Friday, October 11, 2019

नवसारी जिले के विजलपोर नगरपालिका में शुद्ध पानी की किल्लत..? अवैध व्यापार में विकास ...?

विजलपोर नगरपालिका में शुद्ध पीने का पानी मुहैया कराने में पोलीसी की दिक्कत ....?
विजलपोर नगरपालिका में करोड़ों रुपये का अवैध व्यापार ?
नवसारी शहर से सटा हुवा विजलपोर नगरपालिका में आज वर्षो से करोड़ों रूपये के पानी का अवैध व्यापार शासन प्रशासन की मिलीभगत से खूब जोर शोर से चलाया जा रहा है। अभी तक सिर्फ सुरक्षा विभाग ही दारू शराब के व्यापार में बदनाम था। परन्तु विजलपोर के शासन प्रशासन ने मिलकर करीबन एक दशक से एक नये धंधे में अपनी प्रतिभा निखारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।आज करोड़ों रूपये गुजरात सरकार विकास के नाम पर विजलपोर नगरपालिका में दिया है। परंतु चल रही खबरों के अनुसार खर्च बिना सेटिंग के करना बेवकूफी होगी। आधे से ज्यादा नगरसेवक आज कुछ ऐसी घटना्ओं से नाराज भी हैं। ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठ सर्वश्रेष्ठ भूमिका वाले नगरसेवक के साथ चल रही खबरें अशोभनीय हैं। तानाशाही और हिटलरशाही ने आज विजलपोर नगरपालिका को अपने आगोस में ले रखा है। चंदन तलाव में कभी चंदन की खुशबू होती होगी। आज वहाँ कुछ ईमानदार शासन प्रशासन के अधिकारियों ने मिलकर इसे गटर और बदबूदार तलाव में तब्दील कर दिया है। चंदन तलाव अरबो लीटर पानी से भरा ही नही अब सड़ भी रहा है। फिर भी विजलपोर के नागरिकों को शुद्ध पीने लायक पानी न देना एक तानाशाही और हिटलर शाही का प्रतीक है। वैसे यहाँ हिटलर का नाम लेना उसकी भी बदनामी होगी। क्योंकि हिटलर अपने राज्य में पानी की कमी नही होने दिया था। ऐसी स्थिति तानाशाह हिटलर ने कभी अपने राज्य में नही आने दी। विजलपोर नगरपालिका में प्रशासन के लिए अधिकारी भी आने से बचते हैं। यहाँ का शासन के रवैये को देखते हुए यहाँ आज तक कोई भी अधिकारी आने को तैयार नही है। विजलपोर नगरपालिका जब खुद ही अवैध निर्माण करती हुई पकड़ी गई। और आज यह हालत वर्षों से चल रही है। इसकी जानकारी के लिए उसके बगल में ही देखी जा सकती है। हालत यहाँ तक खराब है कि विजलपोर नगरपालिका में अवैध निर्माण की वजह से विजलपोर की गलियां इतनी तंग हो चुकी हैं कि एक बीमार व्यक्ति को सरकार यदि चाहे तो भी फ्री में भी उसके ही वाहन नही जा सकते।दक्षिण गुजरात वीज कंपनी में  कायदे कानून की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। सकड़ी गलियों के बीच में खंभे लगाकर और भी तंग करने की प्रथा बंद होने का नाम नही ले रही है।और यह सब सिर्फ चंद लोगों की वजह से हो रहा है। हाल में विजलपोर नगरपालिका में कार्यरत मुख्य अधिकारी को कुछ समय पहले ही कार्यालय में ताला जड़कर अंदर जाने से रोक दिया गया था।आज ऐसे अधिकारी कायदे कानून के जानकारी होने के बावजूद भी निरस्त हालत में हैं। करोडो रूपये का पानी का व्यापक व्यापार में भ्रष्टाचार के सामने सिक्युरिटी कर रहे हैं। और उपरी अधिकारी भी अपनी अपनी दीवाली के चक्कर में यहाँ के गरीबों के जीवन से होली खेल रहे हैं। प्रादेशिक कमिश्नर सूरत में सरकार नये नये अधिकारियों को रखकर जैसे कोइ रिसर्च कर रही है। और उस प्रयोगशाला में विजलपोर भी एक भाग है। आज यहाँ विकास की नई चमक के बजाय इसे अधिकारियों ने रिसर्च सेंटर बना लिया है।और यह रिसर्च आज व्यापार में बदल चुका है। सुरक्षा विभाग की नई शुरुआत हुई। फायदा यह हुवा कि जिसे असमाजिक तत्वो को अवैध व्यापार को हटाने की जिम्मेदारी दी गई आज वही उधकी सुरक्षा में तैनात हो चुके हैं। आज गरीब दलित आदिवासी आर्थिक पिछड़े शोषित बेरोजगार जैसे शब्द राजनीति में एक प्रमुख भूमिका निभाने के काम आ रहे हैं। इन शब्दों का प्रयोग कर कोई भी पार्टी सत्ता हासिल कर लेती है। यह शब्द मात्र आज सत्ता की सीढ़ी के काम में लाये जाते हैं। वैसे हकीकत में इनसे कोई लेना देना नही है। जानकारो के मंतव्य के अनुसार इन शब्दों को दूर करना मतलब अपने पैर में कुल्हाड़ी मारना सभी पार्टियां समझती हैं। इसलिए विकास को जोड़कर इनको भ्रमित करना एकदम आसान है। अब फिलहाल ऐसे शब्दों की गरिमा बनाये रखना सरकार की मजबूरी है। इसलिए इसे अब समय के चक्र में छोड़ कर समय के लिए इसे यहाँ विराम देना जरूरी होगा। इसे समय ही सुधार सकता है। प्रादेशिक कमिश्नर सूरत से टेलीफोनिक मुलाकात में अभी भी पोलीसी में अटकल जल्द ही दूर परंतु समय की गारंटी नही बताया । शायद अभी तक विजलपोर नगरपालिका के नागरिकों के नसीब में पानी खरीदकर ही पीना बाकी है। शुद्ध पानी न मिलने पर नागरिकों में सरकार से भरोसा हुवा कम। जानकारो के मुताबिक अधिकारियों और नेताओं में इच्छा शक्ति की कमी के साथ अवैध व्यापार में मिलीभगत के आसार होना मुमकिन बताया जा रहा है।

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