RTI के भंवर में फंसे ITI बील्लीमोरा के अधिकारी ..? रोजगार के नाम पर भ्रष्टाचार ...!
नवसारी जिले में आज वर्षों से स्वरोजगार, तालीम, बेरोजगारी, दलित ,आदिवासी, गरीब आर्थिक पिछड़े किसान महिला जैसे शब्दों के पीछे सरकार करोड़ों रुपये प्रति वर्ष खर्च कर रही है। और हमारे सर्वोच्च अधिकारी और राजनीतिक ऩेता गण जमकर अपना मान सम्मान बढ़ाने और मीडिया में फोटोग्राफी समाचारों में टीआरपी ले रहे हैं। परन्तु जमीनी हकीकत में इतने वर्षों के बाद भी हमारे किसानों मजदूरों महिलाओं आदिवासियों बेरोजगारों की वर्तमान हालत पर नजर डाली जाये । फिर इतनी सारी खर्च और मेहनत के सामने बद से बदतर पायी जा रही है । आखिर यह सब खर्च किये गये पैसे कहां गये? इतनी सारी व्यवस्था इतने रोजगार तालीम इतने सारे साधन बांटे गये। इतना रोजगार हर वर्ष दिया गया। किसानों को सभी प्रकार के कृषि उत्पादन क्षमता को बढाने के जमीन से लेकर मार्केट तक हर सुविधाएं दी गई। महिलाओं को हर संभव तालीम दी गई। सभी प्रकार के साधन उपलब्ध कराने के प्रयास किये गये। बेरोजगार नवयुवक नागरिकों मजदूरों आदिवासियों दलितों को लगभग सभी यथासंभव तालीम दी गई। फिर भी आज सुधार क्यों नही आया।हर वर्ष करोड़ों रुपये सिर्फ सरकार उत्थान और विकास बेरोजगारी जैसे मुद्दे से बाहर निकलने हेतु खर्च कर रही है। फिर भी हमेशा एक ही मुद्दे पर सरकार फंस जाती है। सरकारे बदल जाती हैं। मुद्दे वहीं के वहीं । इसकी कोइ जड़ है जो पकड़ में नही आ रही है। और आज देश खुद ऐसे मोड़ पर आ गया है कि अपने आप को संत महात्माओ को सौप चुका है। जिसके ऊपर शंका करना अन्याय होगा। और देश को आगे ले जाने में आज ऐसी सरकार अपने आप को न्योछावर कर रही है जिनको संसार के मायाजाल से कोइ दूर तक लेना देना नही है। और इतिहास बदलने की क्षमता रखने वाले आज सभी प्रकार का जोखिम उठा चुके हैं। और यदि फिर भी विकास न हुआ। तब आगे कुछ होगा यह असंभव नही तब भी कठिन जरूर होगा। और इन सब में जो तथ्य सामने आया है वह मात्र और मात्र भ्रष्टाचार। नवसारी जिले में सरकार प्रायोजन वहीवटदार कार्यालय जिसमें सुपर क्लास वन के अधिकारियो के साथ पूरी फोज सिर्फ़ और सिर्फ़ गरीबो मजदूरों आदिवासियों किसानों बेरोजगारों दलितों महिलाओं पिछड़ो जैसों के उत्थान और विकास के लिए ही तैनात की है। और इन सभी के विकास के लिये हर वर्ष करोड़ों रूपये दिल खोलकर खर्च करती है। एक बार यदि एक हजार व्यक्ति को नोकरी अथवा स्वरोजगार मिल जाये । फिर एक हजार परिवार की जिन्दगी का विकास की गाड़ी पटरी पर आ जाती है। और यह अपने आप आगे बढ़ने लगती है। परन्तु वर्षो बीत गये। अभी भी यह अरबो खरबो रुपये खर्च करने के बाद यह कलंकित मुद्दा जिसमे सरकार की बेइज्जती ही नही शर्मसार हो रही है। अभी भी जिन्दा ही नही चरमसीमा पर विकास कर रही है। खरेखर यह बेरोजगारी कुपोषण भुखमरी अकालमौत वगैरह शब्द इतनी मेहनत मसक्कत करोड़ों खर्च के बाद मिटने की जगह यदि बढ़ रहे हैं। और सिर्फ इसलिए कि यहाँ भ्रष्टाचार हम रोक नही सकते। यह हमारे सभी के लिए दुर्भाग्य पूर्ण और शर्मिंदगी की बात है। ऐसे सभी को चाहे ए किसी भी पद पर हों। शासन हो कि प्रशासन। चल रही खबरो और जानकारों के अनुसार इन सभी जिम्मेदार अधिकारियों की यदि कायदेसर जांच की जाय फिर एक भी बाहर नजर नही दिखेंगे ।
नवसारी जिले में बील्लीमोरा शहर में तालीम के नाम पर एक आइटीआई तालीम जो वर्षों से कार्यरत है। सिर्फ़ एक विभाग ने पछले तीन वर्षों में उपरोक्त विभाग से करीबन तीन करोड़ रूपये लिए। और जब कायदेसर आर टी आई के द्वारा हिसाब मागा गया । आरटीआई से मिली सूचना के अनुसार आरटीआई के नाम पर सूचना अधिकारी अरजदार से रूपया 4600/- का चेक लेकर आइटीआई के खाते में जमा करने की जगह बीआरफार्म के खाते में जमा कर चुके हैं।तारीख 21/09/2019 को जमा होने के बाद नियमानुसार 7 दिन में सूचना देने के बजाय अभी और टाईम पास क्यों कर रहे हैं समझना मुश्किल है। और आज और सरकार के किसी भी नियम को मानने से इंकार कर चुके हैं। शायद अभी भी अठारवीं शताब्दी के अधिकारी अपने हिसाब से ही काम करने को मान रहे हैं। आरटीआई के जाल में भ्रष्टाचार से फसे अधिकारी अब जाये तो जाये कहां।अब देखना दिलचस्प होगा कि उपरोक्त सूचना की गंभीरता से लेकर संबंधित अधिकारी इसकी जांच करवाकर ऐसे ईमानदार अधिकारियों को सरकारी सेवालय का लाभ दिलवायेंगे कि अपनी अपनी दीवाली मजबूत करेंगे।
No comments:
Post a Comment