Tuesday, March 16, 2021

नवसारी जिला पंचायत में सूचना का अधिकार लकवाग्रस्त ....! गैरकायदेसर एरकंडीशन का लाखो रूपये का बिजली बिल की अधिकारियों के वेतन से काटने की जवाबदारी किसकी ...?




नवसारी जिला पंचायत में सूचना का अधिकार लकवाग्रस्त ....!

गैरकायदेसर एरकंडीशन का लाखो रूपये का बिजली बिल की अधिकारियों के वेतन से काटने की जवाबदारी किसकी ...?       

गुजरात की ऐतिहासिक और संस्कारी नगरी नवसारी जिले में जिला पंचायत के सुपर स्टार अधिकारियो की कायदेसर सरकार के सभी कायदा कानून के पालन करवाने की जवाबदेही है । परंतु जमीनी हकीकत में आज सबसे पहलेे यहां  अधिकारी खुद ही कायदे का उल्लंघन करते नजर आ रहे हैं। नवसारी जिला पंचायत में सरकार के हुकम के मुताबिक जिसमें स्पष्ट उल्लेख किया गया है। कि वर्ग एक से चार तक के सभी कर्मचारी और अधिकारियो को तीन से पांच वर्ष में बदली कर दिया जाये। जिस कायदे की जमीनी हकीकत जानने के लिये नवसारी जिला पंचायत में सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 जिसे सिर्फ और सिर्फ जन हित और भ्रष्टाचार से संबधित सूचनाए अधिकारियों के द्वारा आम नागरिको को प्रदान करने के लिये बनाया गया है। आज इस नियम की वजह से देश में कई भ्रष्टाचार उजागर हुए हैं  । पूर्व प्रधान मंत्री श्री मनमोहन सिंह ने अपने एक वकतव्य में कहा कि आरटीआई से भ्रष्टाचार कम हुुआ है। और इसी क्रम में देश के योगी पुरूष और दुनिया के लोक प्रिय सर्वोच्च भारत के प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि आरटीआई का मतलब सवाल पूछने का अधिकार । देश के जानी मानी हस्तियो और विद्वानो ने सुप्रिम कोर्ट तक इस नियम को सर्वश्रेष्ठ नियमो की सूची में डाल चुके हैं। शासन में भी इसे लाने की प्रकृया भी गतिमान है। परंतु मिली सूचना के अनुसार अभी तक यह कानून नवसारी जिले के जिला पंचायत मेंं कायदेसर  लागू नहीं किया गया। और कई कर्मचारी यहां पांच साल से अधिक समय से कार्यरत हैं। और इसकी जवाबदारी किसकी है ?  अभी तक कोई कार्रवाई करने में कोई दिलचस्पी नहीं बताई है।



     नवसारी जिले में अभी तक लगभग सभी कचेरियों में आज सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 को दूसरे दशक में प्रवेश होने के बावजूद  कायदेसर लागु नही हो पाया। करीबन दो वर्ष पहले गुजरात के माहिती आयोग कमिश्नर श्री आर.आर.वरसाणी श्री नवसारी जिले के कलेक्टर श्री को सिर्फ सूचना का अधिकार अधिनियम की धारा ४ ख में अमलीकरण न होने पर पक्षकार बनाकर एक आदेश किया था कि जिले की सभी कचेरियो में इसे पद्धतिसर लागु करवाया जाय । और इसी अपील की सुनवाई में नाराजगी व्यक्त करते हुए  स्पष्ट सूचना देते हुए कहा था कि अपील अधिकारी सिर्फ अपील अधिकारी ही नहि अपितु ओथोरिटी सुपरविजन अधिकारी भी हैं। नवसारी जिले के जिला पंचायत में आज पहली बार सभी अधिकारी शैक्षणिक लायकात और अनुभवी है । जिसे सरकारश्रीने विकास के लिये सोचकर भरती किया होगा । परंतु आज सब उलटा कार्य करते नजर आ रहे हैं। एयरकंडीशन सरकारी वाहनों और कार्यालय से तत्काल निकालने वाले कायदे के बारे में एक सूचना नवसारी जिला पंचायत के कार्यालय से मांगी गयी। जिसमे नवसारी जिले के जिला पंचायत के वर्ग एक के अधिकारियो ने ही अभी तक सरकार के कायदे कानून को मानने से जब इंकार कर दिया तब वर्ग दो और तीन क्यों मानें ? आज यह समझना मुश्किल हो चूका है कि सरकार ने इन्हें नौकरी दी है। कि ए नौकरशाह सरकार के मालिक हैं। 



