Friday, January 15, 2021

विकास कमिश्नर श्री के कारणदर्शक नोटिस से नवसारी जिला पंचायत में अफरातफरी का माहौल ...!





नवसारी जिला पंचायत में भ्रष्टाचार की जांच ..!
गुजरात राज्य विकास कमिश्नर श्री के कारणदर्शक नोटिस से नवसारी जिला पंचायत में अफरातफरी का माहौल .! 
गोचर की जमीन पर अवैध निर्माण..!                      सर्वोच्च  वेतनभोगी अधिकारियों ने अपने कार्यकाल से  गैरकानूनी एसी निकलवाने से किया इंकार..? आरटीआई से हुआ खुलासा..!
      सिर्फ लेखपालों की बदली ?    
चुनाव में सभी मसले बनेगे सरकार के अधिकारियों के  भ्रष्टाचार हवाले से बदनामी का कारण.? 

सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट का हुक्म बताकर छटकबारी करते अधिकारी विकास कमिश्नर के हुक्म का किया अनादर - RTI

 जवाबदेही से बचना मुश्किल ?

                            गुजरात राज्य की ऐतिहासिक संस्कारी नगरी नवसारी जिला पंचायत में भ्रष्टाचार आज चरमसीमा पर राज कर रहा है। रोज नये नये राज खुल रहा है। गुजरात राज्य के विकास कमिश्नर श्री हुक्म पर हुक्म कर रहे हैं।और नवसारी जिले में इसे सीधे इंकार कर दिया जाता है। जागृत नागरिको की माने तो यह मिलीभगत से ज्यादा कुछ नही है। विकास कमिश्नर सिर्फ़ हुक्म करने के लिए नही रखे गये है। यह अब जानना जरूरी है कि कायदे और संबिधान के अनुसार हुक्म के साथ उसका पालन करवाने की जवाबदेही भी विकास कमिश्नर श्री की है। हुक्म पर हुक्म के साथ सुपर विजन ओथोरिटी भी हैं। और यदि हुक्म की अमलीकरण न हो, और यदि उनकी सक्षमता अथवा अधिकार क्षेत्र से बाहर हो फिर सक्षम अधिकारी को फरियाद करना जरूरी ही नहीं अपितु कायदेसर है। और यदि ऐसा करने में कहीं भी कभी भी कमी पायी जाती है फिर कायदे के अनुसार उसी क्रम में उन्हें भी रखा जाना व्यवहारिक है। यह भी आज सभी जिले से लेकर राज्य के सर्वोच्च अधिकारियों को जानना जरूरी है कि आज राज्य से लेकर केन्द्र तक सभी महामारी से पीड़ित और एक ऐतिहासिक तंगी से पूरा देश त्राहिमाम हो चुका है। और  मालकियत हक किसी का नही होता। सभी  संविधान और बनाये गये नियमो से चल रहा है। विकास कमिश्नरश्रीने वित्त मंत्रालय के नियमो जिसे वर्षो पहले बनाया गया। उसे इस महामारी में एक बार फिर बिन जरूरी एसी कार्यालय और वाहनो से निकालने का हुकम फिर से जारी किया। अभी तक नवसारी जिले के जिला पंचायत के वर्ग एक के अधिकांश अधिकारी इस हुक्म को मानने से सीधा इंकार कर चुके हैं। और आज लगभग सभी वर्ग दो और तीन के सामान्य अधिकारी इस कायदे का उल्लंघन इनकी ही तर्ज पर कर रहे हैं। और गुजरात के विकास कमिश्नर श्री अभी तक अपने ही हुक्म का पालन नही करवा पाये। इसी तर्ज पर आज सभी कायदे कानून की अनदेखी की जा रही है। कर्मचारियों को वेतन कहीं और काम कहीँ और करवाया जाता है। इसे शोषण और भ्रष्टाचार के सिवाय कही भी स्थान देना मुमकिन नही है। सूचना का अधिकार हो या सेवा का अधिकार यहाँ अधिकारी मानने से सीधा इंकार कर देते हैं। जब सामान्य नियमो को यहाँ नही मानते फिर भ्रष्टाचार अधिनियम जिसे लागू करने में अथवा अमलवारी करने में नौकरी जाने का भय हो। उसे नवसारी जिला पंचायत में मानना संभव नही है। 
