान सीखना चाहते हैं ?
आइये आपका स्वागत है । आपकी सभी समस्याओं के समाधान में आपकी भरपूर मदद की जायेगी।।
।     समस्या है फिर समाधान अवश्य मिलेगा। ।

कुदरती उपचार जिसे हम नैसर्गिक उपचार अथवा प्राकृतिक चिकित्सा कहते हैंआइये हम इस प्राचीन पद्धति के बारे में समझे और अपने जीवन में अपनायेंप्राकृतिक चिकित्सा का सहारा लीजिये प्राचीन काल से ही पंच महाभूतों -पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु एवं आकाश तत्व की महत्ता को स्वीकारा गया हैहमारा शरीर इन्ही पंचतत्वों से निर्मित है प्रकृति के नियमों की अवहेलना एवं अप्राकृतिक खान-पान से हमारा शरीर रोगग्रस्त हो रहा है प्रकृति का नियम है कि- प्रकृति ने जो वस्तु जिस रूप में दी है उसे उसका रूप बिगाडे़ बिना प्रयोग किया जाएपरन्तु आज के इस आपाधापी के युग में ऐसा सम्भव नहीं हो पातापरिणामस्वरूप व्यक्ति रोगी हो जाता हैप्राकृतिक चिकित्सा रोग को दबाती नहीबल्कि यह समस्त आधि-व्याधियों एवं साध्य-असाध्य रोगों को जड़-मूल से मिटा सकती हैअन्य चिकित्सा विधियों से तो सिर्फ रोगो की आक्रामकता को कुछसमय के लिए रोका/दबाया जा सकता है, परन्तु समस्त रोगों का उपचार तो प्रकृति ही करती हैप्राकृतिक चिकित्सा एक चिकित्सा पद्धति ही नही बल्कि जीवन जीने की कला भी है जो हमें आहार,निद्रा,सूर्य का प्रकाश, स्वच्छ पेयजल, विशुद्ध हवा, सकारात्मकता एवं योग विज्ञान का समुचित ज्ञान कराती हैप्राकृतिक चिकित्सा क्यों ? प्राकृतिक चिकित्सा मानती है कि सभी रोग एक हैं, सबके कारण एक हैं और उनकी चिकित्सा भी एक हैरोगों का कारण है अप्राकृतिक खान-पान, अनियमित दिनचर्या एवं दूषित  वातावरण | इन सब के चलते शरीर में विष की मात्रा [ विजातीय द्रव्य  बढ़ जातीहैजब यह विष किसी अंग विशेष या पूरे शरीर पर ही अपना प्रभुत्व जमा लेता हैतब रोग लक्षण प्रगट होते हैं इन  रोग लक्षणों को औषधियों से दबाना कदापि उचित नहीं है बल्कि प्राकृतिक चिकित्सा द्वारा विकसित वैज्ञानिक उपचारों के सहयोग से शरीर के प्रमुख मल निष्कासक अंग -त्वचा, बड़ी आंत, फेफडे़ एवं गुर्दों के माध्यमसे विजातीय द्रव्यों को बाहर निकालना उचित है तभी हम सम्पूर्ण निरोगता की ओर अग्रसर हो सकेंगेप्राकृतिक चिकित्सा में प्रकृति के पंचतत्वों के माध्यम से शरीर की जीवनी शक्ति को सजग एवं सबल बनाकर विभिन्न जीर्ण रोग-कब्ज, मोटापा, मधुमेह, बबासीर, अर्थराईटिस, रक्तचाप, लकवा, मिर्गी, अवसाद, अनिद्रा, गठिया, शियाटिका, प्रदर, स्वप्नदोष,चर्मरोग जैसे अन्य तमाम जीर्ण रोगों को जड़ से दूर किया जा सकता है
प्राकृतिक चिकित्सा के माध्यम से हम किसी भी रोग को ही मिटा सकते हैं साथ साथ हम अपने मेहनत मसक्क्त और खून पसीने की कमाई को बचा सकते हैंऔर इसी क्रम में करोडो अरबो रूपये जो हमारे देश से बाहर जा रहा है उसे भी रोक सकते हैंऔर इसके कई फायदे और भी हैं कि हमारे किसानो को एक अच्छी आमदनी भी होने लगेगीरोजगार में एक अच्छी बदोत्तरी होगीऔर यह हमारे ऋषि मुनियो के द्वारा यह चिकित्सा पद्धति और आज भी यह प्रमाणित हैइसमें कोई भी साईड इफेक्ट दुसप्रभाव भी नही हैआइये हम सभी इसमें सहभागी बने
अधिक जानकारी के लिये संपर्क करें:-

करिश्मा नैसर्गिक उपचार केंद्र

लकापुरी सोसायटी विजलपोर नवसारी-396445

संपर्क सूत्र :

9898630756 9227850786 09328014099
 

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