Sunday, September 15, 2019

RTI के भंवर में बुरी तरह फंसे ITI बीलीमोरा के अधिकारी ..? अब जाये तो जाये कहां ...!

ITI  बीलीमोरा का पर्दाफाश .. करोड़ों रुपये की कर चोरी ,नकली बिलो का लगा अंबार, लाभार्थियों को नही मिला रोजगार और संसाधन, भ्रष्टाचार के भंवर में बुरी तरह फंसे  ITI बीलीमोरा के अधिकारी और संस्थाए..? अब जाये तो जाये कहां ...!
आरटीआई के 40 दिन के बाद निरीक्षण करवाया अब मफत में देने की बारी आयी फिर भी रूपया 4600/ मांगा और वह भी सिर्फ रोकडा 
रोजगारी के नाटक में करोडो रूपये का चूना लगाया
आरक्षण से भर्ती अधिकारी अब कायदा कानून की ऐसी की तैसी करने में जुटे.. 
आदिवासियों गरीबो किसानों दलितों महिलाओं बेरोजगारों का किया गया शोषण
सूचना का अधिकार अधिनियम 2005, सेवा का अधिकार 2013, लघुत्तम मासिक वेतन धारा 1948 , गुजरात सेवा वर्तणुंक नियम 1971 वगेरे सभी नियमो का ITI बीलीमोरा में उलंघन और भ्रष्टाचार सावित 
गुजरात राज्य की ऐतिहासिक संस्कारी नगरी नवसारी जिले में बीलीमोरा शहर में एक मात्र आईटीआई संस्था आज वर्षो से नवयुवको को रोजगार के लिये कार्यरत है । परंतु जमीनी हकीकत में यहां रोजगार के नाम पर कुछ और ही कामो को अंजाम दिया जाता है। कुछ नामी अनामी संस्थाओ के साठ गांठ करकर सरकार के द्वारा दिये गये करोडो रूपये का चुना भी लगाया जाता है । जिसकी फरियाद की सत्यता जानने के लिये सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के द्वारा सूचनाए मागी गयी। परंतु कायदे की ऐसी तैसी करते अधिकारीओ ने एक गेरकायदेसर परिपत्र को दिखाकर सूचना का अधिकार अधिनियम 2005के नियम 24 जो भ्रष्टाचार को उजागर करता है। और किसी भी इसमें बख्शा नही जाता। सीधे सीधे सूचना न देकर भ्रष्टाचार को कबूल किया।और इसकी तह तक जाने लिए
 फिर से सूचना मागने को मजबूर किया। और तारीख 19/07/2019 को नियम सह आइटीआइ बीलीमोरा से पुनः सूचना मागी गई। जिसे कायदाकीय 30 दिनो के भीतर सूचना दिखानी थी। परंतु यहां जैसा कि पिछले समाचार में विस्तृत जानकारी दी गई थी कि यहाँ किस तरह सरकार को करोड़ों रुपये का पक्का बिल नही लिया गया। बिल लेना अलग यहाँ सिर्फ रोजगार जमीन को छोड़ कर सिर्फ मोटी मोटी फाइलो में ही किया गया है। आदिवासियों गरीबों दलितों आर्थिक कमजोरो ,महिलाओं ,बेरोजगारों, किसानों, के भोलेपन का जमकर शोषण किया गया है।और साथ ही सरकार को बदनाम करने की साजिश भी ।
 आज सरकार करोड़ों रूपये स्वरोजगार के लिए खर्च भी किया और पूरी दुनियां में रोजगारी के मुद्दे पर बैकफुट पर आ चुकी है। हजारों नागरिकों महिलाओं किसानों नवयुवक भाई बहनो को तालीम दी गई। और तालीम ही नही साथो साथ सबको उससे संबंधित ब्रांडेड मशीने और रोजगारी संबंधित  साधन सामग्री भी दिये गये।