                        नवसारी जिले के नवसारी तालुका विकास अधिकारी के विस्तार में गतमास एक नया विवाद सामने आया है। जिसमे सरकारी गोचर जमीन पर और सरकारी तलाव में मिट्टी, पेड़ और मंदिर का निर्माण कर सीधे जमीन पर कब्जा करने जैसे संगीन जुर्म और भ्रष्टाचार की फरियाद हुई है। लोकचर्चा के मुताबिक गुजरात विकास कमिश्नर श्री फिर एक वार पहले एसी के तर्ज वाली जैसी नोटिस जारी करते हुए पंद्रह दिनो के भीतर जवाब मागा है। और इस हुक्म को इ मेल और रजी. पोस्ट से भेजा गया है। जिसमे चल रही खबरो के मुताबिक आज 30 दिन से अधिक गुजर चुके हैं। और यहां अभी तक तय नही हो पाया है कि इस वारदात के ऊपर जमीनी अमलीजामा कौन पहनायेगा ? हालांकि पहले की तरह यहाँ एक दूसरे को पत्र व्यवहार द्वारा छटकबारी किया जा रहा है। और दिलचस्प घटना घट रही है कि यहाँ जिसके विरुद्ध फरियाद होती है उसे ही सरकारी आरक्षण और सेटिंग्स डोट कोम से आये अधिकारी जांच कर रिपोर्ट मांगते हैं। और कायदे कानून के तजज्ञो की माने तो यह असंवैधानिक है। परंतु इसे यहां अधिकारी असंवैधानिक नही मानते। ऐसे इतनी अरजी नवसारी जिला पंचायत में की गई है जिसका जवाब और जांच यदि कायदेसर करवा दिया जाय तो सूत्रों के हवाले से मिल रही खबरो की माने तो नवसारी जिला पंचायत में एक अलग सेवालय सरकार को बनाना पड़ सकता है। और यदि इसे योगी सरकार के मुताबिक देखें फिर बेरोजगारी कम हो जाने के ज्यादा आसार हैं। क्योंकि अब योगी सरकार कोर्ट कचेरी के चक्कर से ऊपर एक नया कानून बनाकर बेरोजगारी कम करने में भ्रष्टाचार काफी हद तक कम करने में एक बड़ी सफलता ले चुकी है। और अब ऐसे कामो में गुजरात मोडल की जगह योगी मोडल का खाका तैयार होने की खबरे भी सुनी जा रही हैं। और बदली बदली कर अब सरकार भी तंग आ चुकी है। बेरोजगारी भ्रष्टाचार मंहगाई तीनो पर स्थाई समाधान अब अधिकारियों में ही देखा जा रहा है। भ्रष्टाचार बिना अधिकारियों के संमति से होना असंभव है। अब इस पर सरकार कितना कामयाब हो पायेगी इस पर सभी की नजरे लगी हुई हैं ।
 नवसारी जिले में फिलहाल चुनावी माहौल अपने अंतिम चरण पर है इसमें ऐसे मुद्दे सरकार के राजनेताओं और सर्वोच्च अधिकारियों के सामने एक चुनौती से कम नही हैं। सबसे बड़ी समस्या तब खड़ी होती है कि यहाँ सरकार के लगभग सभी नियमों को जब सरकार के अपने अधिकारी ही नही मानते फिर भ्रष्टाचार खतम करने अथवा भ्रष्टाचार विरुद्ध भारत सरकार की योजना एक जुमले से अधिक मानना संभव नही है। और इस समाचार को जब संबंधित अधिकारी और विकास कमिश्नर श्री कितनी गंभीरता से लेकर कार्यवाही करते है अथवा एक नया हुक्म..? सभी जागृत नागरिकों ,पाठको, फरियाद से पीड़ित नागरिकों, और चुनावी माहौल के पंडितों की नजरे जरूर टिकी रहेंगी। 
           

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