Tuesday, December 29, 2020

मार्ग और मकान (स्टेट ) सुप्रीन्टेंडेट इंजीनियर सूरत वर्तुल कार्यालय के आरटीआई के भंवर मे बुरी तरह फंसे ...!

मार्ग और मकान (स्टेट ) सुप्रीन्टेंडेट इंजीनियर सूरत वर्तुल कार्यालय के आरटीआई के भंवर मे बुरी तरह फंसे ...! 

                     गुजरात राज्य की आर्थिक राजधानी सूरत में साउथ गुजरात के पांच जिलो की मार्ग और मकान की वर्तुल कचेहरी सरकार द्वारा विकास और समृद्धि के साथ बड़े पारदर्शक वहीवट के लिए बनाई गई थी। परंतु गत कुछ वर्षो से आरक्षण और सेटिंग डोट के चक्कर में सरकारी की जगह कोन्ट्राक्ट के भेंट चढ़ गई। और आज कुछ सरकार के उच्च अधिकारियों की चंद लोभ और लालच के कारण भ्रष्टाचार के दलदल में फंस चुकी है। जिसे सरकार ने प्रतिभाशील और वैज्ञानिक ढंग से बनवाया था आज चंद करार आधारित अधिकारियों ने करप्शन का मकान बना डाला । अब सरकार आज आरक्षण से आये अधिकारियों के कारण बदनाम हो रही है। और हालत बद से बदतर होती जा रही है। गरीबो बेरोजगारों दलितों आदिवासियों मजदूरो बेसहारों  की पालनहार सरकार की सबसे अधिक नाम कमाने वाली मार्ग और मकान वर्तुल कचेरी का सर्वश्रेष्ठ अधिकारी ही जब करार आधारित हो जिसके पास खुद की कोई सत्ता ही न हो कहीं पर विकास करने और करवाने के लिए कोइ पावर न हो, फिर वह  कार्यालय का एक अनाथ और बेसहारा  होना लाजमी हो जाता है। और इसकी फरियाद की सत्यता के लिये सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 के द्वारा एक सूचना मांगी गई। और एक ही सूचना के तीन सवाल जिसके जवाब में आज यह पूरा विभाग फंस चुका है। अब जब इस पूरे विभाग का मुखिया ही करार आधारित हो तब इसके सेनापति भी सब उसी हिसाब के निकले । यह पूरा कार्यालय अब आरक्षण से निकले सेटिंग्स डोट कोम की दुनिया में कायदे कानून की दिल खोलकर धज्जियां उड़ा रहे हैं। सूरत जिसने गुजरात की सूरत बदलने के लिए सबसे बड़ी धरोहर मानी जाती है। आज इस कचेरी में गरीबो मजदूरो के साथ सिक्योरिटी के गार्डो का भी शोषण किया जा रहा है।
   सुरत के मुख्य अधिकारी के साथ विभागीय कचेहरी भी आज भ्रष्टाचार की राह पर चल रही है। वलसाड जिले के कार्यपालक इंजीनियर ने सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 की सभी हदे तोड दी। अरजदार को बिना कोई सूचना निरीक्षण करवाये सभी सूचना मिल गई है ऐसे लिखकर देने को कह दिया । अपनी पहचान उंची बताकर मुख्य अधिकारी श्री क्या साबित करना चाहते हैं ? यह समझना आज मुश्किल हो गया है। और इन्ही के मुख्य अधिकारी श्री जिन्हे सरकार करार आधारित क्यों रखा है शायद सरकार को भी पता नही है ? तापी और आह्वा जिले के मुख्य अधिकारी समाचार के लिखे जाने तक कोई जवाब अथवा सूचना कायदेसर देना शायद गुनाह समझ रहे हैं। जानकारो की माने तो यह खेल वर्षो से यहां चल रहा है। अब जब इसे गुजरात के संबधित कार्यालय में इसकी सूचना दी गई है परंतु अंत में ढाक के तीन पात ही नजर आ रहे हैं। 
              मार्ग और मकान राज्य की कचेरी आज भ्रष्टाचार से मुक्त होगी अथवा नामदार कोर्ट में तारीख पर तारीख लेकर सरकार को बदनाम करने में सहभागी बनेगी यह देखना समय चक्र में बंद है।

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