Tuesday, March 30, 2021

नवसारी विजलपोर नगरपालिका भ्रष्टाचार में बुरी तरह फंसी....! जायें तो जायें कहां....?

नवसारी विजलपोर नगरपालिका भ्रष्टाचार में बुरी तरह फंसी
जायें तो जायें कहां

            नवसारी विजलपोर नगरपालिका गुजरात टाउन अर्बन डेवलपमेंट एक्ट 1976 जैसे महत्वपूर्ण कायदे में परवानगी देकर स्वयं उसी कायदे की ऐसी की तैसी कर डाला। अब जब गुजरात सरकार के सतर्कता आयुक्त और गुजरात शहेरी ग्राम गृह निर्माण विभाग ने ऐसे संगीन मुद्दे पर जवाब मांगा है। फिर तथाकथित अधिकारी श्री भ्रष्टाचार जैसै मुद्दे को गुमराह करने में जो जवाब दिया है। वह काबिले तारीफ है।
नवसारी विजलपोर नगरपालिका में कोरोना जैसी महामारी से जन जन के साथ पशु पक्षी तक जब त्राहिमाम हो चुके थे। ऐसे समय में यहां भ्रष्टाचार अधिनियम की धज्जियां उड़ाई जा रही थी। और उसका पर्दाफाश मीडिया में हो चुका है। और अब ऐसे तजुर्बेदार अधिकारियों के अनुभवी कामों की जांच हो रही है। शिकायत कर्ता ने गुजरात सरकार की सबसे लोकप्रिय कानून गुजरात अर्बन टाउन प्लानिंग डेवलपमेंट एक्ट1976 के तहत जिस कानून के तहत  सभी निर्माण करने की इजाजत मिलती है। उसी कानून की किताब में यदि परमीशन के अलावा किसी भी प्रकार से अधिक अथवा अलग निर्माण किया जाये उसे जमींदोज करने की खुली छूट दिया गया है। सूत्रों के हवाले से मिली सूचना के मुताबिक नवसारी विजलपोर नगरपालिका के क्षेत्र में ज्यादातर बहुत मंजिला मकान आज वर्षों से निर्माण मनमानी ढंग से कर रहे हैं। और यदि इसी तरह ऐसे बिल्डिंगों का निर्माण होता रहा फिर विकास भी एक जुमला बन कर रह जायेगा। ऐसी खबरों की सत्यता जानना आज सभी नागरिकों का संबैधानिक हक है। परंतु सत्ता पाने के लिए पहले जो एक बार लाइन में खड़े रहते हैं। सत्ता मिलते ही सब भूल जाते हैं। नवसारी विजलपोर नगरपालिका में अभी 15 वर्ष पूर्ण होने के बावजूद भी सूचना का अधिकार अधिनियम 2005जैसे जन हित के नियमों को लागू नहीं किया गया है। आज नवसारी विजलपोर नगरपालिका में सरकार के लगभग सभी नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैैं। सत्ता बदल जाती है अधिकारी बदल जाते हैं। परंतु भ्रष्टाचार करने की कोशिश कभी नहीं बदलती। गुजरात अर्बन टाउन प्लानिंग डेवलपमेंट एक्ट 1976 जो सरकार की सबसे लोकप्रिय कानून है।इसी कानून के तहत अवैध निर्माण की जांच कर रिमोव डिमोलेशन करने की मांग की गई। और गुजरात सतर्कता आयुक्त ने इसमें अपनी दिलचस्पी दिखाई है। और मामले को संज्ञान में लेते हुए जवाब मांगा गया है।और नवसारी विजलपोर नगरपालिका के तथाकथित अधिकारीगण सवाल जिसे अंजाम देने के लिए काफी मेहनत मसक्कत किया गया है। उसके जवाब में नगरपालिका एक्ट 1963 का हवाला दे रहे हैं। जानकारों की मानें तो तथाकथित अधिकारी गण यह भूल चुके हैं कि 1976 और 1963 में सीधे तेरह साल का फ़र्क है। और यह अंक ऐसे धार्मिक अनुभवी अधिकारियों के हित में नहीं माना जाता है। और नगरपालिका एक्ट 1963 की दुहाई देने वाले अधिकारियों को जानना जरूरी है कि शिकायत कर्ता ने स्वभंडोण के लिए आकारणी न करने अथवा नगरपालिका के हित में एनकेनप्रकारेण स्वभंडोण जमा करना अथवा नगरपालिका एक्ट 1963 के तहत कार्रवाई करने की कहीं कोई जिक्र नहीं किया गया है। ऐसे नियमों की दुहाई की जरूरत नहीं है। गुजरात सरकार के कानून के तहत इसे किसी भी रूप में गलत ठहराया नहीं गया है। परंतु नगरपालिका अधिनियम 1963 के तहत आकारणी करने में मालिकाना हक नहीं मिलता है ऐसे किसी भी नियम के तहत जांच नहीं मांगी है। सरकार के नियमों के तहत सिर्फ इसे रिमोव डिमोलेशन जिसे पहले से ही कानून बनाया है। सिर्फ उसकी अमलीजामा पहनाने की मांग की गई है। और तथाकथित सभी अधिकारियों को भ्रष्टाचार अधिनियम 1986 जिसे सुधार कर 2018में फिर से नया रूप दिया गया है। ऐसे नियमों के तहत कार्रवाई की मांग की गई है। परंतु यहां जांबाज अनुभवी अधिकारी गण गुमराह करने के चक्कर में खुद गुमराह हो रहे हैं। अब इन्हें आज यह समझना होगा कि सरकार अब हर जगह परिवर्तन कर रही है। और इसके लिए एक बेहतरीन टेक्नोलॉजी भी ईजाद करने में सफलता प्राप्त कर चुकी है। अब सरकार को गुमराह करना संभव नहीं है।
