Monday, September 13, 2021

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इंदौर

आरटीआई और एफआईआर विषय पर 63 में राष्ट्रीय आरटीआई का हुआ आयोजन। देश के कोने कोने से सैकड़ों आर टी आई एक्टिविस्टों ने लिया हिस्सा आरटीआई के तहत जानकारी न देने पर किन किन धाराओं पर लोक सूचना अधिकारियों पर दर्ज कराएं एफआईआर विषय पर ताराचंद जांगिड़ ने दिया प्रजेंटेशन पूर्व केंद्रीय सूचना आयुक्त शैलेश गांधी ने कहा हमारे लिए बिल्कुल नया सा प्रयोग

आरटीआई और एफआईआर विषय पर 63 में राष्ट्रीय आरटीआई वर का हुआ आयोजन देश के कोने कोने से सैकड़ों आर टी आई एक्टिविस्टों ने लिया हिस्सा आरटीआई के तहत जानकारी देने पर किन] किन धाराओं पर लोख सूचना अधिकारियों पर दर्ज कराएँ एफआईआर पर ताराचंद जांगिड़ ने दिया केंद्रीय सूचना आयुक्त शैलेश गाँधी ने कहा हमारे लिए बिल्कुल नया सा प्रयोग

राजस्थान से अटीवाईएको धारा 166ए, 188 के तहत एफ आईआर दर्ज कराई है।

और अधिक ताराचंद ने पॉइंट प्रजेंटेशन देकर बताया किस प्रकार से यदि लोक सूचना अधिकारी अथवा प्रथम अपीलीय अधिकारी अपने कर्तव्यों की ना करें और समयसीमा पर और सही जानकारी उपलब्ध कराएँ तो उनके ऊपर भारतीय दंड विधान और और दंड प्रक्रिया संहिता के तहत एफआईआर दर्ज करवाई 16- प्रथम अपीलीय अधिकारी द्वारा सकती है।

5- प्रथम अपीलीय अधिकारी के समक्ष लोक सूचना अधिकारी द्वारा सुनवाई के बाद सम्पक सूचना के भी रहते को स्थिति में भारतीय दंड संहिता की धारा 175, 176, 188, और 420 के तहत एफआई आर दर्ज करवाई जा सकती है।

निर्णय करने के बाद भी सूचनाएं नहीं देने को

प्रथम अपील तक का स्तर और स्थिति में भारतीय दंड संहिता की धारा 188 असद्भावना से की गयी कार्यवाहियां और दंडविधान

ताराचंद जांगिड़ ने बताया की किन नियमों के उन पर किन किन धाराओं में एफआईआर दर्ज करवाई जा सकती है।

1- लोक सूचना अधिकारी द्वारा कोई जवाब नहीं देना चारा-762) एक्ट का है।

2- लोक सूचना अधिकारी द्वारा आरटीआई एक्ट की धारा 7(8) का उघन पर भारतीय दंड संहिता की धारा 166ए और 167 के तहत एफ आई आर होगी।

3 [लोक सूचना अधिकारी द्वारा झूठी जानकारी देना जिसका प्रमाण आवेदक के पास मौजूद है इस स्थिति में भारतीय दंड संहिता की धारा 166 167, 420, 46 और 471 के तहत एफआईआर दर्ज होगी ।

4- प्रथम अपीलीय अधिकारी द्वारा निर्णय नहीं किये जाने की स्थिति में भारतीय

420 के तहत एफ आई आर दर्ज हो सकती है। 7- लोक सूचना अधिका अपीलीय अधिकारी द्वारा आवेदक को धमकाने की स्थिति में आईपीसी की धारा 506 के तहत एफआईआर दर्ज करने का प्रावधान है।

3 सूचना अधिकारी द्वारा कभी सूचना नहीं देने की स्थिति में आईपीसी की धारा 406 और 420 के तहत एफआईआर दर्ज किये जाने का प्रधान होगा।

19 पीओएफएओ द्वारा लिखित में ऐसे कथन करना जिसका झूठ होना पाँईओ एफएओ को ज्ञात हो और इससे को सदोष हो उस स्थिति में आईपीसी की धारा 193 420, 468, और 471 के तहत एफआईआर दर्ज करवाई जा सकती है।

शेष पेज 4 पर

चंद्र अधिव

प्रथम अपील पर जायेंगे और और यदि प्रथम अपौल में निराकरण नहीं होता तो आप सूचना योग में द्वितीया आपने सोचना है की इस प्रक्रिया के साथ साथ आप भारतीय दंड संहिता और दंड प्रक्रिया संहिता के विधान के तहत भी कार्यवाही की माग कर सकते हैं और जानकारी देने और गलत भ्रामक जानकारी देने आरटीआई कानून का अर्थचन करने के लिए लोक सूचना अधिकारी और प्रथम अपीलीय अधिकारी के ऊपर एक आई आर भी दर्ज कर सकते हैं।

क्या आप कभी सूचना के अधिकार कानून के आगे भी निकलकर विचार किये हैं? मानकर चलें की याद आपको आरटीई फाइल करने के बाद जानकारी समयसीमा पर न मिले अथवा कोई जानकारी हो न मिले, इसी विषय को लेकर दिनांक 05 अथवा अधूरी और जानकारी मिले, सितम्बर शिक्षक दिवस के दिन सुबह 11 बजे अजी जानकारी दी जाय वह छूटी और से दोपहर 12 बजे तक राष्ट्रीय सूचना के गलत हो तो आप क्या करेंगे? जाहिर है आप अधिकार लेविनार का आयोजन किया गया।

पूर्व केन्द्रीय सू

कार्यक्रम की अध्यक्षता मप्र सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने की जबकि विशिष्ट अतिथि के तौर पर पूर्व केन्द्रीय सूचना आयुक्त शैलेश गाँधी, पूर्व मप्र राज्य सूचना आयुक्त आत्मदीप आरटीआई एक्टिविस्ट और चंद जांगिड़ आरटीआई एक्टिविस्ट योरेशर और माहिती अधिकार मंच मुंबई के संयोजक भास्कर प्रभु सम्मिलित हुए। कार्यक्रम का संचालन और प्रबंधन एक्टिविस्ट शिवानंद द्विवेदी, अधियानित्यानंद मिश्रा और वरिष्ठ पत्रकार मृगेंद्र सिंह द्वारा किया गया.

ताराचंद जागिड़ ने बताया कैसे आईपीसी और सीआरपीसी का उपयोग कर पीआईओ के विरुद्ध दर्ज कराएँ एफआईआर  

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