Monday, December 14, 2020

नवसारी जिले में आदिवासियों के आयुर्वेदिक अस्पताल की जमीन पर सरकारी अधिकारियों ने मिलकर किया कब्जा ...! निर्माण कार्य शुरु ...



नवसारी जिले में एक बार  फिर सरकारी अधिकारियों ने सरकार के आदिवासियों की स्वास्थ्य के लिए आवंटित जमीन को किया जबरन कब्जा ..! 

मानव अधिकार संस्था आदिवासियों के आयुर्वेद अस्पताल वाली जमीन के लिए नवसारी कलेक्टर के साथ गुजरात के मुख्य मंत्री श्री को हस्तक्षेप करने की मांग 

मार्ग और मकान के सचिव एस बी वसावा और पंकज कुमार अग्र सचिव से मांगा जवाब 

सरकार के आर्थिक तंगी और करकसर वाले हुक्म अधिकारियों ने बनाया जुमला 

कोरोना महामारी में सरकारी दवाखाना की जगह बंगला 

      नवसारी जिले के वांसदा क्षेत्र में आदिवासियों, मजदूरो, दलित शोषित, वंचितो की संख्या सबसे अधिक है। गुजरात सरकार की इसी इलाके में आदिवासियों के समृद्धि विकास के लिए एक कचेहरी भी खोल रखा है। और वहां आदिवासी भाई बहनो की सभी जीवन जरूरी सुविधाओं पूरी करने विकास और समृद्धि  के लिए ट्राइबल सब प्लान के नाम से विभाग ही खोल रखा है।और एक इसी वर्ग का अधिकारी के साथ पूरी फौज खड़ी कर रखी है।और प्रतिवर्ष गुजरात सरकार करोड़ों रुपये खर्च भी करती है।सरकार की नीति और नियम पर आज सभी गर्वान्वित हैं। परंतु फिर भी आदिवासियों के दिन बदल नही रहे हैं। इनकी रात इतनी बड़ी कैसे हो गई कि सवेरा ही नही हो रहा है ? इसकी जांच किया गया फिर पता चला कि यहाँ आदिवासियों के साथ सरकारी अधिकारी दिल खोलकर शोषण कर रहे हैं। और सबसे बड़ी दिलचस्प जो दिखाई दिया वह यह कि आदिवासियों को लूटने शोषण करने वाले ए सरकारी अधिकारी के रूप में जो डकैती डाल रहे हैंं। ए कोई और नही ए सरकारी अधिकारी में लगभग सभी आदिवासी क्षेत्र से ही हैं। आदिवासी होने के नाते ए पढ़े लिखे जानकर अधिकारी गण गरीब भोले भाले आदिवासी भाई बहनो को अपने जाल में फंसा लेते हैं। और आज भी वही हो रहा है ए आदिवासियों को आयुर्वेदिक अस्पताल के लिए आबंटित जमीन को जबरन बिना किसी नाम के अस्पताल की जगह बंगला बनाने वालो में नायब कार्यपालक इंजीनियर, मामलतदार और प्रान्त अधिकारी अभी तक जितने विद्वान अनुभवी कारीगर तक मिल रहे हैं। सभी आदिवासी क्षेत्र से हैं। और अब इसी क्रम में जांच करने वाले और जो भी मिलने की आशा हो रही है सभी इसी क्रम में पाये जा रहे है। और यहाँ आदिवासी का कोइ अलग अर्थ लिखने का कोइ मकसद नही है। अब लोहा लोहे को काटता है। अब यह जांंच नवसारी कलेक्टर के साथ उच्च अधिकारियों से होती हुई मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप की मांग के साथ न्याय मंदिर तक जाने को तैयार है। और वहीं चल रही खबरो के अनुसार इन आदिवासी, गरीबो महिलाओं, दलितों, वंचितो, अनाथ, असहाय, बेरोजगारों के लिए सरकार के द्वारा बनाये जाने वाला सरकारी आयुर्वेदिक अस्पताल की जगह बंगला बनाने के पीछे हो चुकी बारदात की जांच मानवाधिकार संस्था इसमें सभी शामिल अधिकारियों की संपत्ति की जांच करवाने का भी आदेश दे सकती है। और जानकारो की माने तो यदि संपत्ति की जांच करवाई गई जो कि अब जांच करवाना अनिवार्य भी हो चुका है। बड़े भयंकर राज खुलने की शंका को इंकार नही किया जा सकता है। 
   नवसारी जिले के मार्ग मकान ( स्टेट) के करार आधारित अधिकारी और नायब कार्यपालक इंजीनियर किस आधार पर किस नाम से इसके निर्माण के लिए माप करवाये ? टेंन्डरिंग प्रक्रिया किस जमीन के लिए की गई ? वर्क ओर्डर किस जमीन के लिए दी गई? जमीन सरकार के रिकॉर्ड के मुताबिक आरोग्य परिवार कल्याण के नाम पर आज भी है। यह जमीन मिल रही सूचना के मुताबिक पहले राजा की थी यह जमीन राजा ने बेचा नही है फिर किस हेतु के लिए यह जमीन सरकार के पास आई है? कलेक्टर नवसारी के पास तारीख 28/9/2020 को समय मर्यादा बढ़ाने के लिए नवसारी आयुर्वेद विभाग के द्वारा दी जा चुकी है। और गांधीनगर के आरोग्य मंत्रालय के द्वारा इसी जमीन पर आयुर्वेद अस्पताल के लिए फंड और एक बार टेंन्डरिंग प्रक्रिया पूरी की जा चुकी है। इन सभी जरूरी मुद्दों पर ध्यान क्यो नही दिया गया ? बिना किसी आबंटन के यह सभी सीधे भ्रष्टाचार है। इसे तत्काल रोककर सभी पहलुओ पर एक बार पुनः विचार करने की आवश्यकता को इंकार नही किया जा सकता। फिलहाल इस पर सभी की नजरे अवश्य रहेगी।

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