फिरभी पूरे नवसारी जिले में बेरोजगारी हर गली हर परिवार हर मोहल्ले गांव हो शहर हर जगह  बेखौफ घूम रही है। आत्महत्याएंं हो रही है। कुपोषण आखिरी पायदान तक पहुंच चुका है। मंदी की मार से सरकारी अस्पतालों में लाईन टूटने का नाम नही ले रही है। आज हर जगह बेरोजगारी चरमसीमा पर होने की वजह से शोषण हो रहा है। महगाई और मंदी का रोना भी बेरोजगारी की अंतिम कड़ी है। यदि हम गत तीन वर्षों की ही इन भ्रष्ट संस्थाओं की बात यदि सच मानकर देखे तो जितनी रोजगारी इन्होने दी है यदि सच मानलो तो आज हम बेरोजगारी की संख्या के बदले हमें अन्य राज्यो से ही नही बाहरी देशों से हम सामानों की जगह इंसानों का आयात करते। आज ऐसी संस्थान जो हमारे गौरव होना चाहिए । इसकी जगह हमारे लिए श्रापित हो चुकी हैं। अब जबकि इनका पर्दाफाश हो चुका है देखना होगा कि सरकार इन सारे नुकसान को कैसे वसूल करती है। और 30दिन के बाद यदि निरीक्षण करवाया जाय फिर कानूनन सभी सूचनाएं मफत मुहैया करने का प्रावधान यह अधिकार सुनिश्चित करता है। और इस संस्था ने आज तक भ्रष्टाचार की पुरानी आदत और कुछ ऊपरी अधिकारियों की सांठगांठ कर कर यह भूल ही गई कि देश अब बदल रहा है। और यह संस्था जिस ढंग से कुछ बेबुनियाद संस्थाओं के सहयोग से करोड़ों रुपये का गमन कर चुकी है। इनके साथ उन सभी संस्थाओं का पाई पाई का हिसाब लिया जायेगा। आज भारत चांद पर अपना झंडा लहरा चुका है। हालांकि वहां भी अहंकार को कामयाबी की जगह नही दी गई। और यहां एक आरटीआई हो कि आरसीपीएस सभा कायदो को भी भ्रष्टाचार के नजरिये से देखा जाता है। आइटीआइ के सूचना अधिकारी गैरकानूनी सूचना की भारी कीमत साग भाजी की दुकान समझकर माग लिए। अब जब उनसे कायदेसर भरने के लिए चालान मागा जा रहा है। फिर आनाकानी कर रहे है। और रोकड़ा भरने की सलाह दे रहे हैं। 
और तारीख 21/09/2019 को खाते में जमा रुपया 4600/- जमा होने के बावजूद सूचना भेजने के लिए आनाकानी कर रहे हैं। जब कि उन्हे भेजने के लिए कई बार टेलीफोनिक सूचना दी जा चुकी है। चेक लेने यदि अधिकारी अथवा कर्मचारी भेजा गया फिर सूचना क्यों नही भेजा जा सकती। और नियम सह इतनी अवैध रकम लेने के लिए कोई तथ्य भी नही है। और इसे पोस्ट के द्वारा भी भेजा जा सकता है। अब इसकी अपील की सुनवाई भी 22/10/2019 को होने की खबरे आ रही हैं। इस समाचार पर सभी की नजरें गड़ी हुई हैं।
 अब यह गुजरात के विकास और पारदर्शक सरकार के अधिकारियों के नाम कर दिया है । और बीलीमोरा की इस संस्था की डकैती अब सबूतो के साथ उजागर कर दिया गया है। जानकारो के मतानुसार यदि इसके जांच अधिकारी नये नियमो के अनुसार जांच करे जो कि करेगें ही। इसमे बहुत सारे आयाम हैं। सभी डकैतों से सभी भ्रष्टाचार की रकम बरामद की जायेगी साथ ही उन सभी को सरकारी सेवालय का लाभ भी मिलेगा। यहाँ बहुत सारी संस्थान जिनकी रिस्तेदारी गांधी बापु ही नही गांधीनगर तक है। इसलिए इसे दिल्ली के झोली में डालना जरूरी है। अब केन्द्र सरकार किस प्रकार इन संस्थाओं के उपर अपना सिकंजा जमा पाती है। यह देखना दिल चस्प होगा। इसलिए इस समाचार की गंभीरता को देखते हुए इसे राष्ट्र भाषा में प्रस्तुत किया जा रहा है। फिलहाल इस पर सभी की नजरे लगी हुई हैं। 

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