स्वस्थ भारत समृद्ध भारत
*1947 के पहले अंग्रेजों के गुलाम अब अंग्रेजी दवाओं के*
भारत मे आज सबसे ज्यादा मृत्यु डायबिटीज, हार्ट ,केन्सर और उससे ज्यादा इन सभी रोगो मे उपयोग की जाने वाली अंग्रेजी दवाओं के साइड इफेक्ट से हो रही है। और आज इन सभी से बचना मुश्किल है। इसमें सबसे ज्यादा भूमिका चिकित्सको की है। एक सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक जहाँ जहाँ डाक्टरों ने हडताल की उस समय मृत्यु दर घट गई।और वापस हडताल खत्म होने के बाद मृत्यु दर पुनः उसी दर पर आ गई। आज इस खेल को समझना हम सभी के लिये बहुत जरूरी है। हालत यहां तक बिगड़ गई कि आज हमारे एलोपैथी चिकित्सक भी हमारे पौराणिक चिकित्सा पद्धति और इस खेल को भूल ही गये। और खुद इस खतरनाक खेल मे खुद भी फस चुके है। गुजरात के मुख्यमंत्री श्री ने एक बार फिर अपने आयुर्वेद को एक मिशन के तौर पर लेने का संकल्प लिया जिससे हमारे आयुर्वेद और उससे जुडे चिकित्सको को फिर से बल मिला है। और आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति उनका आभार व्यक्त करती है।
आइए अब हम कुछ प्रमाण के साथ एलोपैथी और आयुर्वेद के भेद को समझने की समझने की कोशिश करते है। एलोपैथी की कोई भी एक दवा नही जिसके कई साइड इफेक्ट नही हो। किसी भी बीमारी को ठीक करने की कोई गारंटी नहीं है परंतु उसके लंबे प्रयोग से बहुत सारी बीमारी होगी यह अवश्य देखा गया है। मसलन आज हम एक सबसे प्रसिध्द पेरासिटामोल जिसे लगभग सभी बीमारियों पर और सभी घरो मे यहाँ तक कि राशन की दुकानों मे भी बेचा जा रहा है। उसे हम क्रोसीन, विक्स एक्सन 500 , कालपोल वगेरे विभिन्न नामों से जानते है। इस दवा मे लीवर खराब होगा । अब सिर दर्द अथवा सामान्य दर्द बुखार को कइ तरह से ठीक किया जा सकता है।परंतु लीवर खराब होने के बाद ठीक होने मे काफी समय ही नहीं बल्कि उसके उपचार मे एलोपैथी दवाओं के साइड इफ़ेक्ट से तीसरी भयानक बीमारी पैदा हो जाती है। और इसी क्रम मे आगे मृत्यु बिनजरूरी हो रही है। फिर हम वापस धर्म से जोडकर जवाब देते है। जो सर्वथा गलत है। आइये अपने आयुर्वेद मे इसके कीमियो को फिर से जो अनादि काल से है। उसको पुनः शुरू करें।
और दूसरी तरफ हमारे आयुर्वेद की दवाए एकदम शुद्ध है। यदि उनको ठीक ढंग से प्रयोग करें फिर वह अपना प्रभाव भी दिखाती है साथ उनके साईड इफेक्ट इतना बढियां होता है कि हमारे शरीर मे बहुत सारी बीमारी यो को ठीक कर देती है। जैसे एक खरीदो और दस मुफ्त मे ले जाओ।
आयुर्वेद और हमारे प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति से हमारे साथ देश का लाखो करोड रूपया जो हर महीने विदेशो मे जा रहा है उसकी बचत भी होगी हमारा देश बहुत जल्द समृद्धता के लिये आगे बढने लगेगा। साथ ही हमारे भाईयो बहनों को बहुत बडा रोजगार मिलेगा।
Friday, December 21, 2018
स्वस्थ भारत समृद्ध भारत मे आयुर्वेद स्वदेशी ....!
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