Monday, February 1, 2021

नवसारी जिले में चुनाव का माहौल चरम सीमा पर...! नेताओं और अधिकारियों का बना सिरदर्द से बड़ा दर्द...?

नवसारी  जिले में चुनाव का माहौल चरम सीमा पर...!  नेताओं और अधिकारियों का बना सिरदर्द से बड़ा दर्द...?
 गुजरात राज्य की ऐतिहासिक संस्कारी नगरी नवसारी जिला कोरोना जैसी महामारी के बाद अभी वेक्सीन से उबर नहीं पाई है।  मंहगाई बेरोजगारी भ्रस्टाचार अपना दबदबा बनाए रखा है। इसी दौरान नगरपालिका और पंचायत का चुनाव नेताओं और अधिकारियों को संपन्न करवाने की जवाबदेही भी आ चुकी है। मंहगाई बेरोजगारी भ्रस्टाचार से जूझ रही नवसारी में चुनाव नागरिकों को भी कन्फ्यूज करेंगी इसे भी नकारा नहीं जा सकता है। हर बात पर नवसारी जिले के अधिकांश अधिकारी छटकबारी और दादागिरी करते अब चुनाव की जवाबदारी में बुरी तरह प्रभावित हो चुके हैं। चुनाव की सभी गाइडलाइन को पालन करवाना टेढ़ी खीर साबित होगा। और आधुनिक भारत में शिक्षा का स्तर शोशियल मीडिया काफी हद तक अग्रसर है। पहली बार चुनावी मैदान में वकीलों ने मोर्चा संभाल रखा है। दबंगपन और धमकी के साथ देखलेने एनकेन प्रकारेण जेल भेजने वाली धमकी  अब पलटी मार चुकी है। और फिलहाल कई पार्टियों ने अपने अपने उम्मीदवार मैदान में उतार रही हैं। माहौल ठंडी का होने के बावजूद सभी के पसीने छूटने के काफी आसार हैं। चुनावी अधिकारियों का दबंगपन इस समय कितना कारगर होगा यह कहना मुश्किल दिख रहा है। सरकार की नई नई गाइडलाइन ही सरकारी अधिकारियों को सिरदर्द बन चुकी है। वर्तमान सरकार के नेताओं ने इतना प्रचार प्रसार कर चुके हैं कि सभी हद टूट गई है। जैसे सभी गलियों में छोटे छोटे बाकड़ो पर अपने नाम की तख्ती इस ढंग से लगवाया है कि सभी बाकड़ो को हटवाने के सिवाय कोई रास्ता नहीं है। दो बच्चों से अधिक को टिकट देना कितनी उम्र तक टिकट देना घर में साफ सफाई किस ढंग का टोइलेट हो कितनी बीबियां है कितने केस मुकदमे दर्ज हैं ऐसे इतनी सारी गाइडलाइन बन चुकी है उन सभी का पालन करवाने के पहले जांच करवाना आज सिर्फ प्राथमिक हो चुका है। उसके बाद सुप्रीम कोर्ट के हुक्म के अनुसार यदि कोई कमी पाई गई फिर बिना किसी जांच के ...! हालांकि इसमें कुछ नया नहीं है।आज की हालात नेताओं और अधिकारियों के द्वारा दबंगपन ही अब उन्हें परेशान करने को प्रमुखता से माना जा रहा है।
      नवसारी नगरपालिका में विजलपोर नगरपालिका के साथ आठ ग्राम पंचायत का समावेश किया गया है। नवसारी नगरपालिका के सभी अधिकारियों के द्वारा किये गये कामो से आज सरकार के अच्छे और करोड़ों रुपये खर्च किये गये कामो में भ्रष्टाचार एक सिर दर्द बन चुका है। गली गली मोहल्ले पर गैरकायदेसर नामो की तख्ती अधिकारियों के सामने सवालिया निशान खड़ा कर चुका है। लाखो रुपये वेतन और राजाशाही जैसी सुविधाओं का उपयोग करने वाले अपने आप को सीएम समझने वाले अरजदारो नागरिकों के साथ धमकी असभ्य वर्तन करने वाले अधिकारी के कामो के सामने चुनाव से हटाने के लिये भी फरियाद होना आज सरकार के लिये दुर्भाग्यपूर्ण और शर्मजनक है। यह बात अलग है कि ऐसी फरियाद कलेक्टर श्री को दी गई है। यदि इस फरियाद को राज्य चुनाव आयोग तक कलेक्टर श्री को पहुंचाने की जवाबदेही के साथ स्वयं जांच करना चाहिए। और यदि ऐसा कायदेसर किया गया फिर चल रही खबरों के अनुसार परिणाम अच्छे आने के आसार नही हैं। नवसारी विजलपोर नगरपालिका में आज 21वी सदी में गुजरात एक विकास और समृद्धशाली प्रदेश में प्राथमिक सुविधाओं का भी अभाव है। पीने का पानी तक अभी तक अधिकारी और नेतागण मुहैया करवाने में समर्थ नही है। ऐसी नगरपालिका के अधिकारी भी भ्रष्टाचार को खानगी बताते हुए अपने आप को शौभाग्यशाली समझने लगे हैं। आज सभी रोड को डामर सीमेंट से इतना ऊंचा बना दिया है कि वरसात में बीमारियों को आमंत्रण देनेवाला है। शिक्षा और सुरक्षा की सुविधाएं यहाँ नगरपालिका के अधिकारी गण देना गुनाह समझते हैं। स्वास्थ्य विभाग अब इनसे स्वयं अलग हो चुका है। 
नवसारी विजलपोर नगरपालिका में आकारणी कोभांड अधिकारियों और नेतागण की मिलीभगत की गवाही आज जन जन में व्यापक स्वरुप धारण कर चुका है। मुख्यमंत्री कार्यालय ग्राम गृह निर्माण विभाग को ,म्युनीशीपालिटी नगरपालिका कमिश्नर कचेरी गांधीनगर प्रादेशिक कमिश्नर नगरपालिका ओ सूरत कलेक्टर श्री नवसारी को, नवसारी कलेक्टर श्री अधिक कलेक्टर और अधिक कलेक्टर श्री प्रान्त अधिकारी को और प्रान्त अधिकारी नवसारी विजलपोर नगरपालिका जिन्होंने आकारणी किया उन्ही  चीफ ओफीसर श्री को दे दिया है। अब नवसारी विजलपोर नगरपालिका के चीफ ओफीसर श्री अपनी जांच स्वयं करेंगे। यदि ऐसा ही क्रम चलता रहा फिर अच्छे दिन, आत्म निर्भर भारत बनाने का सरकार की रात दिन की मेहनत करोड़ों रुपये का खर्च एक सपने के साथ सिर्फ़ एक जुमला साबित होगा। फिल हाल यह सभी अधिकारियों के एक दूसरे के उपर सिर्फ आदेश की सभी प्रतियां गुजरात तकेदारी आयोग के पास भेजे जाने की खबरे चल रही हैं। अब देखना दिलचस्प होगा कि अब कायदेसर पहले की तरह जांच होगी अथवा फिर वही क्रम दोहराया जायेगा। वैसे जानकारो की माने फिर इसे गुजरात हाईकोर्ट में इन सभी अधिकारियों के हुकमो को पार्टी बनाकर न्याय जनहित में जनयाचिका दाखल अवश्य किया जाना चाहिए। जिससे विकास और पारदर्शी सरकार की गरिमा बनी रहे । 

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