जानकारों के मुताबिक दिये गये जवाब में जांबाज अधिकारी श्री अपने द्वारा किए किये गये खेल को स्वयं कबूल कर लिया। जवाब में तथाकथित अधिकारी श्री ने जवाब दाखिल किया है कि बिल्डिंगों में योजना बद्ध भ्रष्टाचार हुआ है। और शायद यह भूल गये है। आज जानना जरूरी है कि जब किसी भी निर्माण के लिए परमीशन दी जाती है । तत्काल निर्माता उसकी शुरुआत करने के साथ साथ एक दर्जन इंजीनियर और नगर नियोजन के करीबन आधा दर्जन इंजीनियर और सभी तथाकथित अधिकारी जिन्हें सरकार राजशी ठाट बाट के साथ सभी ऐशो आराम की सुविधा देती है।ए सभी किस दुनिया में थे।  सरकार के पास न नोट छापने वाली मशीन है।न नोट कहीं पेड़ पर लगते हैं।न ही एक किसी राजा के रिश्तेदार हैं ।और न ही जनता संबैधानिक तरीके से भी कहीं भी अपने रात दिन मेहनत मसक्कत खून पसीने की कमाई खाने का हक देती है। यहां जानकारों की मानें तो किसी भी भवन निर्माण में यह सभी मिल जुलकर इस भ्रष्टाचार को अंजाम देते हैं। नवसारी विजलपोर नगरपालिका के पास रोड कलर करने के लिए करोड़ों रुपए का फंड है। भ्रष्टाचार करने के लिए आरसीसी रोड पर डामर चढ़ाकर सरकार को गुमराह करने के लिए करोड़ों रुपए है। डान्सिंग फुवारा बनाकर करोड़ों का चूना लगाने के लिए धन की कोई कमी नहीं है। अरबों खरबों रुपए की बिल्डिंग बनाकर लावारिस छोड़ देने के लिए धन की कोई कमी नहीं है। नवसारी शहर आज गंदगी का शहर बना हुआ है। आज अरबों रुपए की दस दस मंजिला मकान में रहने वाले नागरिकों के लिए एक अग्निशामक मशीन लेने के लिए धन अथवा कोई कार्रवाई क्यों नहीं किया गया। आज सभी तथाकथित अधिकारियों को भ्रष्टाचार से बनते  बिल्डििंगों के ऊपर सरकार के नियम के मुताबिक डिमोलेशन करना रिमोव करने के कायदे गायब कैसे हो जाते हैं। सूत्रों के हवाले से चल रही खबरों के अनुसार ऐसे अधिकारियों के मोबाइल ऩबर से ही जांच कर उनकी अवैध संपत्ति जल्द ही जप्त की जा सकती है। और मोजूदा सरकार के पास ऐसी सभी तकनीक मौजूद हैं। पूरा खाका तैयार है। और इसकी भव्य शुभारम्भ योगी सरकार दिल खोलकर कर रही है। करोड़ों अरबों की बिन अधिकृत निर्माण बिना किसी अदालत कोर्ट के आदेश के दिन दहाड़े बेधड़क सीधे जमींदोज कर रही है। और ऐसे निर्माण जिसमें सरकार के नियमों की अवहेलना मात्र भी सिर्फ अंदेशा पाया जाता है उसे तत्काल प्रभाव से एक सामान्य नोटिस देकर छुटकारा पाना अब सरकार की प्राथमिकता है। वैसे भी आज देश में लाखों करोड़ों केस न्यायालय में जूझ रहे हैं। ऐसे समय में तब जब सरकार एक महामारी से बेरोजगारी और मंहगाई भ्रष्टाचार से मुक्त होने के लिए सभी प्रयास करते हुए आज अंतिम पायदान पर पहुंच चुकी है। ऐसे समय में भ्रष्टाचार के मामलों में सभी बिन अधिकृत निर्माण को नाबूद और तथाकथित अधिकारियों की सभी प्रकार की संपत्ति लेना और सरकारी सेवालयो में सेवा कार्य आज सरकार की प्राथमिकता है। और इसमें सिर्फ अधिकारियों को ही नहीं बड़े बड़े धुरंधर राजनेताओं को भी सामिल किया गया है। जिसे आज सभी विपक्षी पार्टी के नेताओं में देखा जा सकता है। एक ही रात में नतमस्तक होना एक ऐसी तकनीक का नतीजा है।
आज सरकार के पास सबसे अच्छी टेक्नोलॉजी है। और नवसारी विजलपोर नगरपालिका के तथाकथित अधिकारीगण ऐसे जवाब देकर छुटकारा मिल जाएगा के बदले सरकार का फायदा बताकर नियमों को समझने के बजाय उनका अनुसरण करने के बजाय गुमराह करते करते खुद गुमराह हो चुके हैं। और तब जब इसकी जांच गुजरात सरकार की सतर्कता आयुक्त खुद ही कर रही हैं। अब देखना दिलचस्प होगा कि नवसारी विजलपोर नगरपालिका के तथाकथित अधिकारीगण गुजरात अर्बन टाउन डेवलपमेंट एक्ट 1976 जिसके नियमों के तहत परमीशन दे चुके हैं। उसकी धाराओं को एक खुद पढ़ेंगे कि इनको अन्य धाराओं के तर्ज पर सरकार तालीम देगी। वैसे ऐसे मामलों में गुजरात हाईकोर्ट अपना रुख और फैसला पहले ही सुना चुकी है। जिसे वलसाड और सूरत अहमदाबाद में ऐसी बहुत मंजिलों को ध्वस्त करने वाले हुक्म से जाना जा सकता है।

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