Saturday, March 9, 2019

उत्तर प्रदेश सुलतानपुर एलपीजी गेस वितरण व्यवस्था का पर्दाफाश..! अधिकारीयो के मिलीभगत का अंदेशा..? जवाबदार कौन..?

सुलतानपुर जिला आपूर्ति विभाग का हुआ पर्दाफाश ...! अधिकारियों के मिलीभगत का अंदेशा ...? जवाबदेही किसकी.....?
     भारत सरकार उत्तर प्रदेश सरकार महिलाओं की शशक्तिकरण पर कितनी भी बडी योजनाएं बनाये। परंतु जब तक व्यवस्था परिवर्तन मे सुधार नहीं लायेगी तब तक सरकार के अधिकारी सरकार को बदनाम करते रहेगें। आज रात दिन सरकार भले कडी मेहनत करें। कितने कायदे बनाये। ढाक के तीन पात ही नजर आ रहे हैँ। उज्जवला योजना के तहद सरकार ने करोडो रुपये खर्च कर रही है। महिलाओं के विकास मे सरकार दिन रात मेहनत कर रही है। परंतु जिले के आपुर्ति विभाग के अधिकारी हैँ कि सुधरने के लिए किसी भी हालत मे तैयार नही है। अभी एक नया मामला सुलतानपुर के लम्भुआ थाने के अन्तर्गत श्री शम्भू इन्डेन सर्विस रानीगंज का एलपीजी गेस वितरण एजेंसी का आया है। एक एलपीजी गेस एजेंसी जो अपने आप को मालिक समझ बैठे है। अधिकारीयो से सेटिंग डोट कोम के तहद समझौता कर कर भूल गये कि इनकी कही हर बात को तीसरी आंख से कोई और भी देख रहा है। घर घर डिलवरी करने के लिए सरकार द्वारा एग्रीमेंट करने के बाद भूल गये कि एलपीजी गेस सिलेंडर को घर घर पहुंचाना भी पडे़गा। लम्भुआ के  सदर एलपीजी गेस वितरक की फरियाद को लेकर जब गैस वितरक एजेन्ट से पर्यावरण मानवाधिकार संस्था अध्यक्ष लोक रक्षक समाचार के सम्पादक से टेलीफोनिक मुलाकात मे पूछा गया । उन्होंने बताया कि घर घर पहुचाना संभव नही।और सरकार के द्वारा इन्हें एजेंसी सिर्फ अपनी शर्तों पर ही देती है। शायद इन्हें इस एलपीजी गेस सिलेंडर के संबंधित अधिकारियों ने नही बताया होगा कि यदि घर घर न पहुंचाया जाये तब ग्राहक को रूपया बीस कम लेना होगा। और टेलीफोनिक पूछताछ मे खुद यह भी कबूल किया कि आज तक ज्यादातर भरे सिलेंडर को बिना बुक किये दे चुके है। अब भारत सरकार द्वारा सबसिडी किस एकाउंट मे जमा होता है। इसकी जांच किस किस अधिकारी की जिम्मेदारी होती है। आज इतने बडे भ्रष्टाचार मे अधिकारीयो की मिलीभगत के बिना संभव नही हो सकता। एरिया ओफीसर अपने आप को पाक साफ बताते हुए भूल गये कि जाच करने की जवाब देही उनकी भी है। और उनसे बडे अधिकारी श्री के बातचीत मे उनके मिलीभगत स्पष्ट जाहिर हो रही है। मीडिया के संपादक को कायदे का पाठ पढाने वाले अधिकारी को आज यह जानने की जरूरत है कि योगी सरकार के पास नोट छापने की मशीन नही है।न ही भारत सरकार को स्वयं संबिधान इजाजत देता है। आज भारत सरकार सबसे ज्यादा कर्जदार है। इन्डियन ओइल भारत सरकार के अन्तर्गत कार्य करती है। जिसमे राष्ट्रपति के नाम और प्रधानमंत्री श्री मुख्यतः अध्यक्ष की भूमिका मे होते हैँ। संबंधित अधिकारी गण को आज जानना जरूरी है कि उन्हें मिलने वाला वेतन और राजाशाही जैसी सुविधाओं मे गरीब मजदूर किसान के रात दिन मेहनत मसक्कत की कमाई और खून पसीने से आती है। ऐसी गैस वितरण एजेंसियों को तुरंत बंद कर देना चाहिए जो ग्राहकों के घर पर डिलवरी न देकर रोड पर दो किलोमीटर घर से दूर दे रही हैं। सुलतानपुर जिले के कलेक्टर और जिला मजिस्ट्रेट समाचार की गंभीरता को संज्ञान मे लेते हूए तत्काल जाच करवाने की जहमत उठाने की कृपा करें। जिसकी आज जरूरत और समय की मांग भी है।

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