Thursday, August 29, 2019

नवसारी जिले में वासदा प्रायोजन वहीवटदार कार्यालय से करोडो़ रुपये भ्रष्टाचार और कर चोरी नवसारी जिला विकास अधिकारी के कचेहरी पर ठहरी - RTI

नवसारी जिले में वासदा प्रायोजन वहीवटदार कार्यालय से करोडो़ रुपये भ्रष्टाचार और कर चोरी नवसारी जिला विकास अधिकारी के कार्यालय पर ठहरी - RTI 
नवसारी जिला विकास अधिकारी के अमलीकरण अधिकारियो की हालत बद से बदतर बुरी तरह फंसे
     अब जायें तो जाये कहां ....?

नवसारी जिला विकास अधिकारी के सभी अमलीकरण अधिकारी सूचना न देकर भ्रष्टाचार की दलदल में फसे
          तारीख पर तारीख....? 
                   नवसारी ,जलालपुर, गणदेवी ,खेरगाम, वासदा, चिखली  तालुका विकास अधिकारियोंने सरकार की योजनाओ में  नवसारी जिले में करोडो़ रुपये का भ्रष्टाचार किया और  पक्का बिल न लेकर सरकार को कर न देकर चूना लगवाया । यह जानकारी एक आरटीआई के माध्यम से मिली है। आज सरकार की लगभग सभी कचेरियों में सरकार की योजनाओं के तहत करोडो रुपये का फंड प्रत्यक्ष अथवा जिला आयोजन अधिकारी एवम प्रायोजना वहीवटदार कचेरी वांसदा से आता है। और उस फंड में यहां अधिकारी वर्षो से लूट मचाने के लिए कुछ संस्थाओं को तय कर रखा है। और ए सभी संस्थान आज तक फर्जी काम करने में माहिर हैं। और हालत बद से बदतर हो गई है। पिछली सरकार के एक रूपये मे पंद्रह पैसे मिलने की खबरें आज तक धूम मचा रखी है। हालांकि बाकी सभी पचासी पैसे गायब करने वाले उस सरकार में भी थे, इस सरकार मे नये नाम और नये पद पर आज भी हैं।  किसी सरकार को यहां टीका टिप्पणी की कोइ स्थान और मकसद नहीं है। यहां सिर्फ़ और सिर्फ गरीबो दलितों, आदिवासियों, मजदूरों, किसानों, बेरोजगारों, महिलाओं के उत्थान और विकास में सरकार की योजनाओं और पिछले दरवाजे से दिन में ही अधिकारियों के द्वारा डाली जा रही डकैती का है। और देखने वाली बात यह है कि यहाँ इसको जांच करने के लिए और कार्यवाही के लिए सरकारी अधिकारियों की पूरी फौज तैनात है।इसलिए सामान्यतः किसी को शक करने की गुंजाइश नही होती। परंतु हकीकत को झुठलाया भी नही जा सकता। और आज जब इन डकैतों की पोल खुल चुकी है। करोड़ो रूपये की कर चोरी इसका सिर्फ़ एक सामान्य पहलू है। सभी सामान हकीकत में खरीदे गये हैं। अथवा उसी को डिजिटल इंडिया के तहत थोड़े आकडों के फेरबदल करके अपडेट किया गया है। अब एक नया सवाल उत्पन्न हो गया है। पिछले कई वर्षो से एक दो आइटम रिपीट की जा रही हैं। अब उन सबकी गिनती हो और फिर से टोटल मारा जाये । एक नया भ्रष्टाचार जरूर निकलेगा। उसकी वजह यह है कि नवसारी जिला विकास अधिकारी  के  हुकम के बावजूद भी सूचना देने से सभी तालुका विकास अधिकारी जिला  आरोग्य अधिकारी जिला खेतीवाडी अधिकारी जिला सिंचाई अधिकारी जिला शिक्षा अधिकारी वगेरे तमाम कायदेसर सूचना देने से बचते नजर आ रहे हैं। हालांकि ए पहला मामला नवसारी जिले के जिला विकास अधिकारी का नही हैं। हर बार इनके किसी भी हुकम का न पालन होता है। न ही आज तक अपने हुकमानुसार कायदेसर पालन करवाने की कोइ क्षमता पायी गई। गुजरात माहिती आयोग कमिश्नर के हुकमकी भी यहाँ जमकर अवहेलना हो रही है। हर वर्ष कुछ न कुछ खरीद परोख्त की जाती है। और सरकार के अधिकारियों को अभी तक यह समझने में काफी परेशानी क्यों हो रही है कि पक्का बिल के बिना इसे पास करने में उन्हें कायदेसर जेल जाना अनिवार्य हो सकता है। नवसारी जिले में गरीबो, आदिवासियों, किसानों दलितों , बेरोजगारों के