सुलतानपुर शिक्षा के क्षेत्र में शोषण भ्रष्टाचार और व्यापार ...!
जवाबदेही सरकारी अधिकारी कुंभ निंद्रा से ..?
आज शिक्षा को एक सरल धार्मिक पवित्र तरीकें से व्यापारी करण किया गया है। कुछ अधिकारियों ने गांधी दर्शन से मान्यता दी है। गुजरात से पधारे मानव अधिकार संस्था के प्रदेश अध्यक्ष ने आकस्मिक मुलाकात से एक कोन्वेंट स्कूल में पाया कि यहाँ शिक्षा के नाम पर डकैती डाली जा रही है। विद्यालय में पढने वाले मासूम बालक और बालिकाओं को एक सजायाफ्ता कैदी की तरह अंधेरे कमरे और बिजली राम भरोसे में शिक्षा दी जा रही है। और तथाकथित अभिभावक शिक्षा ही जीवन का आधार गुरु भगवान से बडा़ जैसी मान्यताओं से बंधे होने के नाते कभी फरियाद भी नही करते। शासन प्रशासन के साथ यहां जन जागरूकता मीडिया जैसे विद्वानों ने कभी आवाज तक नही उठाई। हद तो तब हो गई जब यहाँ कि शिक्षको को सिर्फ तीन हजार रूपये मात्र वेतन दिया जाता है। योगी सरकार कितनी भी दावा करे नये नियम बनाये ट्रांसफर करे उससे यहाँ के प्रशासनिक अधिकारियों को कुछ भी फर्क नही पड़ता। इन सड़े गले उधार बासी परंपराओ से मुक्ति सिर्फ इतने नियमो से काम नही चलेगा। सभी नियमो को गुजरात मोडल की तरह करना पड़ेगा। यहां आज तक एक सीसीटीवी तक सरकारी अधिकारी नही लगवा पाये। आज बहुत ही सुनहरा समय है कि उत्तर प्रदेश की राज्यपाल गुजरात की पूर्व मुख्यमंत्री हैं। उसका भरपूर लाभ उत्तर प्रदेश सरकार को लेना चाहिए। कम से कम शिक्षा आरोग्य और विकास अधिकारियों को गुजरात से लाकर तालीम लेना चाहिए। और यहाँ ज्यादातर भ्रष्टाचार में डूबे अधिकारी अपने आप को ईमानदार बताने में लगे हैं। इस समाचार को अब यहाँ के संबंधित प्रशासन और शासन कितनी गंभीरता से लेता है । वह जांच की जायेगी अथवा सभी की तरह ठंडे बस्ते में डाली जायेगी। इस समाचार का भविष्य ही बतायेगा। और यहाँ किसी को भी कोइ शिकायत हो अथवा समाचार की सत्यता पर शक हो । यहाँ किसी भी विभाग का पर्दाफास करवाना चाहते हैं। सभी शर्ते मान्य होंने पर एक एक कचेरी का पर्दाफाश बडी़ ईमानदारी से किया जायेगा। आप सभी को आमंत्रण है।
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