         गुजरात सरकार के विकास कमिश्नर श्री ने सीधे साफ लिखा है कि जिस कार्यालय और वाहनों में एयरकंडीशन नहीं निकाला जायेगा । उस अधिकारी के वेतन से सभी खर्च और विजली का बिल काटा जायेगा। परंतु आज यह समझना मुश्किल हो चूका है कि इस नियम को पालन कौन करवायेगा ? नवसारी जिला पंचायत में जानकारों की मानें फिर यह जवाबदेही जिला विकास अधिकारी की होती है । परंतु अभी तक सदर अधिकारी श्री  बार बार फरियाद करने के बावजूद अपनी जवाबदेही से हट रहे है। और दिलचस्प यह है कि यह परिपत्र में सीधे जिला विकास अधिकारी को भेजा गया है। नवसारी जिला पंचायत के हिसाबी अधिकारी श्री यहां अपनी अलग सरकार चला रहे हैं। उनके जवाब कुछ और ही है सदर महाशय ने जवाब दिया है कि बिजली कनेक्शन बंद कर दिया है। अभी तक एक  अधिकारी यह नहीं बता पाए कि यह अवैध एयरकंडीशन  सरकारी कचेहरी में किस नियम के तहत लगाया गया है। नवसारी जिले के जिला पंचायत में एक सूचना मांगी गई जिसमें सरकार ने एक नियम बनाया है कि तीन वर्ष से पहले अधिकतम पांच वर्ष  तक ही वर्ग एक से चार तक के कर्मचारियों एवम अधिकारियों को रखा जाये। यह नियम यहां सिर्फ और सिर्फ जिला विकास अधिकारी को ही लागू होता है। बाकी अधिकारियों कर्मचारियों को क्यों नहीं ? इस नियम के पालन करने की जानकारी सूचना अधिकारी के पास मांगी गई  । जिसमे हिसाबी अधिकारी श्री ने ऐसी सूचना दिया है। जिसके मुताबिक इसे अभी तक यहां माना नहीं गया है। सदर महाशय जिन्हें कायदेसर सूचना देने से ज्यादा सुप्रीम कोर्ट के हुक्म की जानकारी ज्यादा होती है। आधे से ज्यादा सूचना जो निवृत्त अथवा ट्रांसफर हो गये है । उसी को दो बार कायदेसर फीस जमाकर  दे चुके हैं। और अभी तक नवसारी जिला पंचायत में सूचना अधिकार अधिनियम में अरजदारो के पास से नियम के मुताबिक फीस जमा करवाने के लिए एक एकाउंट भी सीधे केस लेने अथवा डिजिटल इंडिया के तहत जमा करने की व्यवस्था नहीं करवा पाए । आज जब गुजरात सरकार लाखों करोड़ रुपए की कर्जदार हो चुकी है ऐसे समय में यह सभी तथाकथित अधिकारियों से सरकार विकास करवा पायेगी ? यह समझना मुश्किल हो चुका है।और ऐसे कई उदाहरण हैं जिसमें नवसारी जिला पंचायत के लगभग सभी अधिकारियों के कामकाज पर सरकार को भयंकर आर्थिक तंगी से निकलने के बदले नुकसान पहुंचाने के एवीडेंस हैं। और जब एक छोटे जिले की यह हालत है फिर बाकी की हालत समझना मुश्किल नहीं है। यदि गुजरात सरकार तत्काल ऐसे मामलों में संज्ञान नहीं लेगी तब विकास भी एक जुमला ही साबित होगा। अब इस समाचार को सरकार गंभीरता से लेकर कार्यवाही करेगी अथवा अन्य । इस पर सभी की वक्र दृष्टि बनी हुई है। 



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