विकास का जिम्मा नवसारी जिला विकास  अधिकारी का है। लगभग 90% नागरिक इनके ही विस्तार मे रहते हैं। और यह सभी फंड   प्रायोजना वहीवटदार वासदा से आता है। और विकास बेरोजगारी के नाम पर यहाँ अधिकारियों के द्वारा कायदेसर  डकैती डाली गई है। हालांकि ऐ सब अंजाम पढ़े लिखे अधिकारियों के द्वारा किया गया है। इसलिए बिल्ली के गले में घंटी कौन बांधे वाला मुहाबरा जैसी हालात हो गई है। नवसारी जिले के लगभन सभी अधिकारी इसमे से निकलने का रास्ता ढूंढने में व्यस्त हैं।अब जायें तो जायें कहां। समय के चक्र ने ऐसा लपेटा है कि निकल पाना संभव नही। नवसारी जिला विकास अधिकारी के कार्यालय में सभी सबूत मौजूद हैं। और आखिर में उन्हीं के  अधिकारियों ने फंड को बिना सभी आवश्यक दस्तावेजों के  रिलीज किया है। मामला पूरा साफ आइने की तरह स्पष्ट हो चुका है। सीधे सीधे अमलीकरण अधिकारियों  की जवाबदेही बनती है। इन सभी दस्तावेजों के साथ संबंधित विभागों में जांच करवाने के लिए नोटिस और समयबद्ध तरीके से केस फाइल करनी चाहिए। परंतु  नोटिस जारी और  इंतजार करना शंकास्पद के दायरे में ले जाने के बराबर है। और मामला साफ है। अपने ही जिले मे अपने ही अधिकारियों से जवाब न ले पाना सक्षमता की तरफ भी एक इशारा है। सरकार के द्वारा दिये गये फंड से ब्रांडेड कंपनियों के नाम का सामान और पक्का बिल न प्रेषित करना भ्रष्टाचार को दर्शाता है। और  को कबूल करने के बराबर भी माना जाता है । फिर भी सिर्फ़ और सिर्फ़ नोटिस और तारीख पर तारीख का मतलब जानकारो और विद्वानों के मंतव्य लिखना,शब्दों के साथ अन्याय होगा। दुर्भाग्य पूर्ण और शरमजनक शब्दों से परिभाषित करना, सरकार को चूना लगाना, जमकर डाली डकैती जैसे शब्द हकीकत होने के बावजूद इसे समय के चक्र में डालना बेहतर मानना ठीक होगा। अब देखना दिलचस्प होगा कि सारे सबूतों और गवाहो को मद्देनजर रखते हुए नवसारी जिला विकास अधिकारी, नवसारी जिला समाहर्ता के साथ इससे संबंधित अधिकारी अपनी क्या प्रतिक्रिया व्यक्त करते हैं। औरो की तरह ऐसे सवालों का जवाब मागना जो कि एक संबैधानिक हक है। नवसारी जिले में सभी संबंधित अधिकारी भ्रष्टाचार के खिलाफ जांच के साथ विकसित देश  भारत के प्रधानमंत्री की भ्रष्टाचार विरुद्ध भारत के तहत कार्रवाई करेंगे। अथवा सवाल पूछने वालों को ही किसी न किसी जाल में फसवाकर दूर करने की कोशिश करेंगे। अभी फिलहाल कुछ वर्षो से सवाल पूछना देशद्रोही मानने वालो की भारत देश में   एक लंबी फेरहिस्त है। इन सभी सवालों के ऊपर सभी की नजरे गड़ी हुई हैं। 
आज तक मिली सुचना अधिकार अधिनियम के तहत सैकड़ों संस्था के पास योजनाओं के लिए कोई तालीम केंद्र है ? इन संस्थाओं के पास किसी भी प्रकार का सरकारी दस्तावेज है? जिन लाभार्थियों को लाभ पहुंचा उनका कोई पता मोबाइल नं. है? इतने सारे स्वरोजगार के लिए तालीम फंड दिये वह सभी धरती पर है ? अरबो रूपये की ग्रांट के बावजूद गरीबी बेरोजगारी बढ़ क्यों गई। बेरोजगारों और रोजगार प्राप्त करने वालो की लिस्ट के साथ जमीनी हकीकत में कहां हैं। फाइलो में लाभार्थियों को मिलने वाले सामान की कीमत इतनी महगाई के बावजूद भी दिये गये आकडे से इतना कम क्यो..? ऐसे हजारों सवाल आज अपने आप में हिसाब माग रहे हैं। हालांकि अभी यह सूचना अपने आप में परिपूर्ण है। इसके आगे देखना दिलचस्प होगा कि इसके जांच और सर्वश्रेष्ठ अधिकारी अपनी भूमिका किस प्रकार निभाते हैं..?



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