Saturday, January 30, 2021

नवसारी मार्ग मकान स्टेट द्वारा निर्मित मरोली रेलवे ओवर ब्रिज मजदूरों की जिंदगी राम भरोसे


नवसारी जिले के मरोली रेलवे स्टेशन पर बन रहा ओवर ब्रिज में मजदूरों की जिंदगी राम भरोसे ...! 
 गरीबों का शोषण अथवा भ्रष्टाचार ..! सक्षम अधिकारी की जरूरत ? 
कार्यपालक इंजीनियर करार आधारित होने से अधिकारी कर रहे हैं अनदेखी 
                          गुजरात राज्य की संस्कारी नगरी नवसारी  जिले के मार्ग और मकान राज्य की कचेहरी में आज भ्रष्टाचार वर्षो से चरम सीमा पर राज कर रहा है। नवसारी जिले के इस विभाग में आज कायदे कानून की वर्षो से ऐसी की तैसी की जा रही है। नेशनल हाइवे के बाद सबसे मंहगा रोड और मकान इसी विभाग के माध्यम से बनवाया जाता है। खास बात यह भी है कि आज गरीबो मजूरो को इसी विभाग से सबसे ज्यादा मजूरी मिल रही है । आज नवसारी जिले के मार्ग और मकान विभाग स्टेट का हो अथवा जिला पंचायत का , सरकार के हुकम का अनादर दिन दहाडे देखा जा सकता है। आज कोरोना जैसी महामारी में पूरा देश आर्थिक तंगी से गुजर रहा है। परंतु मार्ग और मकान आज गरीबो, मजदूरो, कर्मचारी गणो, आर्थिक पछात, आदिवासी महिलाओ का जमकर शोषण कर रही है । गुजरात सरकार आर्थिक तंगी से गुजर रहे व्यवस्था को सुधारने के लिये नये नये कानून बना रही है। परंतु यहां अधिकारी उस कानून की होली मना रहे हैं ।
                               कोरोना महामारी में सरकार मजदूरो का बीमा करवाने के लिये हुकम जारी करती है। और यहां अधिकारी गण है कि उस हुकम में अपना नाम ढूंढ रहे हैं। और आज तक किसी भी हुकम में किसी अधिकारी का नाम लिखने की परंपरा नही है। और सरकार ने स्पष्ट किया है कि किसी भी कायदे कानून की जवाबदारी उस कार्यालय के मुख्य अधिकारी और उस विभाग के सर्वोच्च अधिकारी की होती है । गरीबो मजदूरो आदिवासी महिलाओ के लिये भारत सरकार आजादी के तुरंत बाद मजदूर अधिनियम 1948 बनाया । और उस नियम में कई बार सुधार भी किया है। इस नियम के तहत स्पष्ट उल्लेख किया गया है कि हर महीने सरकार के नियमानुसार उन सभी मजदूरों कर्मचारियों को वेतन और जरूरी सुविधायें उस कचेरी के मुख्य अधिकारी के माध्य्म से सुनिश्चित की जाये कि उन्हें वेतन और जरूरी सुविधायें मिल रही हैं । और कोरोना काल में सभी मजदूर भाई बहनो का बीमा करवाया जाय । सभी जिले के समाहर्ता के माध्यम से एक अधिसूचना जारी की जाती है कि किसी भी रोड अथवा निर्माण में कार्यरत मजदूरो कर्मचारियों की आईडी प्रुफ के साथ  नियत फार्म भरकर  मालिक और अधिकारी के फोटो के साथ नजदीक के पोलिस स्टेशन में जमा करवाया जाय । जिससे  असमाजिक तत्वो की पहचान की जा सके । अभी कुछ महीने पहले ही ऐसी एक गेंग का पर्दाफास हुआ था। सामान्य मजदूर के रूप में काम कर रहे मजदूर मोटरसाईकिल चोर निकले थे। और सुरक्षा अधिनियम के तहद मजदूरो के लिये कई नियम सरकार श्री ने अधिकारियों को अपनाने के लिये सूचित किया है । परंतु मार्ग और मकान विभाग में आज वर्षो से सभी नियमो की ऐसी की तैसी की जा रही है । और सूत्रो के हवाले से चल रही खबरो और सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 से मिली सूचना की माने तो नवसारी जिले के मार्ग और मकान स्टेट और सुरत वर्तुळ कचेरी के दोनो मुख्य अधिकारी करार आधारित रखे गये हैं । और करार अधारित अधिकारियों के पास ऐसी कोई सत्ता सरकार ने नही दी है कि अपने ही अधिकारियों को कायदेसर कार्य करवा सकें। हालांकि इन अधिकारियों के पास एक जबरदस्त अनुभव अवश्य है। परंतु आज यही अधिकारी सेटिंग डोट कोम से वापस उसी स्थान पर आ गये । परंतु आज " सत्ता विन शानपण नकामु "  जैसी कहावत सिद्ध हो रही है । आज "पंख विना पंछी " जैसी इन करार आधारित मुख्य अधिकारियों की हो चुकी है । और आज मिल रही खबरो के अनुसार सभी अधिकारियों की इन अधिकारियो से नाराजगी स्वाभाविक भी है । 
                          नवसारी के साथ सुरत जिले में एक सरकार के नियम के मुताबिक सूचना मांगी गयी जिसमे बदली होने और करने की वास्तविकता का पर्दाफास हो चुका है । सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के नियम 4 ब के अनुसार सभी सूचना अधिकारियो को खुद अपने अपने कार्यालय के 17 मुद्दों को स्वयं 15 मई तक प्रकाशित करना होता है। जिसमें मिली सूचना के अनुसार अधिकांश अधिकारियो को इस नियम के बारे में पता ही नही है। अब देखना दिल चस्प होगा कि उपरोक्त समाचार को गंभीरता से लेकर कार्यवाही करते है कि इस कायदे को भाई  भाई मानकर इसकी दीवाली मनाते हैं ।

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