Sunday, June 2, 2019

सूरत मे बच्चों की करुण मौत पर तमासा और राजनीति ...! दुर्भाग्यपूर्ण और शरमजनक ...? 

सूरत मे बच्चों की करुण मौत पर तमासा और राजनीति ...! 
दुर्भाग्यपूर्ण और शरमजनक ...?
नवसारी मे एक ने ताला जड दिया ।  एक ने खोल दिया। इन अधिकारियों की कार्यवाही पर लगा सवालिया निशान ....? जवाबदार कौन?

                    आज जब सूरत मे ऐसे अधिकारियों की वजह से इनकी लापरवाही भ्रष्टाचार से २३बच्चों ने जिन्हे अभी दुनिया देखा भी नही उन्होंने अपनी जान देकर कीमत  चुकाई है।सरकार चार लाख देकर जले पर नमक मिर्ची डाल रही है। जबकि मामला साफ है कि बिजली विभाग की सीधे सीधे पहले जवाबदारी है। उन सभी जिनकी जिनकी जवाब देही है , सबको सीधे जेल मे डालने के बजाय नोटिस और बरतरफ किया जा रहा है। नवसारी सुरत वलसाड आदि सभी जिलो मे नोटिस पर नोटिस , मीटिंग पर मीटिंग का दौर चालु है। ऐसा पहले कई बार हो चुका है। अंत मे ढाक के तीन पात ही नजर आते हैं। और यह सभी उसी प्रकार चलेंंगे जैसे गुजरात मे दारू बंदी । अभी यह कोई नया कानून आग के लिए नही है। यह कई दशक पहले से चल रहा है। और आज यहाँ फिलहाल नवसारी जिले मे कायदे कानून की कोई संभावना दूर दूर तक नजर  नही आ रही है। न आज तक है न ही आगे होने की संभावना  है। सील किया कोई केस नही कोई दंड नही । पता चल रहा है कि सील मारने वाले की जगह किसी और ने ही खोलने का  हुकम कर दिया। और सील खुल गई। सुरत से चली आग नवसारी मे अधिकारियों ने बुझा दिया। नवसारी जिले में फिलहाल विद्यार्थियों की मौत का शासन प्रशासन ने तमासा बनाकर रख दिया है। शिक्षा विभाग के पास सील मारने और नगरपालिका के पास सील खोलने की कोई परमीशन नही पायी गई। फिलहाल यहाँ के अधिकारी अपने आप को किसी मंत्री से कम नही समझते। सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार इसी बहाने एक नया व्यापार और व्यवहार शुरू हो चुका है। अब देखना होगा कि बच्चों की करूण मौत इन रहम राहे, आरक्षण ,परमोशन, गांधी दर्शन, राजनीति द्वारा इम्पोर्ट किए गये अधिकारियों को सुधार पायेगी ? कि यह सरकार और अधिकारी अभी और बच्चों और नागरिकों की बलि चाहते हैं। इस पर फिलहाल सभी की नजर बनी हुई है। सूरत जिले मे अति आधुनिक फायर फाइटर    बिल्डिंगो के लिए लाई गयी। और नवसारी मेँ राजनीति के साथ तमासा किया जा रहा है। ज्यादा तर बिल्डिंग सत्तापक्ष के नेतागण    पार्टनर के साथ मालिक है। शासन के सामने प्रशासन आज बेहद कमजोर लाचार और अनाथ नजर आ रहा है। कुछ दिन तक अब इन बच्चों की मौत के उपर राजनीति शासन और प्रशासन के द्वारा की जायेगी। अंत मे फिर ढाक के तीन ...। 
फिलहाल किसी भी अधिकारी के पास कोई कार्यवाही करने की सत्ता है या नही । उस अधिकारी को भी पता होना चाहिए। यहां ऐसा कुछ नही है। नवसारी जिले मे जिन अधिकारियों की ज्यादा जरूरी हो उनकी जगह यहां खाली रखी जाती है। इसलिए बाकी इंजीनियर आराम से बच जाते हैं। जैसे बिल्डिंग इन्सपेक्टर और फायर चीफ ओफिसर, आरोग्य अधिकारी ।  नवसारी जिले मे कायदेसर बिल्डिंग तपास अधिकारी नही है। अब यहाँ शिक्षा के नाम पर नया खेल खेला जा रहा है। फिलहाल सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक लगभाग सभी प्राइवेट लुटेरो का स्कूल ही नही सरकारी स्कूलों मे ताला लग जायेगा।अब अपने ही जाल मे सरकार और उसकी गाइडलाइन आ चुकी है। 1200 स्केवर मीटर का खुला मैदानकी गाइडलाइन  सरकार और लुटेरो को भी मैदान मे लाकर खडा कर दिया।  जानकारो से मिली खबरों के हवाले से शासन प्रशासन दोनो का पर्दाफाश हो चुका है। अब आगे कौन सा कदम उठायेगे। सभी की नजरें गडी़ हुई हैं।

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